बांग्लादेश सीमांत से मवेशी तस्कर धुंध और कोहरे की आड़ लेकर मवेशियों को करा रहे सीमा पार
खेतों से होकर मवेशियों को सीमांत तक ले जाने से किसानों की फसल हो रही बर्बाद महानंदा नदी के उस पार बांग्लादेश और इस पार भारत की जमीन है। नदी के उस पार बोर्डर गार्ड बांग्लादेश तो इस पार बीएसएफ की 51वीं बटालियन प्रहरी के रुप में तैनात हैं।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। ठंड का यह मौसम मवेशी तस्करों पर मेहरबान साबित हो रहा है। बीते कई दिनों से घना कोहरा और धुंध के साथ मवेशी तस्करी में सोने पर सुहागा वाली कहावत का चरितार्थ कर रहा है। ठंड के इस मौसम में कोहरे की आड़ लेकर सिलीगुड़ी महकमा परिषद के फांसीदेवा प्रखंड अंतर्गत भारत-बांग्लादेश सीमांत से मवेशी तस्करी बढ़ने का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं। देर रात से लेकर तड़के सुबह तक कोहरे की आड़ में हो रही मवेशी तस्करी के दौरान खेती की फसल को नष्ट करने का आरोप इलाका के किसान लगा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि फांसीदेवा प्रखंड से होकर बहने वाली महानंदा नदी ही भारत-बांग्लादेश की सीमा है। नदी के उस पार बांग्लादेश और इस पार भारत की जमीन है। नदी के उस पार बोर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) तो इस पार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 51वीं बटालियन प्रहरी के रुप में तैनात हैं।
इलाका के किसानों ने बताया कि अभी दो दिन पहले ही रात में पहरा देने वाले किसानों ने नदी तट पर पहुंचे एक बांग्लादेशी युवक को पकड़ कर बीएसएफ के हवाले किया था। लेकिन मवेशी तस्करों के साथ उसका कोई संबंध साबित नहीं होने की वजह से बीएसएफ ने उस युवक को बीजीबी के हाथों सुपुर्द कर दिया। किसानों द्वारा पकड़े गए बांग्लादेशी युवक का नाम मोहम्मद रकिब (18) बताया गया है। बीएसएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए बांग्लादेशी युवक को लेकर बीजीबी और बीएसएफ के बीच फ्लैग मीटिंग भी हुई थी। उसके बाद युवक को बीजीबी को सौंप दिया गया।
स्थानीय निवासी चंदन कुमार राय, अनिल घोष व अन्य ने बताया कि प्रत्येक वर्ष ठंड के मौसम में धनिया मोर और बानेश्वर जोत से मवेशी तस्करों का सिलसिला बढ़ जाता है। इस बार भी धुंध और कोहरे की आड़ में मवेशी तस्करी चरम पर है। हर रात भारी संख्या में मवेशियों को महानंदा नदी पार करा बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा है। मवेशियों को खेतों से होकर भारत-बांग्लादेश की सीमा महानंदा नदी किनारे तक ले जाया जा रहा है। मवेशी और तस्करों के पैरों के नीचे फसल दबकर नष्ट हो रही है। बल्कि तस्कर हंसिया से फसलों को काट कर मवेशियों को ले जाते समय रास्ता बनाते है। इस मसले को लेकर बीएसएफ की 51वीं बटालियन और पुलिस प्रशासन से भी बातचीत की गई है।
सबसे अहम यह है कि फांसीदेवा प्रखंड़ के अंतर्गत धनिया मोर और बानेश्वर जोत का इलाका फांसीदेवा थाने से सटा हुआ है। फांसीदेवा थाना के नाक के नीचे से मवेशी समेत तस्करों का काफिला गुजरने का आरोप पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। इस संबंध में दार्जिलिंग जिला पुलिस के डीएसपी अचिंत्य गुप्ता ने बताया कि मवेशी तस्करी को रोकने के लिए पुलिस बीएसएफ के साथ मिलकर सीमांत पर संयुक्त पेट्रोलिंग कर रही है। तस्करी को रोकने के लिए लोगों के साथ भी समन्वय बनाया जा रहा है। सीमावर्ती इलाकों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।