दिलीप घोष ने कहा- विधायक को नहीं बचा पा रही,जनता को क्या बचाएगी ममता सरकार
ममता की सर्वदलीय बैठक से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने साधा निशाना राज्य की स्वस्थ्य से लेकर कानून व्यवस्था तक को लेकर उठाए सवाल
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल विधायक तमोनाश घोष की कोरोना वायरस से मौत पर होने पर निशाना साधते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है। सरकार व मंत्री अपने विधायक को नहीं बचा पा रहे हैं, तो जनता को क्या बचाएंगे। यहां बताना जरूरी है कि घोष का यह बयान उस समय आया है जब ममता ने कोरोना को लेकर सर्वदलीय बैठक की है।
उन्होंने बुधवार को एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार कोरोना की संख्या को छिपा रही है। नेता व अभिनेता सभी अस्वस्थ हो रहे हैं। मंत्री अस्वस्थ हो गए। ईश्वर की कृपा से वे स्वस्थ हैं। तृणमूल कांग्रेस को नेता-मंत्री या तो लॉकडाउन का पालन नहीं किए या फिर शारीरिक दूरी को नहीं मान रहे हैं, लेकिन साफ है कि सरकार कोरोना से मुकाबले में पूरी तरह विफल है।
उन्होंने कहा कि शाह के वक्तव्य को करोडो़ं लोगों ने सुना था। भाजपा कार्यकर्ता पवन जाना की हत्या कर दी गई। कोरोना व एम्फन के कारण हाहाकार मचा है। इसमें भी तृणमूल कांग्रेस हिंसा में संलिप्त है। राज्य के लोग हिंसा नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज बंगाल के अस्तित्व पर संकट है। एक हजार किलोमीटर बांग्लादेश की सीमा पर तार के बाड़ के कारण घुसपैठिये व रोहिंग्या का प्रवेश हो रहा है।
राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। राज्य में भ्रष्टाचार व्याप्त है। प्रवासी श्रमिकों के पास काम नहीं है। प्रधानमंत्री ने गरीब लोगों के लिए राशन की व्यवस्था की, लेकिन उनके पास राशन नहीं पहुंचा। तृणमूल के नेता ने राशन भी लूट लिया। इससे बंगाल को मुक्त करना होगा। उन्होंने कहा कि डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने शरणार्थियों को नागरिकता देने का सपना देखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता कानून लाकर उनके सपने को पूरा किया है। राज्य के करोड़ों शरणार्थियों का सपना पूरा होगा।
श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान के कारण ही बंगाल भारत से जुड़ा है। बंगाल को सोनार बांग्ला बनाना है। श्यामाप्रसाद मुखर्जी के दिखाये रास्ते पर चलना होगा। भाजपा कार्यकर्ताओं पर 29 हजार मामले चल रहे हैं। मेदिनीपुर में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के खिलाफ वे लोग गए, तो उन लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी गई है। जो तृणमूल के गुंडों के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं कर रहे हैं, जो रोहिंग्या को नहीं रोक पाता है, लेकिन शोक सभा करने पर लोगों के खिलाफ केस करते हैं। ऐसे बंगाल में परिवर्तन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस सत्ता का परिवर्तन जरूरी है। हम स्वीट्जरलैंड व लंदन नहीं चाहते हैं, हम लोग सोनार बांग्ला चाहते हैं।