Tourism Business: अनलॉक के बाद भी पर्यटन कारोबार गर्त में, हर दिन 18 से 20 करोड़ का नुकसान
Tourism Business दार्जिलिंग और डुवार्स के लिए बुकिंग नहीं के बराबर हर दिन 18 से 20 करोड़ रुपये का नुकसानअगले वर्ष भी संकट दूर होने की उम्मीद नहीं
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस महामारी ने पूरे विश्व को परेशान कर दिया है। इस महामारी से लोग बीमार तो ही रहे हैं साथ ही कारोबार भी ठप हो रहा है। जिसकी वजह से देश-विदेश की अर्थव्यवस्था भी चरमरा रही है। भारत भी कोरोना से परेशान है। देश में मरीजों की संख्या पांच लाख के पार हो चुकी है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक एक चल रहा है।
अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। यहां हम सिर्फ पर्यटन क्षेत्र की ही बात करें तो यह नुकसान के गर्त मे धंसते जा रहा है। डुवार्स के कुछ पर्यटन केंद्र खोल दिए गए हैं। दार्जिलिंग में भी होटलों को खोलने की तैयारी की जा रही है, लेकिन इसका लाभ होते कुछ दिख नहीं रहा। कोरोना संकट के कारण उत्तर बंगाल में पर्यटन कारोबार का हर दिन 18 से 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। कोरोना संकट से जूझने के किए केंद्र सरकार ने आर्थिक पैकेज की घोषणा की है लेकिन पर्यटन कारोबार को तत्काल कोई लाभ नजर नहीं आ रहा है। उसके बाद भी केंद्र और राज्य सरकार की ओर राहत की उम्मीद में पर्यटन कारोबारी टकटकी लगाए बैठे हैं।
कोरोना से मुकाबले के लिए देश में करीब दो महीने का लॉकडाउन रहा। भारत में घरेलू और अंतराष्ट्रीय व्यापार को काफी नुकसान हुआ है। इस दौरान स्थिति ऐसी हो गई कि सरकारी खजाने में पैसे की कमी हो गई। कई राज्य सरकारों के पास तो अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए।
यहां बता दें कि पर्यटन भारत की अर्थव्यवस्था का अहम अंग है। इसी कड़ी में सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल के कई जिले पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हैं। इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का भी बहुत बड़ा योगदान है। पहाड़ो की रानी दार्जिलिंग सहित उत्तर बंगाल का तराई व डुआर्स पर्यटन के मानचित्र पर अपना विशेष महत्व रखता है। प्रतिवर्ष इस क्षेत्र में देश के विभिन्न हिस्सों के साथ पूरे विश्व के पर्यटकों का ताता लगता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते वर्ष 2018 मे सात लाख के करीब देशी और चालीस हजार विदेशी पर्यटक उत्तर बंगाल आए थे। लेकिन वर्ष 2020 की शुरुआत में ही कोरोना के तांडव ने उत्तर बंगाल के पर्यटन व्यापार को धाराशाई कर दिया है। उत्तर बंगाल के पर्यटन व्यापार को रोजाना करीब 18 से 20 करोड़ का नुकसान हो रहा है। माना जा रहा है कि लॉकडाउन से अब तक उत्तर बंगाल में पर्यटन कारोबार को करीब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
पर्यटन व्यापारियों की मानें तो कोरोना का आतंक फैलने के साथ ही फरवरी के प्रथम सप्ताह से ही पर्यटन व्यापार को झटका लगना शुरू हो गया था। पर्यटकों की बुकिंग रद्द होने की रफ्तार से ही व्यापारियों को भारी नुकसान का आभास होने लगा था। लेकिन यह इतनी तेजी के साथ गर्त की ओर बढ़ेगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। पर्यटन व्यापारियों के अनुसार फरवरी समाप्त होते ही उत्तर बंगाल मे पर्यटन का सीजन शुरू होता है। मई तक कारोबार चरम पर होता। बाद में बारिश का मौसम शुरू होने पर इसमें कमी आती है, लेकिन पर्यटक लगातार आते रहते हैं। लेकिन कोरोना की वजह से पर्यटन व्यापार उतनी ही तेजी के साथ नुकसान की ओर बढ़ रहे हैं। इस वर्ष तो कारोबार गर्त मे गया ही, बल्कि अगले वर्ष भी कोई खास उम्मीद नहीं है। सच कहें तो इस संकट से उबरने में कई वर्ष लग जाएंगे।
पर्यटन पर महंगाई की मार कोरोना से बचाव के मानकों का ध्यान रखते हुए अब पर्यटन पर महंगाई की मार भी दिखने लगी है। अभी मेडिकल सेवा के साथ पर्यटन भी काफी महंगा है। शारीरिक दूरी रखने के लिए छोटी गाड़ियों मे पहले की अपेक्षा आधे से भी कम पर्यटक सवार होंगे। जिसकी वजह से किराया दोगुना से अधिक होगा। होटल आदि का खर्च भी काफी बढ़ गया है। कुल मिलकर पर्यटन के लिए प्रति व्यक्ति खर्च पहले की अपेक्षा दोगुना से अधिक होने लगा है। खर्च मे अचानक इतनी बढ़ोत्तरी की वजह से पर्यटकों का रुझान स्वाभाविक रूप से घटेगा। जिसका सीधा असर पर्यटन कारोबार पर होगा।
क्या कहते हैं पर्यटन कारोबारी
उत्तर बंगाल पर्यटन व्यापारियों की संस्था हिमालयन हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म डेवलपमेंट नेटवर्क के सचिव सम्राट सन्याल ने बताया कि पर्यटन व्यापार लोगों कि इच्छा पर निर्भर है। कोरोना कि वजह से मानव जाति का अस्तित्व ही खतरे में है। स्वाभाविक रूप से पर्यटन व्यापार को अपने अस्तित्व को बचाने कि लड़ाई लड़नी होगी। जीत या हार तो आने वाले समय पर निर्भर है। एक तरह से कहा जाए तो इस वर्ष उत्तर बंगाल के पर्यटन व्यापारी खाता भी नहीं खोल पाए हैं। इस सीजन मे उत्तर बंगाल का दौरा करने वाले सभी यात्रियों ने स्वाभाविक रूप से अपनी बुकिंग पहले ही रद्द करा दी है।
पर्यटन व्यापार के लिए पूरा वर्ष ही लॉकडाउन जैसा ही रहेगा। उन्होने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने आíथक पैकेज कि घोषणा की है। लेकिन उससे पर्यटन व्यापार को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होता नहीं दिख रहा है। हा पर्यटन को छोटे व मझोले उद्योग मे शामिल जरूर कर दिया गया है। केंद्र के आíथक पैकेज में पर्यटन व्यापार के लिए कुछ नहीं है। पूरा पैकेज ही एक छलावा के अलावा कुछ नहीं है। इस पैकेज से आम जनता को भी किसी तरह का कोई सीधा लाभ नहीं मिलेगा। पर्यटन कारोबार को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है। पर्यटन मंत्रालय की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। - गौतम देव,पर्यटन मंत्री