जनस्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक व सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते है मेडिकल कचरा
इन दिनों चिकित्सकीय कचरा ही बीमारी बढ़ाने प्रदूषण फैलाने व पर्यावरण को बिगाड़ने का काम करने लगे हैं।
सिलीगुड़ी, अशोक झा। पूवरेत्तर भारत के लिए सिलीगुड़ी को स्वास्थ्य सेवाओं का हब माना जाता है। यहां देश-विदेश से चिकित्सा के लिए रोगियों का आना जाना लगा रहता है। चिकित्सकीय के कारण ही यहां सैकड़ों छोटी-बड़ी व्यवस्था के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की ओर अग्रसर है। अस्पताल हो या नर्सिग होम इनका काम बीमारों का उपचार और बीमारी को खत्म करने का है, लेकिन इन दिनों चिकित्सकीय कचरा ही बीमारी बढ़ाने, प्रदूषण फैलाने व पर्यावरण को बिगाड़ने का काम करने लगे हैं।
स्वास्थ्य केंद्रों से फेंके जाने वाले कचरा को सुनसान स्थान या छोटी नदियों के किनारे फेंक दिया जाता है। वहां से उसे कचरा चुनने में लगे छोटे बच्चों द्वारा चुनकर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इसके माध्यम से नई-नई बीमारियों का बढ़ना और इनसे लोगों को पीड़ित होने से कौन रोक सकता है।
नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल हो या अन्य स्वास्थ्य उपकेंद्र यहां मेडिकल कचरा निस्तारण में घोर लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीण अंचलों में तो मेडिकल कचरा निस्तारण के लिए कहीं बाहर ले जाने के बजाय उसे परिसर में ही महिला वार्ड के पास खुले में अवैज्ञानिक तरीके से जलाया जा रहा है। ये नहीं हो रहा है तो जहां-तहां खुले में ही फेंक दिया जा रहा है, जो कि पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। कहते हैं कि बायो मेडिकल वेस्ट स्वास्थ्य के लिए काफी घातक होता है। इसके निस्तारण के समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना जरूरी है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नुकसानदेह साबित हो सकती है। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कचरा निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है।
बेहद खतरनाक कचरे को इस तरह खुले में फेंकना या वार्ड के पास जलाना जनस्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक माना जाता है। इसके संपर्क में आने से आम लोग भी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। पूर्व विधायक सह रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन डाक्टर रुद्रनाथ भट्टाचार्य का कहना है स्वास्थ्य सेवाओं के साथ व्यक्ति विशेष के साथ किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। ऐसी शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग आवश्यक कार्रवाई करेगी। फेंके गए इंजेक्शन व दवा की खाली बोतलों से उत्पन्न हो रही समस्या, प्रबंधन होने के बाद भी इधर-उधर फेंक देते हैं गंदगी
कचरा चुनने वाले लाकर बेच देते हैं कबाड़ में
नगर निगम मेयर अशोक भट्टाचार्य ने ल क कि कचरा को जहां-तहां फेंका न जाए, इसके लिए नर्सिग होम में व्यवस्था है। इसके साथ ही किसी वार्ड मेें र्भी इस प्रकार के कचरा को फेंकने के लिए डस्टबीन उपलब्ध कराया गया है। परिसर में मेडिकल कचरा जलाने की सख्त मनाही की गई है। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई होगी’।