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इलाज तक का मौका नहीं,चार दिनों में ही डेंगू से मल्टी ऑर्गन फेल

-इन्हीं लक्षणों के साथ लगातार दो मरीजों की मौत दहशत -मृतक शाहनवाज के घर पसरा मातम

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 06:51 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 06:30 AM (IST)
इलाज तक का मौका नहीं,चार दिनों में ही डेंगू से मल्टी ऑर्गन फेल
इलाज तक का मौका नहीं,चार दिनों में ही डेंगू से मल्टी ऑर्गन फेल

-इन्हीं लक्षणों के साथ लगातार दो मरीजों की मौत, दहशत

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-मृतक शाहनवाज के घर पसरा मातम

-पूरे धर्म नगर में गंदगी,कई महीनों से साफ-सफाई नहीं

-डिप्टी मेयर के बयान से लोगों में भारी रोष

-काम का काम कुछ नहीं,दोनों ओर से बस सियासत

विपिन राय ,सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में डेंगू की बीमारी ने खतरनाक रूप धारण कर लिया हैं। एक पर एक मौत के मामले सामने आ रहे हैं। इस साल अब तक 4 मरीजों की डेंगू से मौत हो चुकी है। लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि कुछ मामलों में डेंगू बहुत जल्दी मरीजों का जान ले रहा है। पिछले दिनों जिन दो डेंगू मरीजों की मौत हुई है, उससे साफ है कि 3 से 4 दिन में ही डेंगू मरीजों के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। डॉक्टरी भाषा में इसे मल्टी ऑर्गन फेल्योर कहा जाता है। सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 1 स्थित कुलीपाड़ा के धर्म नगर इलाके में मोहम्मद शाहनवाज नामक 17 साल के युवक की डेंगू से बृहस्पतिवार को मौत हो गई है। उसके डेथ सर्टिफिकेट में कॉम्पलिकेटेड डेंगू लिखा हुआ है। साथ ही मल्टी ऑर्गन फेल्योर की बात कही गई है। उसके परिवार वालों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 4 दिनों पहले ही मोहम्मद शाहनवाज को बुखार के लक्षण के साथ सिलीगुड़ी के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। 1 दिन चिकित्सा करने के बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। उसके बाद उसे दूसरे और फिर तीसरे नर्सिग होम में ले जाया गया। परिवार वालों की तमाम कोशिशों के बाद भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण कॉम्पलिकेटेड डेंगू के साथ मल्टी ऑर्गन फेल्योर लिखा गया है। अब चिंता की बात यही है। आमतौर पर डेंगू के मरीजों की मौत जल्द नहीं होती। इस बीमारी की चिकित्सा हो जाती है। अधिकांश मरीज ठीक भी हो जाते हैं। सिलीगुड़ी के जाने-माने चिकित्सक डॉ पीएन सिन्हा के अनुसार डेंगू में डेथ रेट मात्र एक प्रतिशत ही है। दूसरी ओर जो 2 मौत के नए मामले सामने आए हैं, उससे चिंता लाजिमी है। कुछ ही दिनों पहले सिलीगुड़ी जिला अस्पताल की एक डॉक्टर डॉ स्वाति दासगुप्ता की भी मौत इलाज के तीन-चार दिनों के अंदर ही हो गई थी। उनकी मौत भी मल्टी ऑर्गन फेल्योर से हुई थी। इसी कारण से आमलोगों में दहशत है। खासकर उस इलाके के लोग डरे हुए हैं,जहा डेंगू की बीमारी ने अपना पैर पसार लिया है। अभी भी दर्जन भर से अधिक डेंगू मरीजों की चिकित्सा विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी अस्पतालों में चल रही है। इसमें वार्ड पार्षद मौसमी हाजरा भी शामिल हैं। इधर, शाहनवाज की मौत के बाद से उसके परिवार एवं पूरे धर्म नगर इलाके में मातम पसरा हुआ है। साथ ही आम लोगों में सिलीगुड़ी नगर निगम एवं स्थानीय वार्ड पार्षद के खिलाफ रोष है। इस सब के बीच अभी भी पूरे इलाके में गंदगी का अंबार है। नाले बज बज कर रहे हैं। कई महीनों से नालों की साफ सफाई नहीं की गई है। शाहनवाज की मौत के बाद शुक्रवार को सिलीगुड़ी नगर निगम के कुछ कर्मचारी उस इलाके में साफ सफाई करने पहुंचे। कुछ ही देर में ये निकल भी गए। धर्म नगर इलाके में आप जिधर भी निकल जाएं कचरे का अंबार देखने को मिल जाएगा। यह इलाका पहले से ही काफी पिछड़ा हुआ है। निकास व्यवस्था नहीं के बराबर है। जो कुछ नाले बने हुए हैं, उसकी कभी साफ सफाई नहीं कराई गई। पूरे इलाके में मच्छरों का प्रकोप है। जाहिर इसी कारण से डेंगू ने इस इलाके को अपने चपेट में ले लिया है।

