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डेंगू ने और बरपाया कहर,एक डॉक्टर की मौत

-वार्ड 21 में सबसे अधिक असर -एक ही घर से तीन लोग बीमार -मच्छरों के नाश का काम जोरों प

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 07:37 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 07:37 PM (IST)
डेंगू ने और बरपाया कहर,एक डॉक्टर की मौत
डेंगू ने और बरपाया कहर,एक डॉक्टर की मौत

-वार्ड 21 में सबसे अधिक असर

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-एक ही घर से तीन लोग बीमार

-मच्छरों के नाश का काम जोरों पर

-तीन स्थानों पर लगाया लाइट ट्रैप जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के तमाम दावों के विपरीत डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एक तरह से कहें तो डेंगू का कहर जारी है। बृहस्पतिवार को सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के एक डॉक्टर की मौत हो गई। बताया गया है कि उन्हें भी बुखार तथा डेंगू के लक्षण को लेकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी चिकित्सा एक निजी नर्सिग होम में चल रही थी। सूत्रों के अनुसार बृहस्पतिवार को उनकी मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से हो गई। उनको डेंगू की ही बीमारी थी,इसकी पुष्टि अभी कोई नहीं कर रहा है। मृतका का नाम डॉ स्वाती दासगुप्ता है। उनके पति डॉ गौतम दासगुप्ता भी पहले सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में ही कार्यरत थे। डॉ स्वाती दासगुप्ता के निधन से सिलीगुड़ी के चिकित्सा जगत में शोकी लहर है। विभिन्न संगठनों ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। नॉर्थ बंगाल वोलेन्टरी ब्लड डोनर फोरम की ओर से सोमनाथ चटर्जी ने बताया है कि डॉ दासगुप्ता के निधन से चिकित्सा जगत को काफी नुकसान हुआ। इसबीच, खबर मिलते ही सिलीगुड़ी जिला अस्पताल रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ रूद्रनाथ भट्टाचार्य भी अस्पताल की ओर रवाना हो गए। डॉक्टर की मौत किन वजहों से हुई,इस पर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

इधर,एक अनुमान के मुताबिक अभी भी सिलीगुड़ी के विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी अस्पतालों में डेंगू के लक्षण के करीब 40 से अधिक मरीज भर्ती हैं। राहत की बात यह है कि यह सभी मरीज खतरे से बाहर हैं। लेकिन समस्या यह है कि जिस तरह से डेंगू के एक पर एक मामले सामने आ रहे हैं, उससे शहर के लोगों की नींद उड़ी हुई है। खासकर सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 21 में डेंगू ने एक तरह से अपना घर बना लिया है। आलम यह है कि एक ही घर के तीन-तीन लोग डेंगू की चपेट में आ गए हैं। यहा 3 महीने का एक बच्चा एनएस1 पॉजिटिव पाया गया है। उसकी चिकित्सा चल रही है। उसके पिता बापी चक्रवर्ती की भी तबीयत खराब है। वह भी डेंगू के लक्षण के साथ अस्पताल में भर्ती हैं। उनके रक्त की भी जाच की गई जो एनएस1 पॉजिटिव है। जिस मकान में या परिवार रहता है उस मकान के मालिक को भी पिछले दिनों डेंगू की बीमारी हुई थी। यहा यह भी बता दें कि डेंगू के कारण जिस सीमा सेन नामक महिला की दुर्गा पूजा के दौरान मौत हो गई थी वह भी वार्ड नंबर 21 की ही रहने वाली थी। वार्ड 1 में डेंगू के और भी कई मामले सामने आए हैं। इसलिए सिलीगुड़ी नगर निगम एवं राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से वार्ड नंबर 21 में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यहा नालों की साफ सफाई करा दी गई है। हर दिन मच्छर नाशक स्प्रे एवं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। उसके बाद भी डेंगू का प्रकोप कम नहीं हुआ है। स्थानीय वार्ड पार्षद स्वप्ना दत्ता ने भी बताया है कि उनके वार्ड में डेंगू के कई मामले सामने आए हैं। राहत की बात यह है कि सभी मरीज स्वस्थ हैं। स्वपना दत्ता आगे ने आगे बताया कि वार्ड में विभिन्न इलाकों में साफ सफाई की जा रही है। इसके साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। मच्छर नाशक तेल का स्प्रे किया जा रहा है।

दूसरी ओर सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य डेंगू के मामले बढ़ने की बात तो कर रहे हैं लेकिन साथ ही इसके काबू में भी होने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले वषरें के मुकाबले इस साल डेंगू कम मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा है कि एनएस1 पॉजिटिव होने का मतलब यह नहीं है कि डेंगू की बीमारी है। जब तक मैक एलाइजा टेस्ट में डेंगू की पुष्टि नहीं हो जाती तब तक किसी को भी डेंगू मरीज कहना सही नहीं है। अशोक भट्टाचार्य ने कहा है कि सब कुछ नगर निगम द्वारा कर पाना संभव नहीं है। राज्य स्वास्थ्य विभाग की इसमें बड़ी भूमिका है। क्या है लाइट ट्रैप

अब डेंगू के मच्छर को मारने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम ने इस वार्ड में तीन स्थानों पर लाइट ट्रैप लगाया गया है। नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार रात के समय मच्छरों को मारने के लिए ही लाइट ट्रैप लगाया गया है। यह एक विशेष प्रकार की लाइट है। इसमें एक रसायन भी निकलता है। जिससे मच्छर और कीट पतंग आकर्षित होकर लाइट ट्रैप में फंसकर मर जाते हैं। नगर निगम के लिए यह तकनीक कारगर साबित हो रही है। डेंगू के मच्छर काफी तादाद में ट्रैप लाइट में फंसकर मर रहे हैं।


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