Bengal Assembly Elections 2021: विधानसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव की संभावना बेहद कम
नगर निगम चुनाव तथा पंचायत चुनाव राज्य चुनाव आयोग के द्वारा कराए जाते हैं तथा जब राज्य सरकार सरकार चाहती है तभी राज्य चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा करता है। जबकि विधानसभा चुनाव केंद्रीय चुनाव आयोग के द्वारा कराई जाती है।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। इस वर्ष होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव कराना संभव नहीं होगा। सिलीगुड़ी नगर निगम के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कोरोनावायरस महामारी के चलते निगम चुनाव पिछले वर्ष मई जून में कराना संभव नहीं हो पाया, जबकि इस वर्ष अप्रैल-मई में राज्य विधानसभा चुनाव कराया जाना एक तरह से से निश्चित है। ऐसी स्थिति में नगर निगम चुनाव जून-जुलाई से पहले करा पाना संभव नहीं होगा।
बताया गया कि नगर निगम चुनाव तथा पंचायत चुनाव राज्य चुनाव आयोग के द्वारा कराए जाते हैं, तथा जब राज्य सरकार सरकार चाहती है, तभी राज्य चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा करता है। जबकि विधानसभा चुनाव केंद्रीय चुनाव आयोग के द्वारा कराई जाती है। इसलिए जिस तरह से बिहार विधानसभा चुनाव समय पर कराए गए, उसी तरह पश्चिम बंगाल में भी राज्य विधानसभा चुनाव समय पर अप्रैल-मई में कराए जाने की पूरी संभावना है। जबकि चुनाव की घोषणा फरवरी के अंतिम सप्ताह से लेकर के 15 मार्च से पहले की जा सकती है। ऐसी स्थिति में अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य के 110 नगर निकायों का चुनाव इस वर्ष जून के बाद ही कराए जाएंगे। ऐसी ही स्थिति सिलीगुड़ी महकमा में पंचायत चुनाव को लेकर के भी है।
सिलीगुड़ी महकमा में मग्मा परिसर से लेकर ग्राम पंचायत तक का कार्यकाल पिछले वर्ष नवंबर में ही खत्म हो गया है। इस तरह से पंचायत चुनाव भी जून के बाद ही कराए जाने की प्रबल संभावना है।
उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी नगर निगम का कार्यकाल सिलेबस 20 मई को खत्म हो गया नगर निगम का कार्यकाल खत्म होने के बाद नगर निगम के संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रशासक नियुक्त किया गया। प्रशासक नगर निगम के तत्कालीन मेयर अशोक भट्टाचार्य को ही बनाया गया। हालांकि राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सिलीगुड़ी नगर निगम समेत राज्य के अन्य नगर निगम का चुनाव कराने की मांग को लेकर माकपा नेता तथा सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासकीय बोर्ड के चेयर पर्सन अशोक भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखे थे। उनका कहना था कि कोरोना काल में ही जब केरल, राजस्थान, जम्मू व कश्मीर हरियाणा समेत अन्य जगहों पर पंचायत, जिला परिषद व नगर निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं, तो फिर पच्छिम बंगाल में क्यों नहीं कराए जा सकते हैं।