कोविड अस्पताल में नाश्ते में अंडा तो खाने में चिकन भात
-कोराना विजेता ने वापस लौटकर दी दिलचस्प जानकारी -शाकाहारियों की लिए तीन तरह की सब्जी के
-कोराना विजेता ने वापस लौटकर दी दिलचस्प जानकारी
-शाकाहारियों की लिए तीन तरह की सब्जी के साथ रोटी भी
-मोबाइल ले जाने की इजाजत मिले तो दूर हो अकेलापन
स्नेहलता शर्मा,सिलीगुड़ी: जब मुझे कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली तो हल्की सी घबराहट के साथ मन में यही आवाज उठी कि कोरोना से लड़ना है। अस्पताल से वापस आकर अपनी जिंदगी जीनी है। इसी हौसले के साथ मैं कोविड-19 अस्पताल में पहुंचा। मेरा इलाज वहा पर हो गया। जिंदगी की जंग जीत कर घर वापस आ चुका हूं। यह कहना है कोरोना विजेता विजय गुप्ता का। वह हिलकार्ट रोड व्यवसाई समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि हल्की खासी और बुखार होने पर घर में क्वारंटाइन हो क्या था। यही वजह है कि उनके घर का कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव नहीं हुआ। क्वारंटाइन के समय वह किसी को भी अपने कमरे में आने की इजाजत नहीं देते थे। भोजन और अन्य जरूरी समान भी कमरे के बाहर से ही लेते थे। यही वजह है कि मेरे घर में रहने वाले 14-15 सदस्यों में किसी को भी कोरोना नहीं हुआ। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि कोई कोरोना पॉजिटिव कोविड-19 अस्पताल में भर्ती होता है तो उसे मोबाइल साथ लेकर जाने की इजाजत देनी चाहिए। क्योंकि उस वक्त वह अपने आपको अकेला महसूस करता है। एक तो शारीरिक रूप से बीमार होता है साथ में अकेलेपन की वजह से डिप्रेशन होने लगता है। इससे कई प्रकार की मानसिक परेशानिया होने लगती है। ऐसे में रोगी को अपने साथ अस्पताल के भीतर मोबाइल ले जाने की इजाजत अवश्य मिलनी चाहिए।
विजय गुप्ता ने आगे कहा कि कोविड-19 अस्पताल के अंदर की व्यवस्था बहुत ही बढि़या है। अगर कोई वहां का वीडियो भी बनाकर शेयर करता है तो किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। वहा काम करने वाले डॉक्टर ,नर्स ,सफाई कर्मचारी सभी का व्यवहार बहुत ही बढि़या है। सब बढ़-चढ़कर रोगियों की सेवा करने में लगे हुए हैं। किसी प्रकार की परेशानी होने पर आप उनसे साझा कर सकते हैं। जैसा कि अन्य शहरों के अस्पतालों के बदतर हालात को दर्शाया जाता है,ऐसा यहां नहीं है। यहां रोगियों को बहुत ही जतन के साथ रखा जाता है। समय पर नाश्ता मिलता है। नाश्ते में अंडा, फल, पावरोटी ,चाऊमीन सहित अन्य पौस्टिक आहार दिए जाते हैं। जिससे रोगी को इम्यूनिटी सही हो। वहीं लंच और डिनर में दो तीन प्रकार सब्जी के साथ भात चिकन मिलता है। मधुमेह के रोगी को रोटी भी विशेष तौर पर दी जाती है। कोविड अस्पताल में शाकाहारी और मासाहारी दोनों प्रकार के भोजन की व्यवस्था है।
डॉक्टर,नर्स और अन्य कर्मचारी भगवान से कम नहीं
इस समय कोविड-19 अस्पताल में बहुत ही बेहतरीन सेवा दी जा रही है। साफ-सफाई का भी बहुत ख्याल रखा जा रहा है। गुप्ता ने वहां काम करने वाले डॉक्टर,नर्स और सफाई कर्मचारियों को हिलकार्ट रोड व्यवसाई समिति की ओर से भी धन्यवाद दिया। इस समय वे कोरोना पॉजिटिव के लिए जो कर रहे हैं उनका किसी भी तरह से ऋण चुकाया नहीं जा सकता है। इनकी वजह से ही जिंदगियां बच रही है। वे भगवान का दूसरा रूप हैं। उन्होंने कहा अभी घर आकर बेहद अच्छा लग रहा है। 14 दिन क्वारंटाइन में ही रहेंगे। डिस्पोजल प्लेट में ही भोजन कर रहे हैं। घर के किसी बर्तन का उपयोग नहीं कर रहे।