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कांग्रेस-माकपा गठबंधन पर फंसा पेंच

-सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव-2022 -कांग्रेस को चाहिए 47 में 14-15 सीट माकपा ने छोड़ी केवल

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 09:12 PM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 09:12 PM (IST)
कांग्रेस-माकपा गठबंधन पर फंसा पेंच
कांग्रेस-माकपा गठबंधन पर फंसा पेंच

-सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव-2022 -कांग्रेस को चाहिए 47 में 14-15 सीट, माकपा ने छोड़ी केवल चार

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-ऐसी साझेदारी कांग्रेस को मंजूर नहीं, मुश्किल हुई आगे की राह जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : नगर निगम चुनाव-2022 में कांग्रेस व माकपा गठबंधन का मामला अब पेचीदा होता जा रहा है। कुल 47 सीटों में कांग्रेस ने अपनी पहले की जीती हुई चार सीटों समेत 14-15 सीटों की मांग की थी। पर, माकपा ने इसे नहीं माना। गत मंगलवार को अपनी पहली सूची जारी करते हुए माकपा ने कुल 35 सीटों पर अपने उम्मीदवारों और वाममोर्चा के अपने अन्य घटक दलों की नामों की घोषणा कर दी। इसे लेकर दार्जिलिंग जिला कांग्रेस अध्यक्ष शंकर मालाकार उसी दिन देर शाम माकपा जिला कार्यालय अनिल विश्वास भवन गए व माकपा नेताओं संग गठबंधन को लेकर बात की। पर, दोनों दलों के बीच बेहतर बात नहीं बनी।

इस बारे में शंकर मालाकार का कहना है कि, हमने अपनी चारों जीती हुई सीटों समेत 14-15 सीटें मांगी थीं। माकपा ने 12 सीटें छोड़ी हैं। कोरोना महामारी से पहले हमारी बैठक भी हुई थी। उस बैठक की बात को लेकर ही हम आगे बढ़ना चाहते हैं। अभी भी समय है। आगामी तीन जनवरी तक नामांकन दाखिल किया जा सकता है। नामांकन वापसी की अंतिम तारीख छह जनवरी है। तब तक हमारे पास समय है। तब तक कुछ भी हो सकता है। यहां माकपा बड़ी पार्टी है इसलिए हम विचार करने को कह रहे हैं। केवल बतोलाबाजी से कुछ नहीं होने वाला। हमारा मानना है कि अकेले न तो माकपा और न ही कांग्रेस, दोनों में से कोई भी अकेले तृणमूल कांग्रेस को नहीं हरा सकती है। हां, माकपा, वाममोर्चा व कांग्रेस एकजुट हो जाएं तो फिर तृणमूल कांग्रेस व भाजपा को आसानी से हराया जा सकता है।

इस बारे में माकपा के वरिष्ठ नेता जिवेश सरकार का कहना है कि, ये गठबंधन-वठबंधन राजनीतिक उपादान है। ये अपनी जगह है। पहले भी कांग्रेस अलग लड़ी थी और वाममोर्चा अलग लड़ा था। पर, इस बार हम लोग इतनी साझेदारी पहले से ही कर रहे हैं कि, गत चुनाव में जिन चार सीटों पर कांग्रेस जीती हुई है उन चार सीटों पर माकपा या वाममोर्चा का कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं होगा। इसके अलावा भी कुछेक सीटों पर जहां हमें लगेगा कि वोट का विभाजन न हो और तृणमूल व भाजपा की हार हो वहां उस सीट को लेकर हम कांग्रेस संग कुछ समझौता कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, हम लोगों ने पांच साल सिलीगुड़ी नगर निगम का बोर्ड चलाया। उसमें किसी तरह कांग्रेस का भी सहयोग रहा। उसके लिए धन्यवाद। उल्लेखनीय है कि, गत सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव-2015 में माकपा 21, वाममोर्चा के अन्य घटक दल दो, तृणमूल कांग्रेस 17, कांग्रेस चार और भाजपा दो सीटों पर विजयी हुई थी। वहीं, एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के हिस्से में गई थी।


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