दवा कंपनी सेल्स कर्मचार आज करेंगे हड़ताल
-न्यूनतम 26 हजार रुपये महीना वेतन करने की मांग -समर्थन में शहर के विभिन्न स्थानों पर प्रचार अ
-न्यूनतम 26 हजार रुपये महीना वेतन करने की मांग
-समर्थन में शहर के विभिन्न स्थानों पर प्रचार अभियान
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेनटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से मेडिकल व सेल्स रिप्रेजेंटेटिव से जुड़ी मांगों को लेकर आवाज बुलंद किया गया। मंगलवार को खुदीराम पल्ली इलाके में मेडिकल व सेल्स रिप्रेजेनटेटिव का कार्य करने वाले कर्मचारियों ने एक साथ जमा होकर 16 सूत्रीय मांगों को लेकर अपनी बात रखी तथा बुधवार को देश भर में बुलाए गए हड़ताल को सफल बनाने के लिए प्रचार अभियान चलाया। 16 मांगों में कुछ मांगे राज्य व कुछ केंद्र से जुड़े हुए हैं। 16 सूत्रीय मांगों में दवाईयों का मूल्य कम करने, दवाईयों पर लगने वाले जीएसटी के दाम कम करने, सेल्स प्रोमोशन एम्लाइज एक्ट को खत्म करने का विरोध, न्यूनतम वेतन 26 हजार रूपए तय करने, मेडिकल रिप्रेजेनटेटिव को ट्रैक करने की कोशिश बंद करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार आम लोगों को स्वास्थ्य परिसेवा प्रदान करने के नाम पर स्वास्थ्य सेवा का निजीकरण करने पर आमदा है। दवाईयों का दाम निरंतर बढ़ते चला जा रहा है। दवाओं का मूल्य बढ़ने से आम लोगों का जीवन मुश्किल में घिर गया है। जनहित में दवाईओं का दाम घटना चाहिए। जीएसटी के कारण दवाईयों के दाम और अधिक हो गए हैं। इसका मार सीधे तौर पर आम लोगों पर पड़ते हुए दिख रहा है। केंद्र सरकार की नीतियों को देखा जाए तो यह आम लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहा है। कोरोना का टीका बनाने का अधिकार सरकारी संस्थाओं को न देकर इसे गैर सरकारी संस्थाओं के हाथों में देकर मुनाफा कमाया जा रहा है। यह सरकार कर्मचारी, किसान, श्रमिक तथा मजदूर विरोधी है। नए श्रमिक कानून के जरिए श्रमिकों के अधिकारों का हनन करने का प्रयास किया जा रहा है। इतना ही नहीं सेल्स रिप्रेजेनटेटिव पर इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिए नजर रखी जाती है, जिससे उनकी गोपनीयता भंग हो रही है। इन सभी विषयों को लेकर ही 19 जनवरी को मेडिकल व सेल्स रिप्रेजेनटेटिव के राष्ट्रीय संगठन की ओर से हड़ताल बुलाते हुए काम-काज बंद रखने का आहवान किया गया है। इस दिन सेल्स व रिप्रेजेनटेटिव के कार्य से जुड़े कर्मचारी पूर्ण रूप से हड़ताल पर रहेंगे।