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धर्मशाला में दलाई लामा से भेंटकर आशीर्वाद लिया मुख्यमंत्री गोले ने

मुख्यमंत्री पीएस तमाग और श्रीमती सारधा तमाग ने शुक्रवार को परम पावन 14वें दलाईलामा से भेंटकर आशीर्वाद लिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 06:17 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:17 PM (IST)
धर्मशाला में दलाई लामा से भेंटकर  आशीर्वाद लिया मुख्यमंत्री गोले ने
धर्मशाला में दलाई लामा से भेंटकर आशीर्वाद लिया मुख्यमंत्री गोले ने

संसू, गंगटोक : मुख्यमंत्री पीएस तमाग और श्रीमती सारधा तमाग ने शुक्रवार को परम पावन 14वें दलाई लामा से धर्मशाला में भेंटकर आशीर्वाद लिया। बैठक के दौरान दलाई लामा ने बौद्ध पाठ पढ़ने पर जोर दिया, ताकि क्रोध और घृणा को नियंत्रित करने के साथ ही साथ अन्य अलग-अलग मानवीय भावनाओं पर नियंत्रण रखा जा सके। परम पावन ने कहा कि भारत ने नालंदा परंपरा खो दी है, दलाई लामा ने प्राचीन भारतीय ज्ञान को पुनर्जीवित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। परम पावन ने इस बात पर भी बल दिया कि आधुनिक भारत को प्राचीन ज्ञान की आवश्यकता है और इसलिए, इसे पुनर्जीवित अवश्य किया जाना चाहिए। इस मौके पर दलाई लामा ने भी कंग्युर और तेंग्युर के बारे में विस्तार से बात की, कंग्यूर का अर्थ भगवान बुद्ध के अनुवादित शब्द है। यह उन ग्रंथों का संपूर्ण संग्रह है जिन्हें बुद्धवचन या बुद्ध-शब्द के रूप में मान्यता हासिल है, जिसका तिब्बती भाषा में अनुवाद किया गया है।बुद्ध-शब्द माने जाने वाले ग्रंथ केवल बुद्ध के प्रवचनों के ही नहीं, बल्कि बुद्ध द्वारा दिए गए उपदेशों और स्पष्टीकरणों के भी हैं।

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