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लॉकडाउन में भी नहीं रुक रही मवेशियों की तस्करी

-विधान नगर चौकी की पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई -मवेशियों से लदे कंटेनर के साथ चालक गिरफ्ता

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 09:51 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 09:51 PM (IST)
लॉकडाउन में भी नहीं रुक रही मवेशियों की तस्करी

-विधान नगर चौकी की पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई

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-मवेशियों से लदे कंटेनर के साथ चालक गिरफ्तार

-असम से बांग्लादेश तस्करी की योजना फेल

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए राज्य में लॉकडाउन जारी है। आपातकाल व आवश्क सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार का आवाजाही ठप है। लेकिन मवेशी तस्करों की रफ्तार में कमी नहीं आ रही है। गुप्त सूचना के आधार पर शनिवार तड़के विधान नगर चौकी की पुलिस ने मवेशियों से लदा एक कंटेनर जब्त किया है। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित का नाम सुबोध कुमार बताया गया है। आरोपित को शनिवार सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया।

गुप्त सूचना के आधार पर शनिवार तड़के फांसीदेवा थाना अंतर्गत विधान नगर इन्वेस्टिगेशन सेंटर की पुलिस ने नाका लगाकर संदिग्ध कंटेनर की तलाशी ली। कंटेनर मवेशियों से लदा हुआ था। लाइव परमिट व अन्य आवश्यक दस्तावेज नहीं दिखा पाने की स्थिति में पुलिस ने मवेशी समेत कंटेनर को जब्त किया। साथ ही चालक सुबोध कुमार को गिरफ्तार किया। आरोपित चालक सुबोध कुमार पड़ोसी राज्य बिहार का निवासी बताया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मवेशियों से लदा कंटेनर बिहार से सिलीगुड़ी के रास्ते असम के लिए रवाना किया गया था। असम से सभी मवेशियों को बांग्लादेश तस्करी करने की योजना थी।

कोरोना के दूसरे स्ट्रेन की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए राज्य सरकार ने 30 मई तक लॉकडाउन जारी किया है। जारी लॉक डाउन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक आपातकालीन और अनिवार्य सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार की आवाजाही पर रोक लगाई है। लेकिन मवेशी तस्कर गिरोह लॉकडाउन काल में भी काफी सक्रिय है। असम से सटे बांग्लादेश की सीमा से मवेशियों की तस्करी के साथ सिलीगुड़ी महकमा के फांसीदेवा थाना के पास से होकर बहने वाली भारत-बांग्लादेश को अलग करने वाली महानंदा नदी के जरिए भी मवेशियों को सीमा पार बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा है। रात के अंधेरे में मवेशियों को खेतों के रास्ते नदी किनारे तक ले जाने के क्रम में खेतों में नष्ट होने वाली फसल इसका प्रमाण हैं। बल्कि गांव वाले भी तस्करों के अत्याचार से काफी परेशान हैं।


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