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सिलीगुड़ी में जोर पकड़ने लगी स्कूल-काॅलेजों को खोलेने की मांग, रोज हो रहा धरना-प्रदर्शन

विड-19 की महामारी के चलते लंबे अरसे से बंद चल रहे स्कूलों कॉलेजों विश्वविद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थानों को खोले जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसे लेकर कई संगठन मुखर हो उठे हैं व सड़कों पर उतर कर आंदोलन शुरू कर दिया है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 05:08 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 05:08 PM (IST)
सिलीगुड़ी में जोर पकड़ने लगी स्कूल-काॅलेजों को खोलेने की मांग, रोज हो रहा धरना-प्रदर्शन
शहर के कचहरी रोड में मुख्य डाक घर के निकट धरना देते लोग। जागरण फोटो।

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। कोविड-19 की महामारी के चलते लंबे अरसे से बंद चल रहे स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थानों को खोले जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसे लेकर कई संगठन मुखर हो उठे हैं व सड़कों पर उतर कर आंदोलन शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में आज सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआई-कम्युनिस्ट) समर्थित ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन (एआईएमएसएस) की दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से यहां धरना प्रदर्शन किया गया। शहर के कचहरी रोड में मुख्य डाक घर के निकट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने हुए इस धरना प्रदर्शन में कुछ स्कूली बच्चे व उनके अभिभावक भी शामिल हुए।

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इन प्रदर्शनकारियों ने बैनर, पोस्टर व प्लेकार्ड प्रदर्शित करते हुए एवं वक्तव्य रखते हुए राज्य सरकार से मांग की कि कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए अविलंब स्कूलों, कॉलेजों विश्वविद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थानों को खोला जाए। कोरोना के नाम पर ये सब बीते लगभग दो वर्षों से लगातार बंद चल रहे हैं। इससे बच्चों की शिक्षा काफी प्रभावित हुई है। अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अविलंब शिक्षण संस्थान नहीं खोले जाने पर प्रदर्शनकारियों ने आगामी दिनों और जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है।

एआईएमएसएस की दार्जिलिंग जिला कमेटी की सचिव पोला नंदी ने कहा कि कोरोना के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। जब अन्य सब कुछ खुले रह सकते हैं तो फिर शिक्षण संस्थानों को खुला रखे जाने में क्या हर्ज है? कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को अविलंब खुलवाया जाना चाहिए। कक्षाएं व परीक्षाएं ऑनलाईन नहीं बल्कि ऑफलाईन आयोजित की जानी चाहिएं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जो "पाड़ाय-पाड़ाय शिक्खा" (मोहल्ले-मोहल्ले शिक्षा) की बात कर रही है वह हमें नहीं चाहिए। हमें परंपरागत रूप में जो विद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था होती है वही चाहिए। वहीं, उन्होंने केंद्र सरकार के विरुद्ध भी रोष व्यक्त करते हुए, अविलंब नई शिक्षा नीति-2020 को रद किए जाने की भी मांग की है। इन मांगों पर अमल नहीं होने पर अपने संगठन की ओर से आगामी दिनों जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दिन धरना प्रदर्शन में एआईएमएसएस की दार्जिलिंग जिला कमेटी की अध्यक्षा सुप्रीति पाल व अन्य कई सम्मिलित रहे।


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