भाजपा और संयुक्त मोर्चा उम्मीदवार पर कई मुकदमें
खुलासा -सभी दर्ज मामले हैं राजनीति से प्रेरित -मंत्री गौतम देव के खिलाफ अभी एक भी मामला न
खुलासा
-सभी दर्ज मामले हैं राजनीति से प्रेरित
-मंत्री गौतम देव के खिलाफ अभी एक भी मामला नहीं
- हलफनामें में किसी एफआईआर का जिक्र नहीं जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया जारी है। राज्य में तीन चरणों का मतदान पूरा हो गया है। चौथे चरण का मतदान कल शनिवार हो है। जबकि पांचवे चरण में जलपाईगुड़ी जिला अंतर्गत डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा सीट के लिए 17 अप्रैल को मतदान होना है। डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा सीट से कुल 12 उम्मीदवारों ने नामांकन जमा कराया है। नियमानुसार उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ अपराधिक मामलों की विस्तृत जानकारी भी नामांकन के साथ चुनाव आयोग को उपलब्ध कराया है। मतदाताओं की कसौटी पर खरा उतरने में उम्मीदवारों का चरित्र व उनके खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले भी अहम कड़ी है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने की कोशिश में है। वहीं राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही है। बल्कि भाजपा को रोकने के लिए माकपा-कांग्रेस गठबंधन (संयुक्त मोर्चा) भी पूरा जोर लगाया है। डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा सीट काफी अहम हैं। बीते दो विधानसभा चुनाव से गौतम देव इस सीट पर कब्जा जमाए हुए हैं। वर्ष 2011 में जीत हासिल करने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें उत्तर बंगाल विकास मंत्री के रुप में और वर्ष 2016 के विधान सभा चुनाव में जीत के बाद पर्यटन मंत्री के रूप में शामिल किया। गौतम देव ने दो बार सीपीआईएम के उम्मीदवार दिलीप सिंह को शिकस्त दिया है। इस बार डाबग्राम-फूलबाड़ी विधान सभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार गौतम देव के खिलाफ संयुक्त मोर्चा से दिलीप सिंह और भाजपा से शिखा चटर्जी मैदान में हैं।
डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा सीट से मैदान में उतरे तीन प्रमुख राजनीतिक दल के उम्मीदवारों में तृणमूल उम्मीदवार गौतम देव पर कोई मुकदमा नहीं है। नामांकन पर्चा के साथ चुनाव आयोग को उपलब्ध कराई जानकारी में उन्होंने ने किसी भी अपराधिक मामले के लंबित होने की जानकारी नहीं दी है। जबकि संयुक्त मोर्चा उम्मीदवार दिलीप सिंह और भाजपा उम्मीदवार शिखा चटर्जी के खिलाफ कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांकि यह सभी मामले राजनीति से प्रेरित बताए गए हैं। संयुक्त मोर्चा उम्मीदवार दिलीप सिंह के खिलाफ सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के भक्ति नगर थाने में वर्ष 2016 में एक और सिलीगुड़ी थाने में वर्ष 2013 में चार मामले दर्ज हैं। इनके खिलाफ प्रशासन की अनुमति के बगैर राजनीतिक रैली निकालने के लिए भारतीय दंड विधान की धारा 188, विरोधी दल की रैली पर पथराव व पुलिस को घायल करने के लिए धारा 143, लोक सेवक के कार्य में बाधा उत्पन्न करने के लिए 353, किसी व्यक्ति की सुरक्षा पर खतरा क लिए धारा 336, रैली के मार्फत उपद्रव मचाने के लिए धारा 147, घातक हमला के लिए धारा 148, जनसमुह पर हमला करने के लिए धारा 149 के तहत जलपाईगुड़ी जिला और सिलीगुड़ी अदालत में मामला विचाराधीन है। अब तक किसी भी मामले में इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है।
इसके अतिरिक्त भाजपा उम्मीदवार शिखा चटर्जी के खिलाफ सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के भक्ति नगर थाने में कुल पांच मामले दर्ज हैं। जिसमें से तीन मामले वर्ष 2020 में, एक मामला वर्ष 2018 में और एक मामला वर्ष 2009 का है। वहीं न्यू जलपाईगुड़ी थाने में भी वर्ष 2020 में इनके खिलाफ एक मामला दर्ज हुआ था। इनके खिलाफ बीते वर्ष कोरोना काल संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए जारी सरकार के आदेशों का उल्लंघन को लिए आईपीसी की धारा 188, गैर कानूनी तरीके से जन समूह एकत्र कर कोरोना संक्रमण को न्यौता देने के लिए धारा 269 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51(बी), 143 और 145, लोक सेवक के कार्य में बाधा देने के लिए 353, किसी के खिलाफ झूठा मामला दायर करने के लिए धारा 209, जान से मारने की धमकी देने के लिए धारा 506 के तहत मामला जलपाईगुड़ी अदालत में विचाराधीन है। लेकिन किसी भी मामले में इन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है।
इसके अतिरिक्त भाजपा से नाराज होकर निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले आलोक सेन के खिलाफ वर्ष 2018 में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की भक्ति नगर थाने में अपहणर का एक मामला दर्ज हुआ था। अपहरण के आरोप में आईपीसी की धारा 465, 468, 471, 506 और 34 के तहत मामला जलपाईगुड़ी अदालत में विचाराधीन है। वहीं एक और निर्दलीय उम्मीदवार राम प्रसाद मोदक के खिलाफ किसी अन्य स्त्री के साथ शारीरिक संबंध रखने के आरोप के तहत जलपाईगुड़ी जिला पुलिस की राजगंज थाने में आईपीसी की धारा 498 (ए), 494 और 109 के तहत वर्ष 2013 में एक मामला दर्ज है। हांलाकि इन्होंने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है। वर्ष 2014 में राजगंज थाने में इनके खिलाफ चोरी के आरोप में धारा 323 और 379 के तहत मामला दर्ज है। बीते वर्ष कोरोना काल में लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आईपीसी की धारा 505 और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राजगंज थाने में मामला दर्ज है। यह सभी मामले जलपाईगुड़ी अदालत में विचाराधीन है। और कौन उम्मीदवार मैदान में
इसके अतिरिक्त डाबग्राम-फूलबाड़ी सीट से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले राखी मंडल, शुभाष विश्वास, आमरा बंगाली के उम्मीदवार शंभू सूत्रधर, एसयूसीआई उम्मीदवार मनीउल इस्लाम, बसपा उम्मीदवार राधा कृष्ण नामदास और आरपीआई उम्मीदवा अमिताभ नस्कर ने अपने खिलाफ किसी भी अपराधिक मामले का जिक्र नामांकन पर्चे में नहीं किया है।