अंधकार से प्रकाश की ओर: कोलकाता पोर्ट ने रवींद्र सेतु के माध्यम से टैगोर की 159 वीं जयंती मनाकर श्रद्धांजलि दी
कोलकाता पोर्ट ने रवींद्र सेतु के माध्यम से नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 159 वीं जयंती मनाकर श्रद्धांजलि दी
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के दौरान, कोलकाता पोर्ट ने रवींद्र सेतु के माध्यम से नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 159 वीं जयंती मनाकर श्रद्धांजलि दी है।
हावड़ा ब्रिज या रवींद्र सेतु का नाम महान भारतीय कवि दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर के सम्मान में रखा गया है और कोलकाता बंदरगाह शहर के इस स्थायी आइकन का रखरखाव करता है। कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के दौरान, कोलकाता पोर्ट ने रवींद्र सेतु के माध्यम से नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 159 वीं जयंती मनाकर श्रद्धांजलि दी है।
इस महान विचारक को सम्मानित करने के लिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण में कोलकाता पोर्ट ने महानगर के नागरिकों और हावड़ा ब्रिज पर स्थापित विशेष प्रकाश व्यवस्था के माध्यम से इस संकट के समय में प्रतीकात्मक ‘ उम्मीद का संदेश’ देने की योजना बनाई है। संदेश का पहला चरण सेतु के माध्यम से होगा जो तिरंगे में लगाए जाने वाले तीन रंगों में झलकेगा।
इसके बाद सेतु सफेद लाइन में दिखेगा जो कोरोना योद्धाओं के सम्मान का प्रतीक होगा तथा इसके बाद लाल, नारंगी और हरे रंग के साथ रखा जाएगा, जो महामारी के लिए सीमांकित क्षेत्रों के रंग होंगे। लाल नारंगी के बाद होगा और अंत में हरा महामारी पर जीत का संकेत देगा। यह सब रवीन्द्र संगीत के वाद्ययंत्र मिलेनियम पार्क में बजेंगे। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन विनित कुमार ने गंभीर खतरे के समय के दौरान सभी के लिए सुरक्षित रहने की उम्मीद का संदेश दिया है।