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सोना तस्करों ने सुरक्षा एजेंसियों को कर रखा है नाक में दम

सीआइडी, पुलिस, सेना और अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को मिलाकर करीब 400 की संख्या में जवान व अधिकारी सोना, अन्य सामानों का तस्करी वालों पर नजर रखने एवं उनकी धरपकड़ में जुटे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 11:02 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 11:10 AM (IST)
सोना तस्करों ने सुरक्षा एजेंसियों को कर रखा है नाक में दम
सोना तस्करों ने सुरक्षा एजेंसियों को कर रखा है नाक में दम

कोलकाता, जेएनएन। सोना तस्करी के आरोप में पश्चिम बंगाल की सीआइडी टीम द्वारा हाल में गिरफ्तार किए गए सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल व कांस्टेबल सहित अलीपुरद्वार के जयगांव के एसडीपीओ और हांसीमारा थाना के दो पुलिस अधिकारियों से हुई पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं।

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सीआइडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आर्मी के इंटेलिजेंस विंग में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल और एसडीपीओ से पूछताछ के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उसके बाद सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर बल पड़ गए है।

पूछताछ में पता चला है कि बांग्लादेश और नेपाल की सीमा से सोना तस्करी कर पूर्वोत्तर के रास्ते उत्तर बंगाल होते हुए बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सोना तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्य सुरक्षा एजेंसियों को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर चुके हैं।

सीआइडी, पुलिस, सेना और अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को मिलाकर करीब 400 की संख्या में जवान व अधिकारी बंगाल के विभिन्न हिस्सों में सोना और अन्य सामानों का तस्करी करने वालों पर नजर रखने एवं उनकी धरपकड़ के काम में जुटे हैं।

दूसरी ओर, इसकी तुलना में नक्सलबाड़ी, सिलीगुड़ी, कलिम्पोंग, सिक्किम आदि के रास्ते अलीपुरद्वार होते हुए कोलकाता, दिल्ली, नागालैंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में सोना तस्करी के कारोबार में कम से कम 2000 से अधिक तस्कर सक्रिय है।

इनमें से 1500 तस्कर तो सिर्फ बंगाल के विभिन्न रास्तों के जरिए सोना लेकर कोलकाता के बड़ाबाजार और देश के अन्य हिस्सों में तस्करी के लिए काम करते हैं। प्राथमिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि सुरक्षा एजेंसियां अगर पांच लोगों को पकड़ती है तो 20 से अधिक तस्कर दूसरे रास्ते से फरार होने में सफल हो जाते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो तस्करों के हाथों अंतरराष्ट्रीय सीमा से उत्तर बंगाल होते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में सोना तस्करी का केवल 20 फीसद हिस्सा ही पकड़ना संभव हो रहा है। उसमें से भी कई भ्रष्ट अधिकारी ऐसे हैं जो पकड़े गए सोना तस्करों से सोना आदि लेकर उन्हें छोड़ देते हैं।

इधर, इस संबंध में सीआइडी ने एक रिपोर्ट राज्य गृह विभाग को भी भेजी है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी साझा किया गया है ताकि विशेष रणनीति बनाकर इस पर रोक लगाई जा सके। अधिकारी ने बताया कि न केवल सुरक्षा में तैनात जवानों की कमी है बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद तकनीक भी इतनी पर्याप्त नहीं है कि तस्करों के खिलाफ इसे पूरी तरह से इस्तेमाल किया जा सके।

कुल मिलाकर कहा जाए तो सोना और अन्य प्रतिबंधित सामानों की तस्करी में इतनी बड़ी संख्या में लोग जुड़ गए हैं कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए इस पर पूरी तरह से लगाम लगा पाना फिलहाल बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है।

गौरतलब है कि सोना तस्करी के आरोप में पकड़े गए तस्करों से 15 किलो वजन के 15 सोने के बिस्कुट लेकर उन्हें छोड़ देने के आरोप सीआइडी ने पिछले सप्ताह ही सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल पवन वर्मा, कांस्टेबल दशरथ सिंह, अलीपुरद्वार के जयगांव के एसडीपीओ अनिरूद्ध ठाकुर और हासीमारा थाना के प्रभारी और उप प्रभारी को गिरफ्तार किया है। 


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