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आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं को कच्छ के रण में तीन हजार साल पुरानी सभ्यता के मिले अवशेष

आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने लौह युग के सबसे पुराने अवशेषों को खोज निकालने का किया दावा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 03:40 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 03:40 PM (IST)
आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं को कच्छ के रण में तीन हजार साल पुरानी सभ्यता के मिले अवशेष
आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं को कच्छ के रण में तीन हजार साल पुरानी सभ्यता के मिले अवशेष

कोलकाता, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) खड़गपुर के शोधकर्ताओं की एक टीम ने गुजरात के कच्छ के रण और थार मरुस्थल में तीन हजार साल पुराने लौह युग के अवशेषों को खोज निकालने में सफलता हासिल की है। ये अवशेष लौह युग की अब तक मिली सबसे पुराने अवशेषों में से एक है। माना जा रहा है कि जहां से ये अवशेष मिले हैं सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद इन्हीं क्षेत्र में मानव बस्तियां थी। किसी समय में यहां लोगों की अच्छी-खासी आबादी निवास करती थी।

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शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे पहले कच्छ में केवल चट्टानी द्वीप क्षेत्रों में हड़प्पा सभ्यता के अवशेष मिले थे। उनका दावा है कि कच्छ रण और थार मरुभूमि में मिले ताजा अवशेष अब तक की सर्वप्रथम खोज है। इन अवशेषों में घड़े, जार, बैलों की आकृति तथा कई जानवरों की अस्थियां भी शामिल है। आइआइटी खड़गपुर के जिन शोधकर्ताओं ने यह खोज की है उनमें प्रोफेसर अनिंद्य सरकार, डॉ आरती देशपांडे मुखर्जी, डॉ नवीन जुयल व प्रोफेसर एमजी ठक्कर शामिल रहे।

गौरतलब है कि इससे पहले पुरातत्वविदों ने इस साल मार्च में गुजरात के कच्छ जिले में दो महीने की खुदाई के बाद हड़प्पा युग के पांच हजार साल पुराने कंकाल व खजाना मिलने का दावा किया था। यहां हड़प्पा सभ्यता से जुड़ा एक विशाल कब्रिस्तान मिला था। विशेषज्ञों का कहना था कि इससे इस संभावना को बल मिलता है कि किसी समय में यहां मनुष्यों की अच्छी-खासी आबादी निवासी करती थी। यह खोज कच्छ यूनिवर्सिटी और केरल यूनिवर्सिटी ने मिलकर की थी। 


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