कोरोना से डरे नहीं, सतर्कता से करें मुकाबला:डॉ भोपालिका
- सरकार के उठाए कदमों का करें स्वागत और सहयोग - बच्चों बुजुर्गो और बीमारों को र
- सरकार के उठाए कदमों का करें स्वागत और सहयोग
- बच्चों, बुजुर्गो और बीमारों को रहना होगा और सावधान
अशोक झा, सिलीगुड़ी: कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी में भी इसका खौफ देखा जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह क्षेत्र चिकित्सा का हब है। यहा की सीमाएं कई राज्यों और कई देशों से जुड़ती है। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारिया भी प्रकाशित हो रही हैं। इन अफवाहों और भ्रातियों को दूर करने के लिए शहर के चर्म रोग विशेषज्ञ प्रवीण भोपालिका से दैनिक जागरण ने कोरोना वायरस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जाने जो इस प्रकार है।
क्या कोरोना वायरस संक्त्रमण का मतलब मौत है ?
यह बात पूरी तरह गलत है। बड़ी संख्या में संक्रमित लोग ठीक हुए हैं। अकेले भारत में तीस से ज्यादा मरीज इलाज कराकर घर लौट चुके हैं और अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। पूरी दुनिया में करीब एक लाख लोग पूरी तरह दुरुस्त हो चुके हैं। हालाकि, यह सच है कि अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है, लेकिन जिसका वायरस के लिए टेस्ट पॉजिटिव आया है, उसकी मौत ही होगी, ये कहना भी सही नहीं है। वैश्रि्वक स्तर पर अभी तक के आकड़े बताते हैं कोरोना वायरस की वजह से बीमार लोगों में सिर्फ 1.5 से 2.5 फीसदी लोगों की मौत हुई है। यह गंभीर सवाल है। क्योंकि अभी तक कोई ऐसा तथ्य नहीं सामने आया है जिससे तुरंत इस बीमारी के लक्षण पहचान लिए जाएं। इसका सबसे आसान तरीका यही है कि जिसे भी जुकाम-सर्दी या बुखार थोड़ी सी भी परेशानी महसूस हो वह खुद ही अन्य लोगों से अपने आप को अलग कर ले। ज्यादा दिक्कत महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ले। हो सकता है कि उसे सामान्य खासी-जुकाम हो लेकिन यह परीक्षण के बाद ही साफ हो पाएगा कि उसे कोरोना का संक्रमण है या नहीं। इसलिए बेहतर है कि आप खुद को बचाएं जिससे अन्य लोग भी खतरे से बच जाएंगे।
खासी-जुकाम और बुखार होने पर टेस्ट कराना क्या जरूरी है ?
वायरस के ज्यादातर मामले सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे ही होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को फ्लू के कुछ हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उन्हें कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं। अगर आपको लो ग्रेड बुखार, सर्दी और खासी है तो घर पर आराम करें । खूब सारा तरल पदार्थ लें। लेकिन जिन्हें तेज बुखार, सास लेने में तकलीफ महसूस हो रही है, उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए । तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके लिए सीधे अस्पताल जाना जरूरी नहीं है। फोन के माध्यम से अपनी समस्या डॉक्टर से बताकर उचित जानकारी ले सकते हैं। इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस के लक्षण एक जैसे ही हैं। इस वक्त इन दोनों में अंतर करना मुश्किल है। ऐसे में अगर आपकी नाक बह रही है, हल्का सर्दी जुकाम, खासी और बुखार है तो आप ज्यादा से ज्याद आराम करें। इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश करें।
बुजुर्ग व बच्चों को इस बीमारी से कितना खतरा है?
अभी तक के अध्ययन से पता चला है कि वायरस की चपेट में ज्यादातर बुजुर्ग या ऐसे लोग आ रहे हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। अभी तक सिर्फ इसी नतीजे पर पहुंचे हैं कि जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है उन पर वायरस का प्रकोप ज्यादा है। ऐसे में अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, डायबीटीज, दिल से जुड़ी बीमारी, स्ट्रोक या सास से जुड़ी बीमारी है तो फ्लू जैसे लक्षणों को भी हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जो बीमार नहीं हैं, क्या उन्हें अलग रहना चाहिए?
