छतों और मैदानों में घाट बनाकर की गई पूजा
भीड़ में जाने से डर रहे थे छठ व्रती जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी कोरोना महामारी को द
भीड़ में जाने से डर रहे थे छठ व्रती
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष नदी के अलावा घरों में भी छठ पूजा का आयोजन किया गया। कोई घर के आसपास स्थित मैदान पर तो कोई घर की छत पर पर छठ पूजा का आयोजन करते हुए नजर आया। ऐसे में इन घाटों को केला का थंब, फूलों सहित जगमगाती रोशनी से सजाया गया। आलम ये है कि श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। उनका कहना था कि कोरोना महामारी और नदी तट पर घाटों की सही व्यवस्था ना होने की वजह से उन्होंने अपने घरों और मैदानों में ही छठ घाट बनाकर पूजा का आयोजन किया था। जिसका प्रमुख कारण है भीड़भाड़ से बचना। क्योंकि ये बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ही होती है। ऐसे में भीड़ से दूर रहना ही समझदारी है। एक दूसरे का ख्याल रखना है तभी हम सेहतमंद रह पाएंगे। इस बीमारी से स्वयं की सुरक्षा कर पाएंगे। वहीं परिवार के बुजुर्गो का कहना है कि भीड़ में उन्हें कोई धक्का ना लग जाए या फिर कोई दुर्घटना ना घट जाए इस डर से वे नदी पर नहीं जा पाते थे। किंतु इस वर्ष घरों में ही पूजा का आयोजन होने से वे बेहद खुश है कि उन्हें भी देवी की आराधना करने का मौका मिलेगा। वे भी पूजा का आनंद सपरिवार उठा पाएंगे। अकेलेपन का भय भी नहीं रहा। क्योंकि परिवारों के घाट पर जाने के बाद अकेले रहने में भय लगता था। वहीं चोरी इत्यादि होने का डर भी लगा रहता था। इस वर्ष घर ही पूजा का आयोजन किया गया जो बेहद खुशी की बात है।