मंगलवार शाम को बच्ची को उठा ले गया था तेंदुआ, क्या हुआ उसका, आप भी जानें
मंगलवार की शाम घर के सामने से ही एक बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था। जानिए बच्ची का क्या हुआ...।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 01:10 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 01:10 PM (IST)
वीरपाड़ा [संवादसूत्र]। जलपाईगुड़ी जिले के वीरपाड़ा इलाके में गैरगेंडा चाय बागान से मंगलवार की शाम जिस बच्ची को उसके घर के सामने से ही तेंदुआ उठा ले गया था, बुधवार की सुबह उसके शव के अवशेष जगह-जगह पर मिले।
बता दें कि करीब तीन साल की बच्ची परिमीता उरांव अपनी मां पूजा उरांव के साथ अलाव के पास थी। उसी समय एक तेंदुए आया बच्ची को मुंह में दबाकर तेजी से भाग गया। घटना की सूचना मिलते ही मदारीहाट रेंज के वनकर्मी मौके पर पहुंचे। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने वन विभाग की गाड़ी में तोडफ़ोड़ भी की थी। लोगों को शांत करने के लिए पुलिस को आना पड़ा था। रेंजर खगेश्वर कार्जी के नेतृत्व में बच्ची की तलाश रात भर होती रही, लेकिन बुधवार की सुबह उसके शव के अवशेष टुकड़़ों में मिले। गत दिसंबर महीने में भी धूमचीपाड़ा व रामझोड़ा चाय बागान के बच्चे को तेंदुआ ने अपना शिकार बनाया था।
पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ
फिर एक बार वन विभाग के पिंजरे में तेंदुआ कैद हो गया। इससे बड़हावदा, देवी शिमूल, न्यू लाइन के लोगों ने राहत की सांस ली है। सोमवार की रात दो बजे के करीब ढाई वर्षीय तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ। वीरपाड़ा स्क्वायड के बीट ऑफिसर समीम चौधरी ने कहा कि इसे दक्षिण खैरबाड़ी रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है। लोगों के अनुसार इलाकों में काफी दिनों से इसका आतंक था। प्रतिदिन कुत्ते, बकरी व मुर्गियां गायब हो रही थीं। इसकी दहशत के कारण शाम होते ही लोग घरों में घुस जाते थे। इस बारे में लोगों की शिकायत के बाद न्यू लाइन ग्राम पंचायत के सदस्य लक्ष्मण लिंबू ने दलगांव के रेंजर को ज्ञापन दिया था। फिर रेंजर की ओर से इलाके में पिंजरा लगाया गया।
बता दें कि करीब तीन साल की बच्ची परिमीता उरांव अपनी मां पूजा उरांव के साथ अलाव के पास थी। उसी समय एक तेंदुए आया बच्ची को मुंह में दबाकर तेजी से भाग गया। घटना की सूचना मिलते ही मदारीहाट रेंज के वनकर्मी मौके पर पहुंचे। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने वन विभाग की गाड़ी में तोडफ़ोड़ भी की थी। लोगों को शांत करने के लिए पुलिस को आना पड़ा था। रेंजर खगेश्वर कार्जी के नेतृत्व में बच्ची की तलाश रात भर होती रही, लेकिन बुधवार की सुबह उसके शव के अवशेष टुकड़़ों में मिले। गत दिसंबर महीने में भी धूमचीपाड़ा व रामझोड़ा चाय बागान के बच्चे को तेंदुआ ने अपना शिकार बनाया था।
पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ
फिर एक बार वन विभाग के पिंजरे में तेंदुआ कैद हो गया। इससे बड़हावदा, देवी शिमूल, न्यू लाइन के लोगों ने राहत की सांस ली है। सोमवार की रात दो बजे के करीब ढाई वर्षीय तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ। वीरपाड़ा स्क्वायड के बीट ऑफिसर समीम चौधरी ने कहा कि इसे दक्षिण खैरबाड़ी रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है। लोगों के अनुसार इलाकों में काफी दिनों से इसका आतंक था। प्रतिदिन कुत्ते, बकरी व मुर्गियां गायब हो रही थीं। इसकी दहशत के कारण शाम होते ही लोग घरों में घुस जाते थे। इस बारे में लोगों की शिकायत के बाद न्यू लाइन ग्राम पंचायत के सदस्य लक्ष्मण लिंबू ने दलगांव के रेंजर को ज्ञापन दिया था। फिर रेंजर की ओर से इलाके में पिंजरा लगाया गया।
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