यह पूरी तरह आपके ऊपर निर्भर करता है। वैसे तो राज्य सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। लेकिन सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। कहीं से घर में आएं तो तुरंत हाथ मुंह जरूर धोएं। यदि आपको संदेह है कि आप बीमार हैं तो आप घर में भी सबके साथ नहीं रहे। इस वायरस का सबसे बड़ा वचाव आपकी सतर्कता और सकारात्मक सोच ही है। हवा से फैल रहा कोरोना वायरस? डॉ भोपालिका के अनुसार, यह वायरस हवा से नहीं बल्कि सास लेने और सास छोड़ने, खासने और छींकने की वजह से फैल रहा है। वायरस सासों कोई बीमार व्यक्ति जब छींकता है तो उससे निकलने वाली छोटी बूंदें और नजदीकी संपर्क से फैलता है। हालाकि, इस वायरस के बारे में समझने के लिए ज्यादा अनुसंधान और महामारी विज्ञान के आकड़ों के विश्लेषण की जरूरत है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस काम में जुटे हुए हैं। सब लोगों को मास्क लगाना जरूरी है? मास्क पहनने से अतिरिक्त कोई लाभ नहीं होता। अगर आप मरीज के साथ हैं, या किसी मरीज को ट्रासफर कर रहे हैं या ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं,जिसमें लक्षण दिख रहे हैं तो आपको अवश्य मास्क पहनने चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहन कर घूमने से आपको कोई ज्यादा लाभ तो नहीं होगा। ज्यादातर लोग एक साथ पहनकर निकलें तो दहशत फैल सकती है। सामान्य मास्क इस बीमारी पर बेअसर होता है, इसलिए कई परत वाले मास्क का प्रयोग करें। एन95 मास्क बेहतर है, लेकिन अन्य बाकी मास्क भी इस वायरस से सुरक्षा देते हैं। सबसे जरूरी है हाथ धोना। क्या कोरोना वायरस सामान से भी फैल सकता है ?
जब आप किराने का सामान खरीदें तो सबसे पहले तो डिब्बाबंद खाद्य पदाथरें की बाहरी परत को जरूर पोछें। उसके बाद तुरंत हाथ धुलें। सब्जिया और फल आप धोते ही हैं। इस समय थोड़ा और बेहतर तरीके से धुलें और हा हमेशा हाथ जरूर धोते रहें। इससे ज्यादा बचाव का कोई उपाय नहीं है। किराने की दुकान पर भीड़ का हिस्सा बनने से बचें। किसी से हाथ न मिलाएं। क्या सामान इकट्ठा कर लेना चाहिए? इसकी कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने साफ किया है कि सभी जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी, इसलिए बिल्कुल भी परेशान न हों। अगर आप ऐसा करेंगे तो अन्य लोग भी आपकी देखादेखी सामान इकट्ठा करेंगे। इससे माग बढ़ेगी और कालाबाजारी का खतरा बढ़ेगा। इसलिए बेहतर है कि जितना जरूरी है सिर्फ उतना सामान ही खरीदें। सामान्य रूप से नल का पानी पीते हैं, तो इसे पीते रहना ठीक है। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। हो सके तो गुनगुना पानी पिएं। इससे आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी। बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि परिवार का ही कोई सदस्य साथ हो । लेकिन फिर भी आवश्यक हो तो सिर्फ एक आया चुनें। उसे बताएं कि उसे किन नियमों का पालन करना है। लगातार हाथ धोना है और जुकाम-बुखार की हालत में बच्चे को बिल्कुल भी नहीं छूना है। उसे अन्य लोगों से नहीं मिलना है और हो सके तो उसे अपने पास ही रखें। आया को बता दें कि थोड़ी सी भी बीमारी महसूस होने पर उसे आपके घर नहीं आना चाहिए।