पूरा महीना बाकी, 5 दिन 1852 मामले, मरीजों से पटे सभी अस्पताल
इस अवधि में 41 मरीजों की मौत भी डरावना हो रही साबित जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी जब अप्रैल महीने म
इस अवधि में 41 मरीजों की मौत भी डरावना हो रही साबित
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जब अप्रैल महीने में कोरोनावायरस का दूसरा चरण शुरू हुआ तो शायद ही किसी को लगा होगा क्या देखते देखते पूरे देश को खतरनाक तरीके से अपने आगोश में ले लेगा। कोरोनावायरस के दूसरे चरण से पूरे देश के विभिन्न राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल व सिलीगुड़ी के आसपास के क्षेत्र भी अछूते नहीं रहे। अप्रैल महीने में सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में यहा लगभग 5000 मामले आए, तथा 60 से ज्यादा मरीजों की मौत हुई। वहीं मई महीना के शुरुआती 5 दिन काफी भयावह साबित हो रहा है कोरोनावायरस के नए मामले तथा इस बीमारी से हो रही मौतें स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के साथ-साथ मरीजों और उनके परिजनों को सकते में डाल दिया है। मई महीने में कोरोनावायरस किस कदर बढ़ रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 5 दिनों के दौरान सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में कोरोनावायरस के 1852 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सिर्फ सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में आकड़ा 1251 का है। जबकि सिलीगुड़ी महकमा के माटीगाड़ा नक्सलबाड़ी गोलीबारी फासीदेवा प्रखंड तथा सिलीगुड़ी से सटे सुकना में इन पाच दिनों में 601 मामले सामने आए हैं। सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र हो अथवा सिलीगुड़ी महात्मा परिषद के इलाके हो इन सभी जगहों पर 5 दिनों में कोरोना के आए मामले पूरे कोरोना काल सर्वाधिक मामले देखे जा रहे हैं। एक और जहा मामले बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मृतकों की भी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल समेत नìसग होम में इन 5 दिनों के दौरान 41 मरीजों की मौत हो चुकी है। कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच जहा उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में लगभग एक सौ मरीज भर्ती हैं। वहीं सिलीगुड़ी आसपास के निजी अस्पतालों में भी काफी संख्या में मरीज भर्ती हैं। यहा तक की निजी अस्पतालों में भर्ती होने के लिए मरीजों का अलार्म लगा हुआ है लेकिन बेड नहीं होने की मजबूरी बता अस्पताल प्रबंधन मरीजों को भर्ती करने से इंकार कर दे रहे हैं। कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग का सिर्फ यही कहना है किस बीमारी के दूसरे चरण में जिस तरफ से मामले बढ़ रहे हैं, इससे लोगों को और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के डीन तथा कोविड नेटवर्क, सिलीगुड़ी के संयोजक डॉक्टर संदीप सेनगुप्ता का कहना है कि कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय जागरूकता ही रह गया है। लोगों को विशेष सावधानी बरतते हुए भीड़भाड़ वाले इलाके में बिल्कुल ही नहीं जाना चाहिए। शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए घर से बाहर हर समय मास्क का उपयोग करना चाहिए। मास्क लगाते समय आप पूरी तरह से ध्यान रखना होगा कि मुंह और नाक दोनों ढका रहे। समय-समय पर हाथ को सैनिटाइज करते रहना होगा। कोरोना के लक्षण दिखने परिवार के अन्य सदस्यों से दूरी बनाते हुए को भी टेस्ट तुरंत कराना चाहिए।