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13 साल की उम्र से हाई शुगर, पीड़ित ने लगाई आर्थिक मदद की गुहार

13 साल की उम्र से हाई शुगर और परिवार की गरीबी के कारण बच्चे के जीवन पर अंधेरा मंडराने लगा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 03:58 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 03:58 PM (IST)
13 साल की उम्र से हाई शुगर, पीड़ित ने लगाई आर्थिक मदद की गुहार
13 साल की उम्र से हाई शुगर, पीड़ित ने लगाई आर्थिक मदद की गुहार

जागरण संवाददाता,उत्तर दिनाजपुर। 13 साल की उम्र से हाई शुगर और परिवार की गरीबी के कारण बच्चे के जीवन पर अंधेरा मंडराने लगा है। इस बीच माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा में उसने बड़ी सफलता हासिल कर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है।

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उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज कॉलेजपाड़ा निवासी सयन ठोकदार ने उच्चतर माध्यमिक में 477 नंबर हासिल कर लोगों को सोचने पर विवश कर दिया है। वह अब रायगंज विश्वविद्यालय में विज्ञान विभाग के पहले वर्ष में अध्ययन कर रहा है। इसलिए मानवीय आधार पर उसने राज्य व केंद्र सरकार, सांसद, विधायक समेत चिकित्सा और उच्च शिक्षा से जुड़ी संस्थाओं और समाजसेवियों से वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की है।

रायगंज के कॉलेजपाड़ा निवासी सायन ठोकदार 13 साल की उम्र में सातवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान शुगर की चपेट में आग गए। तब से लेकर अब तक उसे इंसुलिन सहित अन्य दवाओं को रोजाना चार बार लेना पड़ता है। उसके पिता प्रदीप ठोकदार एक निजी सुरक्षा गार्ड है, जो महीने में केवल मात्र 4200 कमाते हैं। कुल चार सदस्य परिवार में है।

इस थोड़े से पैसे से घर चलाने के अलावा सायन के पिता प्रदीप ठोकदार के लिए चिकित्सा और शिक्षा का खर्च चलाना बहुत मुश्किल है। एक ओर अत्यधिक गरीबी और बीमारी के ङोलते हुए सायन ने उच्च माध्यमिक में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। वर्तमान में वह अंकशास्त्र के विज्ञान विभाग में रायगंज विश्वविद्यालय में पहले वर्ष के लिए अध्ययन कर रहा है। उसका सपना प्रोफेसर बनने का है। लेकिन सपने में मुख्य बाधा वित्तीय स्थिति कमजोर होना है।

सायन को इंसुलिन सहित अन्य चिकित्सकीय खर्च पर लगभग साढ़े तीन हजार रुपये प्रति माह खर्च हो जाते हैं। पूरा परिवार जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रहा है। हाल ही में सायन के स्कूल रामकृष्ण विद्याभवन से एक फ्रिज दान में मिलने से कुछ लाभ हुआ। लेकिन लंबे समय से शुगर के लिए चिकित्सा करना और उच्च शिक्षा हासिल करना कठिन हो गया है।

प्रदीप ने कहा कि मैं एक सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करता हूं। जो आय होती है वह सायन के इलाज में खर्च हो जाती है। ऐसे में घर चलाना उनके वश की बात नहीं रही। आर्थिक सहायता के लिए प्रशासन और रायगंज के विधायकों और सांसदों से मदद की गुहार लगाया हूं।

दूसरी ओर सायन अपनी उच्च शिक्षा जारी रखना चाहता है। उच्च माध्यमिक परीक्षा के दौरान रसायन विज्ञान की परीक्षा के दौरान उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, क्योंकि वह अतिसक्रिय था। खुद सायन ने सरकार से वित्तीय मदद की मांग की है। उनके अनुसार, अगर सरकार से मदद मिले तो चिकित्सा उपचार करने के साथ-साथ उच्च शिक्षा जारी रखना संभव हो पाएगा है।


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