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सभा में देश में बुद्धिष्ट ला लागू कराने पर चर्चा

-देश में अशोक चक्र का उपयोग सरकारी कार्य में पर बुद्धिष्ट समुदाय सुविधाओं से वंचित हिंदूमुि

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 07:55 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 07:55 PM (IST)
सभा में देश में बुद्धिष्ट ला लागू कराने पर चर्चा
सभा में देश में बुद्धिष्ट ला लागू कराने पर चर्चा

-देश में अशोक चक्र का उपयोग सरकारी कार्य में , पर बुद्धिष्ट समुदाय सुविधाओं से वंचित

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हिंदू,मुस्लिम,सिख,ईसाई ला है,परंतु बुद्धिष्ट ला नहीं

जागरण संवाददाता,कर्सियाग:शामी लाखाग तीन मोनाष्ट्री के तत्वावधान में रविवार को सभा हुई। जिसकी अध्यक्षता वागेल छिरिंग भोटिया ने की। सभा में विभिन्न क्षेत्रों से आये बुद्धिष्ट समुदाय के लोग व धर्मगुरु मौजूद थे। सभा को संबोधित करते हुए शामी लाखाग तीन मोनाष्ट्री के धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे ने बताया कि यह कोई राजनैतिक सभा नहीं है। भारत में बुद्धिष्ट 7 प्रतिशत हैं। जब कि पहले 75 प्रतिशत जनसंख्या थी। देश में अशोक चक्र का उपयोग हर सरकारी कायरें में होता है इसके बावजूद बुद्धिष्ट समुदाय विभिन्न सुविधाओं से वंचित है।

दार्जिलिंग में 60 प्रतिशत बुद्धिष्ट होने के बावजूद हमें कुछ कार्य करने के लिए बुद्धिष्ट कानून नहीं होने के कारण हमें विविध समस्यायों से जूझने को मजबूर होना पड़ रहा है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने बंगाल में बुद्ध जयंती में अवकाश घोषणा किया है। भारत सरकार भी इसी तरीके से बुद्धिष्ट ला (कानून )लागू करे।सभा में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने बुद्धिष्ट ला को लागू कराने के लिए संपूर्ण बुद्धिष्ट समुदायों को एकवद्ध होकर कार्य करने का आह्वान किया।

वक्ताओं ने बुद्धिष्ट ला लागू कराने के मुद्दे को महत्वपूर्ण बताते हुए उक्त विषय का समर्थन जताया। बुद्ध जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की माग सहित वक्ताओं ने बौद्ध धर्मावलंबी लोगों को भी समेटकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का आह्वान किया। संविधान विशेषज्ञों का परामर्श लेकर इसके लिए अग्रसर होने का आह्वान भी सभा में किया गया। वक्ताओं ने बताया कि भारत सरकार ने बुद्धिष्ट समुदाय सहित पाच समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यक करार दिया है। परंतु बुद्धिष्ट समुदाय विभिन्न सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। बौद्ध धर्मावलंबियों को इसके लिए एकवद्ध होने व बुद्धिष्ट ला लागू कराने के लिए सभी को एकवद्ध होकर चिंतन-मनन करने का आह्वान भी वक्ताओं ने किया । सभा में बताया गया कि भारत में

हिंदू,मुस्लिम,सिख,ईसाई ला है,परंतु बुद्धिष्ट ला नहीं है। इसलिए सरकार से बुद्धिष्ट ला लागू कराने के लिए आह्वान किया गया। वक्ताओं ने कहा कि भारत देश को हिंदू देश कहा जाता है। परंतु यह साकेत भूमि है। इसका मतलब बौद्ध भूमि है। बुद्धिष्ट लोग यत्र-तत्र होने से इसे हिंदू देश कहा जाता है। बुद्धिष्ट ला लागू कराने वाली बात,यह छोटी बात नहीं है। इसके लिए बड़े-बड़े विद्वानों से परामर्श लेकर कार्य करना आवश्यक है। धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे ने बुद्धिष्ट ला लागू कराने के लिए जो योजना बनायी है, यह सराहनीय है। इसके लिए संघर्ष करना आवश्यक है। अपने धर्म के प्रति एकवद्ध नहीं होने से हम विलुप्त होने के कगार पर हैं। बुद्धिष्ट ला लागू कराने के संदर्भ में हमें पहले व्यावहारिक रूपमें संविधान को सटीक तरीके से देखना आवश्यक है। सभा को यू. लामा,दावा लामा,अजय लामा,पेम्बा लामा,शरण लामा,संतोष मोक्तान,शामी लाखाग तीन मोनाष्ट्री के कानूनी सलाहकार पंकज गुप्ता आदि ने संबोधित किया।


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