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कानून-व्यवस्था की स्थिति होगी बेहतर-आईजी

-बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र पर कोई विवाद नहीं -स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर होता है काम

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 08:53 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 08:53 PM (IST)
कानून-व्यवस्था की स्थिति होगी बेहतर-आईजी
कानून-व्यवस्था की स्थिति होगी बेहतर-आईजी

-बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र पर कोई विवाद नहीं

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-स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर होता है काम 50

किमी अंदर तक अब बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र

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किमी अंदर तक था पहले बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल, असम तथा पंजाब में बीएसएफ के जांच अभियान चलाने तथा गिरफ्तार करने का दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया गया है। स्थानीय प्रशासन अथवा पुलिस के किसी तरह के अधिकार का अतिक्रमण सीमा सुरक्षा बल द्वारा नहीं किया जा रहा है। बल्कि इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में कानून व्यवस्था और सुदृढ़ होगी। उक्त बातें बीएसएफ,उत्तर बंगाल के आईजी रवि गांधी ने कही है। उन्होंने गुरुवार को बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल का उत्तर बंगाल फ्रंटियर पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर, उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जिलों की बाग्लादेश के साथ लगती 936.415 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात है।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ रक्षा की पहली पंक्ति है, जो बाग्लादेश के साथ 4142.27 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए जिम्मेवार है। बीएसएफ अवैध घुसपैठ, सीमा पार अपराधों को रोकने और सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा की भावना विकसित करने के लिए राज्य पुलिस सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बैठाकर काम कर रही है। कर्तव्यों का सुचारू रूप से पालन करने के लिए सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए अन्य संबंधित कानूनों और नियमों के तहत बीएसएफ को सशक्त बनाया गया है।

-वर्ष 1969 से अधिकार क्षेत्र 15 किमी तक

आइजी ने बताया कि वर्ष 1969 से बीएसएफ को पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र में 15 किलोमीटर तक भारत सरकार की अधिसूचना के तहत कुछ अधिनियमों और कानूनों के तहत गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती की शक्तिया दी गई थी। अधिनियमों में विदेशी अधिनियम 1967, विदेशी अधिनियम (भारत में प्रवेश) 1920, सीमा शुल्क अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम और शस्त्र अधिनियम शामिल थे।

अक्टूबर 2021 में बीएसएफ का बढ़ाया गया दायरा

आइजी ने बताया कि अब केंद्र सरकार ने सीआरपीसी 1973, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 और पासपोर्ट अधिनियम 1967 के प्रावधानों के तहत क्रमश: एसओ 4196 (ई), एसओ4197 (ई), एसओ 4198 (ई) पिछले 11 अक्टूबर, 2021 को तीन अधिसूचनाएं जारी की है, जो समान रूप से अधिकार क्षेत्र का विस्तार करती हैं। यह पश्चिम बंगाल और असम और पंजाब राज्य में भारत की सीमाओं के साथ 50 किलोमीटर भीतर भारतीय क्षेत्र में, सीमा सुरक्षा बल की अधिकार क्षेत्र का विस्तार करता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ, सीमाओं की सुरक्षा के लिए बीएसएफ के सामने नई चुनौतिया सामने आई हैं। अब सीमा पार के अपराधी और देश विरोधी तत्व, साथ ही साथ सीमाओं पर हाई-टेक हो गए हैं। वे अपने अन्य सहयोगियों को जानकारी देने के लिए आधुनिक गैजेट्स का उपयोग कर रहे हैं।

बड़े पैमाने पर अभियान में 104 करोड़ की जब्ती

आइजी गांधी ने बताया कि बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा पार अपराधियों के बुरे इरादों का मुकाबला करने के लिए बीएसएफ प्रभावी सीमा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों और गैजेट्स का भी उपयोग कर रहा है। वर्ष 2021 के दौरान उत्तर बंगाल फ्रंटियर के तहत भारत-बाग्लादेश सीमा पर विभिन्न सीमा चौकियों पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के सतर्क जवानों ने 5,224 पशु, 62,207 बोतल फेंसिडिल कफ सिरप, 371 किलोग्राम गांजा, 5,101 नगयाबा टैबलेट, 36 किलोग्राम चादी , 19 पॉन्ड्स साप का जहर, 3,37,593 बीडी टका, 9,34,259 भारतीय रुपये, 44,500 नकली भारतीय रुपये और 1,91,42,849 रुपये कीमत अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं जब्त की गई। इस तरह से देखा जाए तो कुल 104 करोड़ रुपये कीमत की तस्करी के सामान व पशु जब्त किए। इसके अलावा कुल 133 तस्करों और 125 अवैध रुप से घुसपैठ करने की कोशिश में बीएसएफ के जवानों ने उत्तर बंगाल फ्रंटियर के सीमावर्ती इलाकों से पकड़ा। -उत्तर बंगाल फ्रंटियर में 757 महिला प्रहरी हैं तैनात

पश्चिम बंगाल विधान सभा में राज्य की सत्ताधारी दल के एक विधायक द्वारा बीएसएफ पर महिलाओं के साथ जांच के नाम छेड़खानी किए जाने के लगाए गए आरोप संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में आइजी ने कहा कि बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर में 757 से अधिक महिला प्रहरी चौबीसों घटे ड्यूटी करती हैं और महिलाओं की तलाशी केवल महिला प्रहरी द्वारा ही की जाती है। वर्तमान में 934 महिला प्रहरी एस.टी.सी बैकुंठपुर में प्रशिक्षण ले रही हैं। सीमा सुरक्षा बल किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न के लिए जीरो टॉलरेंस रखती है और किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता की शिकायत मिलने पर बीएसएफ अधिनियम और नियम के तहत कारवाई की जाती है। सीमा प्रबंधन को लेकर हर दिन होती हैं 15 से 20 बैठकें

आइजी ने कहा कि इस फ्रंटियर में सीमावर्ती आबादी के साथ प्रतिदिन 15-20 बैठकें आयोजित की जाती हैं। इससे सीमा प्रबंधन में सुधार के साथ-साथ बीएसएफ के क्षेत्राधिकार को 15 से 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के बारे में सकारात्मक जानकारी देने में मदद भी मिली है। सिविक एक्शन कार्यक्रमों के आयोजन, चिकित्सा शिविर, कौशल विकास कार्यक्रम, सीमावर्ती आबादी को सहायता और विभिन्न सीमा चौकियों पर सीमावर्ती आबादी के लिए एम्बुलेंस रखने से सीमावर्ती आबादी के साथ बीएसएफ के संबंधों में और सुधार हुआ है।


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