Coronavirus Alert: पान, गुटखा या किसी प्रकार के मसाला खाना और खाकर थूकना है घातक- डॉ कौशिक भट्टाचार्य
पान गुटखा तंबाकू खा कर सड़कों पर थूकना या सुबह शाम सड़कों पर कुत्ते को शौच कराना सबसे ज्यादा घातक है।
सिलीगुड़ी,अशोक झा। कोरोना वायरस के इस दौर में रोज ब रोज कई झूठी और अफवाहों से भी पाला पड़ रहा है। अच्छी बात है कि नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट के प्रयास से केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस जांच केंद्र की स्थापना करने की घोषणा की है। खुद को सुरक्षित रखने के लिए यह भी जरूरी है कि केवल सही सूचनाओं पर ही भरोसा किया जाए। ऐसे में सच्चाई जानने के लिए डब्लूएचओ की गाइडलाइंस को मानना आवश्यक है।
पान गुटखा तंबाकू खा कर सड़कों पर थूकना या सुबह शाम सड़कों पर कुत्ते को शौच कराना सबसे ज्यादा घातक है। शहरी क्षेत्र में लिफ्ट का प्रयोग करने वाले लोगों को अपने हाथों से उसके बटन को नहीं दबाना चाहिए। सोशल डिस्टेंस बनाना इस बीमारी से मुक्ति का सबसे बड़ा इलाज है। अति आवश्यक ऑपरेशन हो वही करना चाहिए वरना अन्य प्रकार के किसी भी ऑपरेशन से लोगों को दूर रहना चाहिए। यह कहना है शहर के विशिष्ट चिकित्सक और सर्जन डॉ कौशिक भट्टाचार्य का। दैनिक जागरण ने सभी बिंदुओं पर बातचीत की उनसे बातचीत के प्रमुख अंश कुछ इस प्रकार है।
क्या कोरोना वायरस मच्छर के काटने से भी फैल सकता है ?
डॉ कौशिक ने बताया कि सच्चाई यह है कि अभी तक ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं मिला है कि कोरोना वायरस मच्छर के काटने से फैल सकता है। यह रेस्पिरेटरी वायरस है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान दूसरे तक पहुंचता है। ऐसे में सोशल डिस्टेंस या सामाजिक दूरी जरूरी है, खासतौर पर ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें, जिसे खांसी हो। क्या हैंड ड्रायर्स वायरस को मारने में सक्षम हो सकते हैं? डॉ कौशिक भट्टाचार्य ने कहा तथ्य में कोई सच्चाई नहीं है। नए कोविद-19 पर टेंपरेचर का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हाथों की अच्छी सफाई के बाद इन्हें साफ हैंड टॉवेल से पोछें या हैंड ड्रायर्स से सुखा लें।
क्या अल्ट्रावायलेट डिसइन्फेक्शन लैंप से वायरस को नष्ट किया जा सकता है।
डॉ कौशिक का कहना है कि यूवी लैंप को हाथों को स्टर्लाइज करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि यूवी रेडिएशन त्वचा के लिए हानिकारक होता है।
क्या थर्मल डिटेक्टर से कोरोना वायरस से ग्रस्त व्यक्ति का पता चल सकता है?
डॉ कौशिक का कहना है थर्मल डिटेक्टर से केवल यह पता चल सकता है कि व्यक्ति को बुखार है या नहीं। यह बुखार कोरोना वायरस से ग्रस्त होने के कारण हो सकता है और फ्लू से भी।
क्या शरीर पर एल्कोहल या क्लोरीन स्प्रे करने से भी वायरस नष्ट हो सकता है?
डॉ भट्टाचार्य का कहना है वायरस शरीर में प्रवेश कर चुका है तो कोई भी स्प्रे इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बल्कि ऐसा करने से नुकसान हो सकता है। एल्कोहल और क्लोरीन का छिड़काव खास जगहों पर ही किया जा सकता है और वह भी उन पर दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार।
क्या फ्लू या निमोनिया का वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाव में सहायक हो सकता है?
डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि कभी नहीं। फ्लू, निमोनिया या इन्फ्लूएंजा के टीके इससे बचाव नहीं कर सकते। कोरोना वायरस नया है और इसका वैक्सीन आना बाकी है। फिर भी बच्चों-बड़ों या बुजुर्गों को ये टीके लगवाएं, ताकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और उन्हें अन्य संक्रमण न घेरें।
क्या लहसुन खाने से वायरस का प्रकोप कम हो सकता है?
