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बंगाल में दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत की सीबीआइ जांच कराने की मांग, गृह मंत्री को लिखा पत्र

बंगाल में बुधवार व गुरुवार को 24 घंटे के भीतर दो भाजपा कार्यकर्ताओं के शव पेड़ से लटके मिले जिसके बाद एक बार फिर इसको लेकर भाजपा व तृणमूल आमने-सामने है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 05:12 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 05:12 PM (IST)
बंगाल में दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत की सीबीआइ जांच कराने की मांग, गृह मंत्री को लिखा पत्र
बंगाल में दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत की सीबीआइ जांच कराने की मांग, गृह मंत्री को लिखा पत्र

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में बुधवार व गुरुवार को 24 घंटे के भीतर दो भाजपा कार्यकर्ताओं के शव पेड़ से लटके मिले, जिसके बाद एक बार फिर इसको लेकर भाजपा व तृणमूल आमने-सामने है। शुक्रवार को इस घटना को लेकर बंगाल से दो भाजपा सांसद सौमित्र खान एवं निशिथ प्रमाणिक ने केंद्रीय गृह मंत्री को चिट्ठी लिखकर सीबीआइ जांच कराने की मांग की। भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया है कि यह दोनों हत्या है और इसके पीछे सत्ताधारी दल को जिम्मेदार ठहराया है।

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दरअसल बुधवार को पूर्व मेदिनीपुर जिले के कछुरी गांव में भाजपा कार्यकर्ता पूर्णचरण दास का शव पेड़ से लटका मिला तो गुरुवार को दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर में भाजपा बूथ सचिव गौतम पात्र का शव भी पेड़ से लटका मिला। दोनों के परिजनों और प्रदेश भाजपा ने तृणमूल पर हत्या का आरोप लगाया है। हालांकि तृणमूल ने आरोपों को खारिज किया है। इस बीच शुक्रवार को विष्णुपुर से सांसद सौमित्र खान एवं कूचबिहार से सांसद निशिथ प्रमाणिक ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा।

उन्होंने दोनों हत्याकांड की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की। इसके साथ ही इस पत्र में भाजपा सांसदों ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है एवं विरोधी दल के नेताओं व कार्यकर्ताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है इसलिए धारा 356 लगाना आवश्यक हो गया है। बताते चलें कि हाल में बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमताबाद से भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ राय का शव भी फंदे से संदिग्ध हालत में लटकता हुआ मिला था।

भाजपा ने इसे भी हत्या बताते हुए इसके पीछे तृणमूल का हाथ बताया था। भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने विधायक की हत्या को लेकर राष्ट्रपति व गृह मंत्री से भी मुलाकात की थी और सीबीआइ जांच की मांग की थी। वहीं, पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया था और राज्य सरकार ने इस घटना की सीआइडी जांच के आदेश दिए थे, जिसकी जांच चल रही है।


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