इस बीच, डेंगू के मामले में सिलीगुड़ी में सिर्फ सियासत हो रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि ना तो सिलीगुड़ी नगर निगम और ना ही राज्य सरकार की ओर से डेंगू से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। दोनों ही ओर से सिर्फ बयानबाजी की जा रही है। शाहनवाज की मौत के बाद तृणमूल काग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल के नेता रंजन सरकार ने फिर नगर निगम पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने डेंगू से निपटने में सिलीगुड़ी नगर निगम को पूरी तरह से फेल बताया। साथ ही मेयर अशोक भट्टाचार्य के चीन दौरे पर भी सवाल उठाया। रंजन सरकार ने कहा कि सिलीगुड़ी में डेंगू के एक पर एक मामले सामने आ रहे हैं। जबकि अशोक भट्टाचार्य तथा उनके कई पार्षद चीन दौरे में लगे हुए हैं। कहीं भी साफ सफाई नहीं की जा रही है। दूसरी ओर वाममोर्चा बोर्ड भी डेंगू से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई करने के बजाय इस मामले से पल्ला झाड़ने एवं राज्य सरकार पर दोषारोपण करने पर लगी हुई है। सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर राम भजन महतो ने डेंगू से किसी भी मरीज की मौत के मामले से इनकार किया है। मोहम्मद शाहनवाज की मौत पर भी जो बयान दिया है उसे मृतकों के परिजनों तथा स्थानीय लोगों ने शर्मनाक बताया है। महतो ने कहा था कि शाहनवाज काफी दिनों से बीमार था। डिप्टी मेयर के इस बयान से ना केवल मृतक के परिवार वाले बल्कि पूरे धर्म नगर इलाके के लोग नाराज है। यहा तक कि उनकी पार्टी आरएसपी के ही स्थानीय नेताओं ने उनके बयान को गैर जिम्मेदार बताया है। मृतक शाहनवाज के दादाजी मोहम्मद मोसिम का कहना है कि उनके पोते की मौत डेंगू से ही हुई है। उसके बाद भी डिप्टी मेयर असंवेदनशील बयान दे रहे हैं। वास्तविकता यह है कि नगर निगम बोर्ड की ओर से साफ सफाई की कोई व्यवस्था इस इलाके में नहीं की गई। यही स्थिति यहा एक नंबर वार्ड भाजपा पार्षद की भी है। गंदगी के कारण ही इस बीमारी का प्रकोप बढ़ा है। स्थानीय आरएसपी नेता विश्वजीत राय उर्फ चुन्नू राय ने भी नगर निगम पर हमला बोला है। चुन्नू राय का कहना है कि कई महीनों से इस इलाके में नालों की सफाई नहीं हुई है। इसी कारण डेंगू तथा अन्य बीमारी ने अपना पाव पसार लिया है। नेताओं एवं मंत्रियों को इस मामले में राजनीति नहीं कर डेंगू से निपटने के लिए कोई कारगर कदम उठाना चाहिए।

क्या कहना है डिप्टी मेयर का

सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर राम भजन महतो ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनकी संवेदना मृतक के परिजनों के साथ है। उन्होंने ऐसा नहीं कहा कि शाहनवाज काफी दिनों से बीमार था। दरअसल जबतक मैक एलाइजा टेस्ट से डेंगू की पुष्टि नहीं हो जाती तबतक डेंगू से मौत कहना सही नहीं है। आसान रास्ता है कॉम्पलिकेटेड डेंगू कहना

डेंगू की पुष्टि तबतक नहीं होती जबतक मैक एलाइजा टेस्ट नहीें होता। यह टेस्ट सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही संभव है। निजी अस्पताल सीधे-सीधे डेंगू नहीं कह सकते। आमतौर पर एनएस वन पॉजेटिव होने पर मान लिया जाता है कि डेंगू की बीमारी है और उसी के आधार पर चिकित्सा भी की जाती है। इसे एक तरह से कहें तो तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल कर -डेंगू है भी और नहीं भी- कहना है।


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