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West Bengal: अब तृणमूल कांग्रेस शुरू करेगी 'गर्व है ममता' कैंपेन

Garv Hai Mamata. 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से जुड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस अब गर्व हैं ममता कैंपेन शुरू करने की तैयारी में है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 08:16 PM (IST)
West Bengal: अब तृणमूल कांग्रेस शुरू करेगी 'गर्व है ममता' कैंपेन
West Bengal: अब तृणमूल कांग्रेस शुरू करेगी 'गर्व है ममता' कैंपेन

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Garv Hai Mamata. 'दीदी के बोलो' कैंपेन की सफलता के बाद 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से जुड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस अब 'आमार गर्व ममता' (हिंदी में- गर्व हैं ममता) कैंपेन शुरू करने की तैयारी में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस नई कैंपेन के सहारे ही पार्टी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि 'आमार गर्व ममता' नाम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रचार पहले से शुरू है। अब साइबर दुनिया से निलकर इसे सड़क पर उतारने की तैयारी है। इसके तहत जल्द ही तृणमूल 'आमार गर्व ममता' नाम से कैंपेन शुरू कर सकती है।

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सूत्रों का कहना है कि इस कैंपेन के तहत तृणमूल विधायक ब्लॉक-ब्लॉक में जाकर लोगों से सरकारी योजनाओं व विभिन्न विकास कार्यो के बारे में लोगों से फीडबैक लेंगे। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं से लोगों को क्या सुविधा मिली, क्या दिक्कत हो रही है आदि फीडबैक इसके माध्यम से एकत्रित किए जाएंगे। दरअसल, ममता सरकार कई सामाजिक सुरक्षा योजनाएं चला रही हैं, उन सभी को इस कैंपेन के जरिए प्रचार का हिस्सा बनाया जाएगा। इसके जरिए ममता सरकार अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करने की तैयारी में है।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से भाजपा के 18 सीटें जीतने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को खुद से जोड़ने के लिए पिछले साल जुलाई में 'दीदी के बोलो' यानी दीदी से बात करो कैंपेन शुरू किया था। इसके तहत एक मोबाइल नंबर जारी किया गया, जिसमें लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इस कैंपेन के जरिए तृणमूल की हर घर तक पहुंचने की कोशिश थी। अब एक नई कैंपेन शुरू करने की तैयारी है।

दूसरी ओर, अगले कुछ माह में राज्य में होने वाले नगरपालिका चुनाव से पहले जनता से सीधे जुड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस के 'दीदी के बोलो' कैंपेन की तर्ज पर बंगाल भाजपा इकाई भी राज्य में 'बीजेपी के बोलो' कैंपेन शुरू करने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य तृणमूल द्वारा संचालित नागरिक निकायों के खिलाफ लोगों की शिकायतों के बारे में जानना और उनकी मांगों व जरूरतों को समझना है।

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