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Jagdeep Dhankhar: राज्यपाल बोले, बंगाल पवित्र भूमि है यहां हिंसा नहीं होनी चाहिए

Jagdeep Dhankhar. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल पवित्र भूमि है। यहां हिंसा नहीं होनी चाहिए विवाद नहीं होना चाहिए। यहां केवल प्रेम होना चाहिए और मैं यही कामना करता हूं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 03:29 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:11 PM (IST)
Jagdeep Dhankhar: राज्यपाल बोले, बंगाल पवित्र भूमि है यहां हिंसा नहीं होनी चाहिए
Jagdeep Dhankhar: राज्यपाल बोले, बंगाल पवित्र भूमि है यहां हिंसा नहीं होनी चाहिए

जागरण संवाददाता, हावड़ा। Jagdeep Dhankhar. महात्मा गांधी जी, जिनकी 150वीं जयंती मनाई जा रही है। पूरे विश्व में उनका डंका अहिंसा के उनके विचारों के कारण बजता है। उन्हें अहिंसा का यह सूत्र कहां से मिला जैन समाज से मिला। बंगाल पवित्र भूमि है। यहां हिंसा नहीं होनी चाहिए, विवाद नहीं होना चाहिए। यहां केवल प्रेम होना चाहिए और मैं यही कामना करता हूं। आज पूरी दुनिया खंडित है, समाज खंडित है, परिवार खंडित है क्योंकि अहिंसा का पालन कोई नहीं करता। उक्त बातें राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कही। वह सिद्धचक्र महामंडल विधान महोत्सव समिति के आह्वान पर हावड़ा के गुलमोहर मैदान में आयोजित जैन समाज के एक धार्मिक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने जैन समाज के जनकल्याणकारी कार्यों व उनके अहिंसक विचारों की प्रशंसा की। 

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राज्यपाल ने ममता बनर्जी पर किया पलटवार

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ जब से पदभार ग्रहण किए हैं उसके बाद से राज्य सरकार के साथ उनकी जुबानी जंग लगातार जारी है। गुरुवार को उन्होंने केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को बंगाल में लागू नहीं करने पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनपर पलटवार करते हुए उन्हें 'भाजपा का आदमी' तक बता दिया था। साथ ही, पत्रकारों से कहा कि वह बीजेपी पार्टी मैन (राज्यपाल) को लेकर कोई सवाल नहीं पूछें। मुख्यमंत्री के इस बयान पर शुक्रवार को राज्यपाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें पार्टी की आंतरिक राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए और संवैधानिक पद पर आसीन लोगों को सोच समझकर बयान देना चाहिए।

मुख्यमंत्री के बयान को उनका विशेषाधिकार करार देते हुए राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि मुझे पार्टी की राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए। मैं किसी के लिए पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण नहीं रखता हूं। राजभवन के दरवाजे मेरे पास आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए खुले हैं। राज्यपाल धनखड़ ने आगे कहा कि विभिन्न दलों के लोग मेरे पास आते हैं। मेरे पास एक ग्लास नहीं है जहां से मैं किसी के राजनीतिक टैग को देखता हूं। मेरे लिए सभी लोग बराबर हैं। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेरे संबंध में जो कुछ भी कहा है वह उनका विशेषाधिकार है। लेकिन, लोकतंत्र में सभी को संवैधानिक पदों का सम्मान करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि राज्य में केंद्र की प्रमुख स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत को लागू नहीं करने पर राज्यपाल द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद गुरुवार को पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री से तृणमूल भवन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सवाल पूछा तो उन्होंने राज्यपाल को भाजपा का आदमी बता दिया। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि वह बीजेपी पार्टी मैन को लेकर हमसे कोई सवाल न पूछें, क्योंकि मैं उसका कोई उत्तर नहीं दूंगी। बता दें कि राज्यपाल व बंगाल सरकार के बीच लगातार टकराव जारी है। राज्यपाल ममता सरकार की कार्यप्रणाली पर बेबाकी से राय रख रहे हैं और कई बार तीखी आलोचना कर चुके हैं।

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