गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की झांकी शामिल नहीं करने का प्रतिवाद
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी सी. पी. आई. (एम.एल.) लिबरेशन ने भारत सरकार द्वारा आगामी 26 जनवर
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सी. पी. आई. (एम.एल.) लिबरेशन ने, भारत सरकार द्वारा आगामी 26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली में कराए जाने वाले गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल राज्य की झांकी शामिल नहीं किए जाने का प्रतिवाद जताया है। इस बाबत लिबरेशन की ओर से मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया गया है कि, उक्त मामला मोदी सरकार का गंभीर राष्ट्रीय षडयंत्र है। इस बार गणतंत्र दिवस परेड में प्रस्तावित पश्चिम बंगाल राज्य की झांकी 'नेता जी सुभाषचंद्र बोस का जीवन व संग्राम' पर आधारित थी। मगर, मोदी सरकार के रक्षा मंत्रालय ने उसे खारिज कर दिया। जबकि, इस बार देश की स्वाधीनता के 75वें वर्ष के मद्देनजर देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं, नेता जी सुभाषचंद्र बोस की भी 125वीं जयंती है। इसके बावजूद 'नेता जी सुभाषचंद्र बोस का जीवन व संग्राम' पर आधारित पश्चिम बंगाल राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं किया जाना मोदी सरकार के गहरे राष्ट्रीय षडयंत्र को दर्शता है। विज्ञप्ति द्वारा यह भी कहा गया है कि, गत 2021 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल, केरल व तमिलनाडु तीनों राज्यों में भाजपा की करारी हार हुई। उसी का बदला अब लिया जा रहा है। इन तीनों राज्यों की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं किया गया है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस बारे में सी. पी. आई. (एम.एल.) लिबरेशन के पश्चिम बंगाल प्रदेश सचिव अभिजीत मजूमदार ने कहा कि, यह आश्चर्यजनक है कि, केंद्र सरकार द्वारा एक ओर तो बीते वर्ष नेता जी सुभाषचंद्र बोस की जयंती को (23 जनवरी) को पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया गया। इस वर्ष यह कहा जा रहा है कि इस बार गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) की शुरुआत नेता जी सुभाषचंद्र बोस की जयंती (23 जनवरी) से ही शुरू हो जाएगा और दूसरी ओर 'नेता जी सुभाषचंद्र बोस का जीवन व संग्राम' पर आधारित पश्चिम बंगाल राज्य की झांकी को ही गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं किया जा रहा है। यह अपने आप में परस्पर अंतर्विरोध की बात समझ से परे है। यह गहरी साजिश है। इसके खिलाफ आम लोगों को जागरूक कर हम लोग जोरदार आंदोलन करेंगे।