16 पैकेट ब्राउन शुगर के साथ एक गिरफ्तार
जागरण संवाददातासिलीगुड़ीएक गोपनीय सूचना के आधार पर त्रिपुरा के जीआरपी एवं एसबी के साथ आरप
जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी:एक गोपनीय सूचना के आधार पर त्रिपुरा के जीआरपी एवं एसबी के साथ आरपीएफ अगरतला ने रेलवे स्टेशन से 16 पैकेट ब्राउन शुगर के साथ एक महिला को गिरफ्तार किया। वह सिलचर - अगरतला स्पेशल से यात्रा कर रही थी। उसके साथ उसका पति भी यात्रा कर रहा था, जो वहा से भागने में कामयाब रहा। पूछताछ किए जाने के दौरान यह पता चला कि महिला का म्यामार-मणिपुर-दीमापुर से त्रिपुरा एवं मुम्बई तक काफी तगड़ा नेटवर्क है। बरामद की गई सामग्री का बाजार मूल्य करीब 6 लाख रुपये है। इससे पहले घर से भागी एक बच्ची को पूसी रेलवे के आरपीएफ की टीम ने बचा लिया है। उस बच्ची को अब घर भेजने की कोशिश की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार आरपीएफ थाना गुवाहाटी की महिला कास्टेबल संगीता शर्मा गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर ड्युटी कर रही थी। उन्होंने सुबह 06.45 बजे के करीब अकले एक नाबालिग लड़की को परेशान हालत में मुख्य प्रवेश द्वार से स्टेशन में प्रवेश करते हुए देखा। पूछे जाने पर उस लड़की ने अपना नाम बताया और यह भी बताया कि वह नौकरी की तलाश में अपने माता-पिता और रिश्तेदार को बगैर कोई सूचना दिए दिल्ली जाने के लिए अपने घर पासीघाट, जिला-ईस्ट सियाग, अरुणाचल प्रदेश से भागी है। उसे लड़की को आरपीएफ कार्यालय लाया गया। उसकी बैग की जाच करने पर उसमें से एक आधार कार्ड, एक स्कूल का पहचान पत्र, कुछ इस्तेमाल किए गए कपड़े, एक स्मार्ट फोन, दो अदद बैंक पास बुक (एसबीआई एवं अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक) एवं 1,430 रुपये नकद बरामद हुए। आरपीएफ ने मोबाइल के जरिए उसके भाई को उद्धार किए जाने की जानकारी दी। बाद में उद्धार की गई नाबालिग लकड़ी के संबंध में सभी तरह की औपचारिकताओं को पूरा कर उसकी सुरक्षित अभिरक्षा के ले रेलवे चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया गया।
सीपीआरओ शुभानन चंदा ने बताया कि एक अन्य घटना में आरपीएफ की टीम गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी के खिलाफ जाच अभियान चला रही थी। जाच के दौरान पूर्वाह्न 11.10 बजे के करीब उन लोगों की नजर गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के पीएफ सं. 7 पर परेशान दशा में घूमते हुए 04 नाबालिग लकड़ों पर पड़ी। पूछताछ किए जाने पर उन लड़कों ने बताया कि नौकरी की तलाश में अपने अभिभावकों को बिना बताए अपने घरों से ट्रेन के जरिए गुवाहाटी भाग कर आए हैं। पूछताछ किए जाने पर उन्होंने अपना नाम एवं पता बताया। इससे यह पता चला कि तीन नाबालिग लड़के बिहार के बेगुसराय जिला तथा एक लड़का समस्तीपुर जिला का है। उद्धार किए गए नाबालिग लकड़ों ने अपने अभिभावकों अथवा रिश्तेदारों का कोई भी सम्पर्क नम्बर उपलब्ध नहीं करा सका। इन सभी को भी घर भेजने की कोशिश की जा रही है।