सिलीगुड़ी में नाली में कचरा फेंकते पकड़े गए तो देना होगा पांच सौ रुपये जुर्माना
लगातार आलोचनाओं को झेल रहा सिलीगुड़ी नगर निगम सफाई व्यवस्था को लेकर अब संजीदा हुआ है। इधर-उधर या नाली में कचरा फेंकने वालों पर पांच सौ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 10:05 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 10:05 AM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]।इधर-उधर कचरा फेंकने वाले सावधान। सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में किसी नाली में कचरा फेंकते पकड़े गए तो पांच सौ रुपये जुर्माना देना होगा। इस बाबत नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है।
सफाई व्यवस्था को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर रहे निगम बोर्ड ने अब इस मामले को लेकर गंभीरता बरतनी शुरू कर दी है। इसको लेकर मेयर अशोक भट्टाचार्य ने एक समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद संवाददाताओं से सफाई विभाग के एमआइसी मुकुल सेनगुप्ता ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में की जा रही सफाई व उससे निकलने वाले गार्बेज का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा।
नगर-निगम क्षेत्र में 283 वैनपुलर यानी कचरे उठाने वाली रिक्शागाड़ी है। इनसे मोहल्ले-मोहल्ले जाकर कचरे उठाने का काम सफाईकर्मी करते हैं। नगर निगम क्षेत्र में अब ड्रेनों व नालों की सफाई, कचरा निस्तारण समेत अन्य सफाई व्यवस्था पर वार्ड मास्टर की ओर से नजर रखी जाएगी। सफाई होने के बाद जरूरत पड़ी तो स्थानीय लोगों से हस्ताक्षर भी कराए जाएंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि नगर क्षेत्र के लोगों का एक वर्ग जब निगम के सफाईकर्मी कचरे लेने जाते हैं तो उन्हें नहीं देते हैं। जब वे निकल जाते हैं तो घर के कचरे को सड़क पर जहां-तहां अथवा ड्रेन में डाल देते हैं। ऐसे लोगों से 500 रुपये तक का आर्थिक दंड वसूलने के लिए अधिकृत किया जाएगा।
सफाई व्यवस्था को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर रहे निगम बोर्ड ने अब इस मामले को लेकर गंभीरता बरतनी शुरू कर दी है। इसको लेकर मेयर अशोक भट्टाचार्य ने एक समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद संवाददाताओं से सफाई विभाग के एमआइसी मुकुल सेनगुप्ता ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में की जा रही सफाई व उससे निकलने वाले गार्बेज का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा।
नगर-निगम क्षेत्र में 283 वैनपुलर यानी कचरे उठाने वाली रिक्शागाड़ी है। इनसे मोहल्ले-मोहल्ले जाकर कचरे उठाने का काम सफाईकर्मी करते हैं। नगर निगम क्षेत्र में अब ड्रेनों व नालों की सफाई, कचरा निस्तारण समेत अन्य सफाई व्यवस्था पर वार्ड मास्टर की ओर से नजर रखी जाएगी। सफाई होने के बाद जरूरत पड़ी तो स्थानीय लोगों से हस्ताक्षर भी कराए जाएंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि नगर क्षेत्र के लोगों का एक वर्ग जब निगम के सफाईकर्मी कचरे लेने जाते हैं तो उन्हें नहीं देते हैं। जब वे निकल जाते हैं तो घर के कचरे को सड़क पर जहां-तहां अथवा ड्रेन में डाल देते हैं। ऐसे लोगों से 500 रुपये तक का आर्थिक दंड वसूलने के लिए अधिकृत किया जाएगा।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें