ओमिक्रोन से बच्चों को ऐसे बचाएं, बता रहे सिलीगुड़ी के जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रिंस पारख
नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने भी खूब आतंक मचा रखा है। ऐसे समय में नन्हे-मुन्ने बच्चों का खास ख्याल जरूरी है। इसे लेकर जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रिंस पारख ने जागरण संवाददाता से बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस का संक्रमण (कोविड-19) की तीसरी लहर जोरों पर है। 2020 व 2021 के बाद अब 2022 में भी दुनिया इसके असर से अछूती नहीं है। इसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने भी खूब आतंक मचा रखा है। इससे बचाव की दिशा में देश-दुनिया की सरकारों ने तरह-तरह के प्रतिबंध भी लगा रखे हैं। ऐसे समय में नन्हे-मुन्ने बच्चों का खास ख्याल जरूरी है। इसे लेकर जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रिंस पारख ने जागरण संवाददाता से बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं। पेश हैं मुख्य अंश।
बच्चों के लिए ओमिक्रोन कितना खतरनाक व जोखिम भरा है?
अब तक जो हम जानते हैं, वह यह है कि, कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन वयस्कों और बच्चों दोनों में हल्का ही असर करता है। मगर, डेल्टा की तुलना में ओमिक्रोन बहुत ज्यादा संक्रामक है। सो, इसका संक्रमण बच्चों में भी बड़ी तेजी से फैलता है। वैसे बच्चे, जो पहले से ही अन्य कुछ रोगों से जूझ रहे हैं, यदि वे इससे संक्रमित हो जाते हैं तो मामला गंभीर भी हो जा सकता है।
बच्चों को कोविड-19 से कैसे बचाएं?
बच्चों को कोविड -19 से बचाए रखने का एक बेहतर तरीका यह भी है कि, यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों के संपर्क में व आसपास रहने वाले सभी लोगों का कोविड-19 टीकाकरण हुआ हो। वहीं, 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का कोविड-19 टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए। बच्चों और बड़ों दोनों को बार-बार साबुन से अच्छी तरह हाथ धोते रहना चाहिए। हैंड-हाईजीन बहुत फायदेमंद है। यदि कोई बच्चा हाथ धोने से हिचकिचाता है तो माता-पिता को चाहिए कि उसे कोई छोटा सा तोहफा, कोई पुरस्कार आदि दे कर उसे हाथ धोने के प्रति प्रेरित करते रहें। उसे समझाएं-बुझाएं, हाथ न धोने के नुकसान और धोते रहने के फायदे बताएं। बच्चों के प्रयासों की सराहना करें। बच्चों को बेवजह घर से बाहर न निकलने दें। वे बहुत जरूरी होने पर यदि कहीं बाहर जाएं भी तो उनका मास्क लगाए रखना सुनिश्चित करें। सार्वजनिक जगहों, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर एक-दूसरे से सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखें।
किन लक्षणों पर बच्चों की कोविड -19 जांच करवाएं?
यदि आपके बच्चे को 100.4 फाॅरेनहाइट या 38 डिग्री सेल्सियस बुखार हो, सर्दी-खांसी हो, नाक बह रही हो, गले में खराश हो, स्वाद या गंध की कमी हो, सांस की तकलीफ हो, सिरदर्द और बदन दर्द आदि हो तो किसी प्रमाणित प्रयोगशाला से कोविड-19 जांच करानी चाहिए। यदि आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। उसे अस्थमा या हृदय रोग जैसी अंतर्निहित चिकित्सीय स्थितियां हैं तो फिर उनके डॉक्टर के सलाह पर कोविड-19 जांच करानी चाहिए।
किशोरों में टीकाकरण और इसका प्रभाव
कोविड-19 के टीके 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों में सुरक्षित और प्रभावी हैं। यह उन्हें और उनके साथ रहने वाले लोगों को कोविड के ओमिक्रोन सहित अन्य वैरिएंट के संक्रमण से बचाता है। यह भी सही है कि, कुछ लोग जिन्हें पूरी तरह से टीका लगाया गया है, वे भी फिर कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। क्योंकि, कोई भी टीका शत प्रतिशत प्रभावी नहीं होता है। मगर, यह अस्पताल में भर्ती होने की जोखिम को कम करता है। भारत में 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोविड-19 के टीके का परीक्षण चल रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका व कुछ और देशों ने पहले ही पांच साल व उससे अधिक उम्र के बच्चों को टीका देना शुरू कर दिया है। टीकाकरण के ताजा दिशानिर्देशों के लिए आप अपने पारिवारिक चिकित्सक से भी संपर्क कर सकते हैं।
गर्भवती महिला व गर्भस्थ शिशु को ओमिक्रोन से क्या जोखिम है?
