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राजू बिष्ट ने उठाया गोरखालैंड का मामला

कहा, त्रिपक्षीय वार्ता से बार-बार हो रहे आंदोलन का स्थायी समाधान निकाले सरकार -सामरिक दृष्टिकोण स

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 07:08 PM (IST)
राजू बिष्ट ने उठाया  गोरखालैंड का मामला
राजू बिष्ट ने उठाया गोरखालैंड का मामला

कहा, त्रिपक्षीय वार्ता से बार-बार हो रहे आंदोलन का स्थायी समाधान निकाले सरकार

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-सामरिक दृष्टिकोण से न सिर्फ महत्वपूर्ण बल्कि चिकेन नेक है यह क्षेत्र

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग के सांसद सह भाजपा नेता राजू बिष्ट ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही सदन में गोरखाओं के अस्मिता से जुड़ा गोरखालैंड का मामला उठाया। दैनिक जागरण से बात करते हुए सांसद ने बताया कि उन्होने सदन को बताया कि दार्जिलिंग हिल्स, तराई और डुवार्स के लोगों की एक लंबे समय से लंबित मांगों के स्थायी समाधान की मांग की है। सदन में बताया कि हिल्स, तराई व डुवार्स के लोगों की एक लंबे समय से लंबित राजनीतिक मांग जो सन 1986-88, 2013-14 और 2017 में गोरखालैंड राज्य आंदोलन के रुप में भड़क उठी थी। सरकार पहले ही दो बार स्वायत्त निकाय डीजीएचसी और जीटीए बनाकर प्रयोग कर चुकी है। दोनों ही विकल्प एक अलग राज्य के लंबे समय से लंबित मांग के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान करने में विफल रही है। मेरा संसदीय क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। यह चिकन-नेक है। यह क्षेत्र पूर्वोत्तर से जुड़ता है। घुसपैठ के चपेट में होने के कारण आर्थिक प्रगति में बहुत पिछड़ा है। हाउस के माध्यम से एक बार फिर सरकार से मांग किया कि इस मामले में सरकार हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार व जनप्रतिनिधियों को लेकर त्रिपक्षीय वार्ता प्रारंभ करें और इसका स्थायी समाधान निकाला जाए। सांसद ने कहा कि वे इस मुद्दे का स्थायी समाधान चाहते है जिससे हिल्स के साथ तराई व डुवार्स में शांति और विकास हो सकें।


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