डॉक्टर भट्टाचार्य हंसते हुए लहसुन शरीर के लिए लाभकारी है। इसमें कुछ एंटीमाइक्रोबियल तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी होते हैं, लेकिन अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि लहसुन खाने से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। क्या नया कोरोना वायरस बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करता है?
डॉक्टर भट्टाचार्य ने कहा कि मिले आंकड़ों के मुताबिक, हर उम्र के लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। बुजुर्ग या ऐसे लोगों को, जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी समस्याएं हैं, इस वायरस संक्रमण से ज्यादा समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है। डब्लूएचओ ने हर उम्र के लोगों को सलाह दी है कि वे साफ-सफाई की आदतें बनाए रखें। क्या एंटीबायोटिक का कोर्स करने से वायरस संक्रमण से बचाव संभव है?
डॉ भट्टाचार्य ने कहा एंटीबायोटिक्स वायरस से नहीं, बैक्टीरिया से बचाते हैं। चूंकि कोरोना वायरस है, इसलिए एंटीबायोटिक का इस पर कोई असर नहीं पड़ता। हालांकि अगर कोई अस्पताल में भर्ती है तो उसे अन्य संक्रमणों से बचाने के लिए एंटीबायोटिक दी जा सकती है।
क्या बाहर से आने वाले सामानों को धोना चाहिए?
डॉ कौशिक ने कहा कि बाहर से आने वाला हर पैकेट बंद सामान एक बार साबुन के पानी से जरूर धोएं। साबुन 20 सेकेंड में किसी भी सतह को वायरस मुक्त कर देता है, लोगों को भी 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोने की सलाह दी जाती है। घर की साफ-सफाई में ब्लीच सोल्यूशन का प्रयोग करें। किसी भी संक्रमणरोधी चीज का इस्तेमाल करने से पहले निर्देशानुसार उसमें पानी मिलाएं। मगर ध्यान रहे कि सफाई करने वाले दो तरह के पदार्थों को मिलाने से बचें। हर पदार्थ एक तरह का रसायन हो सकती है। बिना सलाह ऐसा करने पर परेशानी हो सकती है, सावधानी बेहद जरूरी है।
बाजार से आने वाले दूध, ब्रेड, दाल, तेल आदि प्लाटिक पैक सामान भीतर लाने से पहले एक बार साबुन के पानी से धो लें। इस तरह संक्रमण की आशंका कम हो जाती है। बाहर से आ रहे लोगों को कपड़े धोने चाहिए, धोने में समस्या है तो धूप में कुछ घंटे रख दें। सब्जियां और फलों को भी गर्म पानी से धोने के बाद ही प्रयोग करें। इन तरीकों से संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।
सोशल डिस्टेंस बनाना क्या जरूरी है?
डॉ कौशिक भट्टाचार्य ने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी है। लोगों को व्यवहार में बड़ा बदलाव लाना होगा। इससे संक्रमण को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। सब्जी मंडी या दुकान में सामान लेते हुए एक मीटर की दूरी बनाए रखें। चिपक कर भीड़ लगाने से सभी को संक्रमण फैलने का खतरा है। सब्जियों को ज्यादा दिन के लिए न खरीदें। विटामिन सी वाले उत्पादों का प्रयोग जैसे संतरे, नींबू आदि का प्रयोग दैनिक प्रयोग में बढ़ाएं।
हृदय पीड़ित रोगियों के लिए क्या सबसे ज्यादा खतरनाक है?
डॉ कौशिक भट्टाचार्य ने कहा कि हां। हृदय रोगियों को कोरोना से अधिक खतरा है। डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के रोगियों में इसका खतरा 8 गुना अधिक है। जहां रोगी की इम्यूनिटी बेहद कमजोर होती है, वहां बीपी, शुगर पर नियंत्रण , मांसाहार के साथ अधिक तेल-मसालों का परहेज जरूरी है। योग के साथ एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन सी, हल्दी, आंवला, हरी सब्जियां,सलाद, ताजे फल और पानी का अधिक सेवन इम्युनिटी को बढ़ाएगा