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मंत्री गौतम देव की बातों के लगाए जा रहे कई मायने

-अपनी ही सरकार के मंत्री रवींद्रनाथ घोष के उत्तर बंग उन्नयन विभाग की कड़ी आलोचना की म

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 09:00 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 09:00 PM (IST)
मंत्री गौतम देव की बातों के लगाए जा रहे कई मायने
मंत्री गौतम देव की बातों के लगाए जा रहे कई मायने

-अपनी ही सरकार के मंत्री रवींद्रनाथ घोष के उत्तर बंग उन्नयन विभाग की कड़ी आलोचना की, मुख्यमंत्री से भी की है शिकायत

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-आसन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 के मद्देनजर लगाए जाने लगे हैं दलबदल व और भी कई कयास जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल सरकार के पर्यटन मंत्री गौतम देव के अपनी ही सरकार के मंत्री रवींद्रनाथ घोष के विभाग उत्तर बंग उन्नयन विभाग की आलोचना करने व उसके खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी भेजने के मामले के कई मायने लगाए जाने लगे हैं। राजनीतिक गलियारे में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। कोई इसे अपनी ही सरकार व अपनी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रति उनके रोष तो कोई दल-बदल की संभावना के रूप में देख रहा है। वैसे मंत्री गौतम देव खुद ऐसी किसी संभावनाओं से बार-बार इंकार किया है।

इधर ताजा मामला यह है कि बीते गुरुवार को मकर संक्रांति के दिन उन्होंने अपने डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शांति नगर सड़क निर्माण का शिलान्यास करने के उपलक्ष्य में अपने संबोधन में उत्तर बंग उन्नयन विभाग की कड़ी आलोचना की जिसे परोक्ष रूप में उस विभाग के मंत्री उनके अपने ही कैबिनेट सहकर्मी मंत्री रवींद्रनाथ घोष की आलोचना के तौर पर देखा जा रहा है। मंत्री गौतम देव ने कहा था कि उनके डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र में उत्तर बंग उन्नयन विभाग ने अपने एक भी रास्ता का मरम्मत कार्य नहीं किया। हां, सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) ने कुछ-कुछ कार्य किया। उत्तर बंग उन्नयन विभाग ने बहुत असहयोग किया। खुद उनके द्वारा बारा-बार कहने के बावजूद कोई असर नहीं हुआ। इसके खिलाफ उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखी है। वैसे उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। कहा कि, मुख्यमंत्री ने सदैव सहयोग किया है। इस पूरे मामले में मंत्री रवींद्रनाथ घोष से भी प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

मंत्री गौतम देव ने उत्तर बंग उन्नयन विभाग की आलोचना क्यों की? इस सवाल पर मंत्री गौतम देव का कहना था कि आवेश में बोल गया। पर, उनके लिए के लिए यह भले आवेश हो या जो हो लेकिन उनकी इन बातों के कई निहितार्थ राजनीतिक गलियारों निकाले जाने लगे हैं। आसन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 के इस मौसम में उनकी ऐसी प्रतिक्रियाओं को उनके ही दल व सरकार के अंग रहे सुवेंदु अधिकारी की लाईन में देखा जा रहा है। वैसे मंत्री गौतम देव बार-बार इसका खंडन कर चुके हैं कि वह तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने वाले हैं। इस बाबत पहले भी भाजपा के प्रभावी नेता व सांसद सौमित्र खान के दावे को भी मंत्री गौतम देव ने आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि वे और उनकी भाजपा गोएब्बेल्स का खेल खेलना बंद करें। भाजपा और उसकी आइटी सेल जो दिन रात लगातार गोएब्बेल्स के इस सिद्धांत पर काम करती रहती है कि झूठ को बार-बार बोलो तो वह सच हो जाएगा, वह सब यहां नहीं चलने वाला है। सौमित्र खान की बात सरासर झूठ व निराधार है।

मंत्री गौतम देव का कहना था कि मैं मर जाऊंगा लेकिन सांप्रदायिक भाजपा में कभी नहीं जाऊंगा। मैं आदर्शो की राजनीति करता हूं। इन आदर्शो को छोड़ कर मैं सांप्रदायिक भाजपा में कदापि नहीं जा सकता। आदर्शो-विचारों के मर जाने से बेहतर खुद मर जाना है। मैं मर भी जाऊं तो मेरे मृत शरीर पर अपनी पहली पार्टी कांग्रेस (यदि कांग्रेस वाले देंगे तो), व अबकी तृणमूल कांग्रेस का झंडा पसंद करूंगा लेकिन, गेरुआ सांप्रदायिक भाजपा का झंडा तो मैं अपने मृत शरीर पर भी पसंद नहीं करूंगा।


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