बहुत हुए आंदोलन,सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा :श्रमिक टिस्टा वैली चाय बागान
84 चाय बागानों के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी का मामला संवाद सूत्र दार्जिलिंग तीस्ता वैली चाय बागान

84 चाय बागानों के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी का मामला
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग: तीस्ता वैली चाय बागान के श्रमिकों का कहना है कि वह आंदोलन करके थक चुके हैं उन्हें केवल सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। उक्त मंतव्य यहां संवाददाताओं से बात करते हुए श्याम कुमार राई ने कहा कि कुछ दिन पहले गोरूबाथन ब्लाक अंतर्गत 43 नंबर समष्टि में दार्जिलिंग तराई प्लाट्स यूनियन की केंद्रीय कमेटी के निर्देश पर श्रमिकों का न्यूनतम मजदूरी लागू नहीं होती है तो 2022 के जनवरी से सड़क पर उतरकर आदोलन की बात कही थी इस संबंध में पोस्टरबाजी भी हुई जिसका हम स दार्जिलिंग के 84 बागान श्रमिक विरोध करते हैं ,और इसे हम सिरे से खारिज करते हैं। क्योंकि हम 1986 से ही आदोलन करते और देखते आ गए चाय बागान के श्रमिकों के लिए हुए आदोलन से कोई लाभ नहीं हुआ वर्ष 2007 में भी आदोलन हुआ हमें कुछ भी नहीं मिला उक्त दोनों आदोलन ने हमें 40 से 60 वर्ष पीछे धकेल दिया ,इस वजह से हम आदोलन के पक्ष में नहीं हैं । उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी महामारी के समय में भी चाय श्रमिकों से भेड़ बकरी की तरह काम लिया गया श्रमिकों की समस्या देखने के बाद इन सभी समस्या को लेकर सपना माझी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी अधिवक्ता वंदना राई और अधिवक्ता प्रताप खाती सहयोगी थे, हम आशावादी हैं कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट 84 बागान के श्रमिकों को न्याय देगा उन्होंने ट्रेड यूनियन के नेताओं से भी अपील की कि हमारे इस कार्य में साथ दें बाधा ना दें। आज इतनी महंगाई है और 202रुपये में काम करने को बाध्य हैैं ,हमारी सहूलियत घटा दी गई। हमें ट्रेड यूनियन से कुछ नहीं मिला, इसलिए हम आदोलन के पक्ष में नहीं है सुप्रीम कोर्ट की ओर से 9 दिसंबर को दार्जिलिंग के भानु भवन में सुनवाई हुई व दूसरी सुनवाई फरवरी में है, हमें भारत के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है ।
Edited By Jagran