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भाई ने पिता की नौकरी के लिये अपने दो भाईयों व दो भतीजियों को जिंदा जलाकर मार डाला

दिल दहलाने वाली एक घटना में एक भाई ने पिता की नौकरी के लिये अपने दो भाईयों और दो भतीजियों को जिंदा जलाकर मार डाला।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 11:27 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 11:27 AM (IST)
भाई ने पिता की नौकरी के लिये अपने दो भाईयों व दो भतीजियों को जिंदा जलाकर मार डाला
भाई ने पिता की नौकरी के लिये अपने दो भाईयों व दो भतीजियों को जिंदा जलाकर मार डाला

मालदा, जेएनएन। दिल दहलाने वाली एक घटना में एक भाई ने पिता की नौकरी के लिये अपने दो भाईयों और दो भतीजियों को जिंदा जलाकर मार डाला। रविवार की रात यह लोमहर्षक घटना मानिकचक थानांतर्गत मदनटोला गांव में घटी है। आग में बुरी तरह जले पांच अन्य को मालदा मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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अस्पताल सूत्र के अनुसार जिनका इलाज चल रहा है उनके शरीर का 70 फीसदी हिस्‍सा जल चुका है। हत्या का आरोपी और सिविक वॉलेंटियर भाई माखन मंडल घटना के बाद से फरार है। जख्मी लोगों का इलाज अस्पताल के बर्न यूनिट में चल रहा है।

सूत्र के अनुसार मृत दोनों बच्चियों के नाम प्रिया मंडल (ढाई वर्ष), देवश्री मंडल (छह वर्ष) हैं।इनकी मौत घर में ही हो गयी थी। वहीं, मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दो भाईयों विकास मंडल (35) और गोविंद मंडल (29) ने दम तोड़ दिया। दोनों बच्चियां गोविंद मंडल की संतान थीं। घायलों में विकास मंडल की पत्नी राखी मंडल (24), दो पुत्र विशाल मंडल (12) और गोपी मंडल (28) शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज में इनका आपातकालीन स्तर पर इलाज चल रहा है।

मेडिकल कॉलेज के उपाधीक्षक डॉ. ज्योतिष चंद्र दास ने बताया कि घायलों के शरीर का सत्तर फीसदी हिस्‍सा जल गया है। पुलिस सूत्र के अनुसार आरोपी माखन मंडल ने गहरी नींद में सो रहे भाईयों और उनके बाल बच्चों के घर में आग लगा दी। इस दौरान उसने पूरी व्यवस्था कर ली थी कि परिवार का कोई व्यक्ति जिंदा नहीं बचे। 

जानकारी के अनुसार गहरी नींद में सो रहे मंडल परिवार के सदस्यों के कमरों में आरोपी ने टाली खोलकर दाखिल होने के बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। उसके बाद बाहर से छिटकनी लगा दी ताकि कोई बाहर निकलकर बच न जाये। हत्यारोपी ने सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया था। घटना के बाद पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जिला परिषद के सभाधिपति गौड़चंद्र मंडल और मानिकचक थाना के अधिकारी पीड़ित परिवार के घर पहुंचे।

पुलिस सूत्र ने बताया कि मंडल परिवार के अभिभावक गेदुधर मंडल (59) थे। उनकी दो साल पहले एनवीएफ में सेवारत अवस्था में मृत्यु हो गयी थी। उनके चार बेटे, सबसे बड़े विकास, मझले गोपी, संझले माखन और छोटे गोविंद मंडल हैं। चारों भाई एक ही घर में रहते थे।

पिता के देहांत के बाद छोटे पुत्र गोविंद मंडल को एनवीएफ में नौकरी मिली। वर्तमान में वह मालदा टाउन स्टेशन में जीआरपी में तैनात है। घटना का आरोपी माखन मंडल पहले ही सिविक वॉलेंटियर के पद पर मानिकचक थाने में तैनात था। इसलिए छोटे पुत्र गोविंद को पिता की जगह नौकरी मिली। इसके लिए दो अन्य भाईयों ने रजामंदी दी थी। लेकिन संझला बेटा माखन मंडल इस नौकरी पर दावा कर रहा था।

उसी को लेकर भाईयों में अरसे से विवाद चल रहा था। तीनों भाईयों के साथ माखन का इस मसले पर गहरा मतभेद था। उसी के बाद माखन ने तीनों भाईयों से बदला लेने की योजना बनायी। उसने पेट्रोल डालकर इस तरह आग लगायी कि कोई बचकर बाहर न निकल सके। अंदर से ही उन सभी की चीख पुकार आसपास के लोगों ने सुनी तो कमरों के दरवाजे खोले गये। तब तक माखन मंडल भाग गया था।

मानिकचक थाना के आईसी कुणाल कांति दास ने बताया कि अग्निकांड में चार लोगों की मौत हुई है। जबकि पांच का इलाज मालदा मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।. पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है। इस सिलसिले में दो को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।


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