पहाड़ के परिपेक्ष्य में भूतपूर्व सैनिक नए इतिहास का सृजन करें :अनित
परिवर्तन सभा को संबोधित करते हुए प्रमुख अतिथि जीटीए चेयरमैन अनित थापा ने भूतपूर्व सैनिकों को आनेस्ट जमात बताते हुए अब भूतपूर्व सैनिकों को सामाजिक कार्य में लगने का आह्वान किया। उन्होंने पहाड़ के समीकरण में भूतपूर्व सैनिकों से नया इतिहास सृजन करने को कहा। उन्होंने कहा कि मैं महामहिम नहीं हूं। मैं आप लोगों जैसा ही साधारण व्यक्ति हूं व रहना चाहता हूं। वर्ष-2017 में जिस लकीर को खींचा थाआज भूतपूर्व सैनिकों की उपस्थिति व समर्थन से हमारी काम साकार हो गयाऐसा मैं मानता हूं। आज के विविध वक्ताओं के सोच को समेटकर ही हमें आगे बढ़ना होगा।
-परिवर्तन सभा में बोले जीटीए चेयरमैन
-कíसयाग में गोजमुमो विनय-अनित गुट ने किया परिवर्तन सभा का आयोजन जागरण संवाददाता,कíसयाग।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा विनय व अनित गुट के नये सोंच व नये विचार का समर्थन करते हुए
भारतीय गोरखा भूतपूर्व सैनिक व अर्द्ध सैनिक संगठन के तत्वावधान में कíसयाग के मंटिवियट खेल मैदान में परिवर्तन सभा का आयोजन किया गया।
परिवर्तन सभा आरंभ करने से पूर्व कíसयाग के टूरिस्ट लाज से एक विराट रैली निकाली गई। इसमें काफी तादाद में भारतीय गोरखा भूतपूर्व सैनिक व अर्द्ध सैनिक संगठन के सदस्यों आदि की उपस्थिति थी। जमकर नारेबाजी करते हुए निकाली गई इस रैली को शहर परिक्रमा कराते हुए प्रमुख सभा स्थल मंटिवियट खेल मैदान में पहुंचाया गया। रैली यहा पहुंचने पर रैली को परिवर्तन सभा में तब्दील कर दिया गया।
परिवर्तन सभा को संबोधित करते हुए प्रमुख अतिथि जीटीए चेयरमैन अनित थापा ने भूतपूर्व सैनिकों को आनेस्ट जमात बताते हुए अब भूतपूर्व सैनिकों को सामाजिक कार्य में लगने का आह्वान किया। उन्होंने पहाड़ के समीकरण में भूतपूर्व सैनिकों से नया इतिहास सृजन करने को कहा।
उन्होंने कहा कि मैं महामहिम नहीं हूं। मैं आप लोगों जैसा ही साधारण व्यक्ति हूं व रहना चाहता हूं। वर्ष-2017 में जिस लकीर को खींचा था,आज भूतपूर्व सैनिकों की उपस्थिति व समर्थन से हमारी काम साकार हो गया,ऐसा मैं मानता हूं। आज के विविध वक्ताओं के सोच को समेटकर ही हमें आगे बढ़ना होगा।
उन्होंने कहा कि आदोलन के नाम पर साथ आनेवाले नेताओं के मुंह में थूक आता है। संपूर्ण आदोलन में भूतपूर्व सैनिकों का योगदान था। परंतु उनके योगदानों के मूल्याकन विगत में कभी नहीं किया गया। नरेंद्र मोदी (वर्तमान देश के प्रधानमंत्री)ने गोरखा का सपना मेरा सपना कहा था। इसी सपने को लेकर पहाड़ में आदोलन हुआ व कुर्सी में आकर समाप्त हुआ। परंतु जनता को क्या मिला? उन्होंने प्रश्न भी किया।
उन्होंने कहा कि वर्ष -2007 का आदोलन विमल गुरूंग द्वारा सरकार से मिलकर सुवास घीसिंग को पहाड़ से खदेड़ने का आदोलन था। लीडर लोग सरकार के साथ मिलकर जनता से मुर्दाबाद की नारा लगवाने का कथित कार्य करते हैं।
वर्ष-2017 में जीटीए में जब आडिट की बात उठी,तब आदोलन शुरू हुआ। ऐसे आदोलन के नाम पर जनता को अस्तव्यस्त बनाने का कार्य हुआ। ये करनेवाले नेता हमारे ही थे। आदोलन के दौरान लीडर मैदान में रहने के बजाय कोई दिल्ली तो कोई होटल में थे। गलत दिशा में चल रहे आदोलन को विनय तामंग व हमनें मिलकर नये दिशा की खोज में निकले। नये दिशा का मार्ग अपनाना काफी कठिन होने के बावजूद मेरा विजन स्पष्ट था। मेरी आत्मा की आवाज शुद्ध थी। इसी कारण आज हम बढ़कर यहा तक पहुंच गये हैं। हमें पहाड़ को और बेहतरीन बनाने के लिए कई कार्यो को करना है।
जीटीए चेयरमैन अनित थापा ने पहाड़ के शिक्षित जमात को भी राजनीति में आकर नेतृत्व देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि मैं जहा भी जाता हूं। हमारे बच्चे शिक्षित मिलते हैं,परंतु प्राय: सभी बेरोजगार हैं। मुझे पहाड़ में रोजगार प्रदान करना है। मैं गोरखालैंड के नाम पर वोट माग्ने के लिए नहीं आउंगा। परंतु जो समाज के बारेमें समझता है व सरकार को बात बताने में सक्षम होगा,वैसे उम्मीदवार को चुनाव में उठायेंगे।
कल का परिवर्तन अकेले अनित थापा व अकेले विनय तामंग नहीं सकेंगे। परंतु हम सभी मिल जायें तो मात्र नये इतिहास को व नये लकीर को खींचने में कामयाबी हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि शहीद का कहीं मूल्याकन नहीं हुआ है,ऐसा मुझे लगता है। आप प्रत्येक शहीद के डाटा को इकट्ठा करें। हम उनके सम्मान में दाíजलिंग के चौरस्ता के मंच में उनके इतिहास को रखेंगे। वहा आनेवाले प्रत्येक व्यक्ति गोरखाओं का सही इतिहास देख सकेंगे।
उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर-2020 के दिन सोनादा से दाíजलिंग तक परिवर्तन पदयात्रा की जायेगी। परिवर्तन पदयात्रा में मेरे साथ कितने सह यात्री होंगे,मैं देखना चाहता हूं। उस दिन दाíजलिंग पहुंचकर मैं कैसे परिवर्तन लाउंगा,इसके बारेमें मैं बताऊंगा।
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