खरना संपन्न, मंगलवार को अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
सोमवार की शाम छठ व्रतियों ने आस्था के साथ खरना किया। इसके साथ उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। मंगलवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 09:35 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 09:35 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। लोक आस्था के महापर्व छठ का आगाज बीते रविवार को नहाय-खाय के साथ हो चुका है। छठव्रतियों की ओर से सोमवार को खरना किया गया। छठव्रतियों ने सुबह से निर्जल रहकर उपवास किया। परंपरा के मुताबिक इस दिन मिट्टी के चूल्हे व आम की लकड़ी पर बिना नमक का भोजन तैयार किया गया। खीर व पूड़ी बनाई गई। छठव्रतियों ने पहले छठी मईया का पू्रजा-अर्चना कर प्रसाद स्वरूप खीर और पूड़ी का सेवन किया। उनके सेवन के बाद परिवार के अन्य सदस्य व आस-पड़ोस के लोगों के बीच भी वितरित किया गया। खरना के साथ ही छठव्रतियों ने छठ पर्व का उपवास शुरू कर दिया है, जो बुधवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा। छठपर्व का पहला अर्घ्य यानी अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य मंगलवार की शाम दिया जाएगा, जबकि उदीयमान सूर्य को अर्घ्य बुधवार की सुबह दिया जाएगा।
छठ पूजा के मद्देनजर सिलीगुड़ी मिनी बिहार में तब्दील हो गया है। महानंदा नदी के मां संतोषी घाट, लालमोहन मौलिक निरजंन घाट, राम नरायण घाट व गीता देवी छठ घाट पर छठ पूजा की तैयारियों को अंतिम रूप देने में श्रद्धालु जुटे हुए हैं। छठ पर्व के लिए महानंदा नदी पर घाट का निर्माण कार्य सोमवार को भी पूरे दिन व देर रात तक चला। समरनगर गीता देवी घाट, मां संतोषी घाट, संतोषी नगर, लालमोहन निरंजन मौलिक घाट, राम नारायण घाट दिन भर सजावट का काम किया गया। पार्क का निर्माण किया गया है। इसी क्रम में बिजली के तोरण द्वार बनाए गए। जगमगाती रोशनी की व्यवस्था की जा रही है, ताकि घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। विभिन्न छठपूजा समितियों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच के आदेशों को मानते हुए पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी छठ पर्व का आयोजन किया गया है। हालांकि घाट के निर्माण के दौरान प्रशासन द्वारा लगातार मुआयना किया जा रहा था। इस दौरान महानंदा नदी के ठोकर घाट पर कथित तौर नियम के खिलाफ घाट तैयार किए जाने पर पुलिस ने उसे हटा दिया।
बांटी गई पूजा सामग्री
पांच नंबर टाउन तृणमूल युवा कांग्रेस कमेटी की ओर से तीन नंबर वार्ड में पूजन सामग्री का वितरण लगभग 400 श्रद्धालुओं के मध्य किया गया। इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस नेता व सिलीगुड़ी नगर निगम में विपक्ष के नेता रंजन सरकार, दार्जिलिंग जिला तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विकास सरकार, एक नंबर टाउन तृणमूल के अध्यक्ष संजय पाठक, पांच नंबर टाउन तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष संतोष साहा, सचिव गणेश प्रसाद समेत पार्टी के श्याम सुंदर सिंह, मनोहर सिंह, अमित साहा, अशोक गुप्ता, सुनील गुप्ता, गणेश सिंह व कृष्णा लामा समेत अन्य सदस्यों की मुख्य भूमिका रही।
छठ पूजा के मद्देनजर सिलीगुड़ी मिनी बिहार में तब्दील हो गया है। महानंदा नदी के मां संतोषी घाट, लालमोहन मौलिक निरजंन घाट, राम नरायण घाट व गीता देवी छठ घाट पर छठ पूजा की तैयारियों को अंतिम रूप देने में श्रद्धालु जुटे हुए हैं। छठ पर्व के लिए महानंदा नदी पर घाट का निर्माण कार्य सोमवार को भी पूरे दिन व देर रात तक चला। समरनगर गीता देवी घाट, मां संतोषी घाट, संतोषी नगर, लालमोहन निरंजन मौलिक घाट, राम नारायण घाट दिन भर सजावट का काम किया गया। पार्क का निर्माण किया गया है। इसी क्रम में बिजली के तोरण द्वार बनाए गए। जगमगाती रोशनी की व्यवस्था की जा रही है, ताकि घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। विभिन्न छठपूजा समितियों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच के आदेशों को मानते हुए पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी छठ पर्व का आयोजन किया गया है। हालांकि घाट के निर्माण के दौरान प्रशासन द्वारा लगातार मुआयना किया जा रहा था। इस दौरान महानंदा नदी के ठोकर घाट पर कथित तौर नियम के खिलाफ घाट तैयार किए जाने पर पुलिस ने उसे हटा दिया।
बांटी गई पूजा सामग्री
पांच नंबर टाउन तृणमूल युवा कांग्रेस कमेटी की ओर से तीन नंबर वार्ड में पूजन सामग्री का वितरण लगभग 400 श्रद्धालुओं के मध्य किया गया। इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस नेता व सिलीगुड़ी नगर निगम में विपक्ष के नेता रंजन सरकार, दार्जिलिंग जिला तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विकास सरकार, एक नंबर टाउन तृणमूल के अध्यक्ष संजय पाठक, पांच नंबर टाउन तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष संतोष साहा, सचिव गणेश प्रसाद समेत पार्टी के श्याम सुंदर सिंह, मनोहर सिंह, अमित साहा, अशोक गुप्ता, सुनील गुप्ता, गणेश सिंह व कृष्णा लामा समेत अन्य सदस्यों की मुख्य भूमिका रही।
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