यह अभी भी ज्ञात नहीं है कि अन्य कोविड -19 वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन गर्भवती महिलाओं में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है या नहीं। वैसे, आम महिलाओं की तुलना में गर्भवती महिलाओं को वायरस से गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।गर्भवती महिलाएं जो कोविड -19 से संक्रमित होती हैं, उनमें स्टिल-बर्थ यानी मृत शिशु का जन्म, गर्भकालीन मधुमेह, प्री-टर्म लेबर यानी समय से पहले पीड़ा व प्रसव, प्लेसेंटा प्रिविया यानी प्रसव जोखिम, रक्त के थक्के, सांस संबंधी जटिलताएं और सीजेरियन सेक्शन द्वारा प्रसव की दर अधिक होती है।
क्या मां के लिए कोविड-19 संक्रमित होने पर स्तनपान कराना सुरक्षित है?
हां, इसे उचित सावधानियों के साथ जारी रखना चाहिए। अभी तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि स्तनपान के माध्यम से कोविड-19 वायरस फैलता है। मां का दूध एंटीबॉडी प्रदान करता है जो बच्चों को कई संक्रमणों से बचाता है। स्तनपान नवजात व शिशुओं में मृत्यु के जोखिम को काफी कम करता है। बच्चों के लिए आजीवन स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है और माताओं के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है।
कोविड-19 संक्रमित महिलाओं को शिशु को स्तनपान कराते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। वे मेडिकल मास्क पहने रखें, अपने बच्चे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को सैनिटाइज करें या साबुन व पानी से धोएं। नियमित रूप में आपके द्वारा छुई गई सतहों की सफाई कर उसे कीटाणुरहित करें। यह भी कर सकती हैं कि, आपके घर में कोई अन्य व्यक्ति जो बीमार नहीं है उसे अपने स्तन का दूध दें कि वह आपके बच्चे को पिला दे।
बाल रोग विशेषज्ञ को कब कॉल करना चाहिए?
जब आपके बच्चे में लक्षण हों, तो आपको चिकित्सकीय सलाह लेने की आवश्यकता है। दो दिनों से अधिक समय तक तेज बुखार (100.4 फाॅरेनहाइट या 38 डिग्री सेल्सियस), सर्दी-खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई, सिरदर्द, बदन दर्द, सीने में दर्द, पीने या खाने में असमर्थता, गंध और स्वाद में कमी आदि लक्षण हो तो डाॅक्टर से परामर्श करें। कोविड-19 संक्रमण में उपरोक्त लक्षण आम हैं और ये 10 दिनों से अधिक समय तक बने रह सकते हैं। बुखार के स्तर की जांच के लिए इयर/रेक्टा/डिजिटल थर्मामीटर व साथ ही पल्स व ऑक्सीजन लेवेल जांच के लिए ऑक्सीमीटर रखने की सलाह दी जाती है। अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पिलाएं। चिकित्सक से परामर्श के बाद पैरासिटामोल/एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यह भी सलाह दी जाती है कि उपरोक्त सारी बातें पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपको चिकित्सकीय सलाह के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए और अपने स्थानीय नियामक स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।