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रथ पर सवार होकर इस बार मौसी के घर नहीं जाएंगे प्रभु, कोलकाता में भी नहीं निकलेगी रथ यात्रा

बंगाल के हुगली ज़िले के श्रीरामपुर माहेश की प्राचीन भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस बार कोरोना संकट के चलते राष्ट्रीय मार्ग जीटी रोड पर नहीं बल्कि जगन्नाथ मंदिर के अन्दर ही निकाली जाए

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 08:46 AM (IST)
रथ पर सवार होकर इस बार मौसी के घर नहीं जाएंगे प्रभु, कोलकाता में भी नहीं निकलेगी रथ यात्रा
रथ पर सवार होकर इस बार मौसी के घर नहीं जाएंगे प्रभु, कोलकाता में भी नहीं निकलेगी रथ यात्रा

राज्य ब्यूरो, कोलकता : बंगाल के हुगली ज़िले के श्रीरामपुर माहेश की प्राचीन भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस बार कोरोना संकट के चलते राष्ट्रीय मार्ग जीटी रोड पर नहीं बल्कि जगन्नाथ मंदिर के अन्दर ही निकाली जाएंगी। इसके कारण इस बार प्रभु जगन्नाथ अपने भाई बलराम एवं बहन सुभद्रा के साथ माहेश की ऐतिहासिक रथ पर सवार होकर अपने मौसी के घर भी नहीं जा पायेंगे। लिहाजा नियम पूरा करने के लिए मंदिर में ही अस्थाई रूप से उनकी मौसी का घर बनाया गया है। दूसरी ओर, कोलकाता में भी इस बार इस्कॉन की तरफ से रथ यात्रा नहीं निकाली जाएगी। सिर्फ रस्म अदायगी भर किया जाएगा। इसके अलावा नदिया जिले के मायापुर स्थित प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में भी इस बार वर्चुअल तरीके से रथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा। मंदिर परिसर के भीतर बाहरी लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। 

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इधर, श्रीरामपुर के माहेश में मंदिर परिसर के अंदर ही विधिवत भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर मंदिर कमेटी की ओर तैयारी की जा रही है।रविवार को मंदिर कमेटी की ओर से माहेश जगन्नाथ मंदिर में नवजीवन उत्सव मनाया गया।मंदिर के प्रधान पुरोहित सौमेन अधिकारी ने बताया कि भगवान जगन्नाथ, बलराम एवं सुभद्रा की विधिवत पूजा अर्चना के साथ उनकी प्राण प्रतिष्ठा करके इस उत्सव का पालन किया गया। मंगलवार को मंदिर में भगवान की रथयात्रा उत्सव मनाया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते मंदिर कमेटी ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर इस बार सार्वजनिक रूप से रथयात्रा नहीं निकाले का फैसला किया है।

मालूम हो कि पूरी के बाद पूरे देश में माहेश की रथयात्रा विख्यात है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माहेश को पर्यटक स्थल बनाने की पहले ही घोषणा कर चुकी हैं। जिला प्रशासन ने अपने स्तर से यहां काम भी शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि 624 वर्ष प्राचीन माहेश की रथयात्रा को देखने के लिए यहां प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या श्रद्धालु आया करते थे। 50 फूट ऊंची तथा 125 टन वजन वाले लोहे की रथयात्रा को खिंचने के लिए यहां हर साल भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती थी। भीड़ को नियंत्रित करनें के लिए हुगली जिला प्रशासन को कड़ी मशक्कत करना पड़ता था। रथयात्रा उत्सव के लिए माहेश में एक महीने का मेले का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना के चलते भक्तों की भीड़ पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। मंदिर के पुरोहित सौमेन अधिकारी का कहना है सरकारी दिशा- निर्देश को मानते हुए ही हम लोग इस बार मंदिर में रथ यात्रा का आयोजन करेंगे।

ममता सरकार ने आज रथयात्रा पर की छुट्टी की घोषणा 

ममता सरकार ने रथ यात्रा के अवसर पर सरकारी दफ्तरों में मंगलवार को अवकाश की घोषणा की है। गृह सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने सोमवार को अवकाश की घोषणा की। साथ ही राज्य के लोगों को रथ यात्रा में कोरोना महामारी को लेकर शारीरिक दूरी, मास्क पहनना और अन्य नियम मानने को कहा गया। हालांकि, कोलकाता समेत राज्य में कहीं भी रथ यात्रा पूर्व के वर्षों की तरह धूम-धाम से नहीं निकलेगी। राज्य सरकार के कर्मचारी छुट्टी की घोषणा से खुश हैं। क्योंकि, मंगलवार को सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। कोलकाता में इस्कॉन का रथ सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र था। इस बार इस्कॉन की रथयात्रा नहीं निकल रही है। हुगली की महेश रथ यात्रा को भी स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्य के कई स्थानों पर रथयात्रा इस बार नहीं निकलेगी।


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