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हिदी को वैज्ञानिक चिंतन का माध्यम बनाना जरूरी है : शलेंद्र चौहान

-सिलीगुड़ी महाविद्यालय में हिदी दिवस समारोह आयोजित जागरण संवाददाता

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 09:11 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 09:11 PM (IST)
हिदी को वैज्ञानिक चिंतन का माध्यम बनाना जरूरी है : शलेंद्र चौहान
हिदी को वैज्ञानिक चिंतन का माध्यम बनाना जरूरी है : शलेंद्र चौहान

फोटो-राजेश-दो व तीन

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-सिलीगुड़ी महाविद्यालय में हिदी दिवस समारोह आयोजित

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :

सिलीगुड़ी महाविद्यालय के हिंदी विभाग और छात्र संसद के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस समारोह- 2019 आयोजित किया गया। उक्त समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजस्थान के जयपुर से आए 'धरती' पत्रिका के संपादक व साहित्यकार शैलेंद्र चौहान समेत अन्य अतिथियों ने किया। 'युवा समाज और हिंदी' विषय पर आयोजित परिसंवाद के मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि हिंदी भाषा आज सिर्फ रोजगार तक सीमित नहीं है, बल्कि इस भाषा के सभ्यता और संस्कृति में जो ऐतिहासिक योगदान हैं, उसके मद्देनजर आज भी इसे सभ्यता और संस्कृति से जोड़कर राष्ट्रीय भविष्य का अनिवार्य साधन बनाना होगा। इसे वैज्ञानिक चिंतन का माध्यम भी बनाना जरूरी है, तभी देश व समाज का विकास संभव है। अगर भाषा ही नहीं होती तो हम एक दूसरे से संवाद नहीं कर कर सकते। हिदी भाषा की काफी व्यापकता है। हमें हिदी के साथ अगर गैर हिदी भाषी प्रदेश में रहते हैं, तो वहां की भाषा को भी सीखना चाहिए। तभी हम एक-दूसरे से परस्पर संवाद स्थापित कर पाएंगे।

'युवा समाज और हिंदी' विषय को प्रस्तावित करते हुए हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार साव ने कहा कि वर्तमान युवा समाज अनाथ की स्थिति में होते हुए भी मनमर्जी जीवन जीने को इस कदर मुक्त है कि उसे देश-समाज और राष्ट्र के प्रति सजग बनाना अत्यंत आवश्यक है।

मुख्य वक्ता के रूप में विराजमान भारतीय स्टेट बैंक के प्रशासनिक कार्यालय के राजभाषा सहायक प्रबंधक विक्रम कुमार ने आश्वस्त किया कि हिंदी भाषा में रोजगार की अधिक से अधिक उपलब्ध संभावनाएं युवा समाज के लिए अत्यंत ही सुखद परिवेश को तैयार कर रही हैं। आपका तिस्ता हिमालय पत्रिका के संपादक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि राजनीति करने के लिए हिदी का स्वार्थपरक इस्तेमाल भले ही कर लिया जाए, लेकिन चंद्रमा पर हिदी में नहीं पहुंच सकते। आशय यह रहा कि हिदी भाषा में जब तक ज्ञान विज्ञान के संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे, तब तक भारतीय युवा समाज सच्चे अर्थ में राष्ट्र के प्रति सजग दायित्व बोध को प्राप्त नहीं होंगे। केंद्रीय हिदी संस्थान के प्रशिक्षण योजना के हिंदी अध्यापक शभु कुमार ने यह कहा कि हिदी को मात्र रोजगार का माध्यम ना बनाकर बहुआयामी संदर्भ में इसकी उपयोगिता को परखा जाना चाहिए। यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के ऋषिकेश मिश्रा ने कहा के हिदी स्वयं में साम‌र्थ्यवान भाषा है, जरूरत इसकी साम‌र्थ्य को पहचानने की है। दैनिक जागरण, सिलीगुड़ी के वरिष्ठ समाचार संपादक गोपाल ओझा ने हिदी के निकटतम भविष्य को पत्रकारिता के क्षेत्र में उज्ज्वल बताया और युवा पीढ़ी को पत्रकारिता जगत में आमंत्रित कर हिदी के प्रति दायित्व का बोध कराया। साहित्यकार देवेंद्र नाथ शुक्ल, पत्रकार इरफान-ए-आजम, रवि शंकर सिंह व राकेश सोमानी ने भी संबोधित किया।


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