पहाड़ पर भाजपा को मजबूत करने में लगी पार्टी
2016 में दार्जिंिलग से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार रही शारदा राई सुब्बा ने थामा पार्टी का झंडा
2016 में दार्जिंिलग से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार रही शारदा राई सुब्बा ने थामा पार्टी का झंडा
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारतीय जनता पार्टी तेजी से अपने सहयोगियों के साथ तेजी से पहाड़ पर अपनी पार्टी को मजबूत करने में गली है। पहले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा बिमल गुरुंग से जुड़े ज्यादातर नेताओं ने पार्टी का दामन थाम लिया था। इसी कड़ी में दार्जिलिंग की 2016 में तृणमूल कांग्रेस की विधायक उम्मीदवार शारदा राई सुब्बा ने सांसद राजू बिष्ट के हाथों भाजपा का झंडा थामा। इस मौके पर दार्जिंिलग हिल्स के जिलाध्यक्ष कल्याण देवान समेत अन्य नेता मौजूद थे। सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने कहा कि यह तो शुरुआत है। जल्द ही सिलीगुड़ी से तृणमूल कांग्रेस के जिला कमेटी के जुड़े कई नेता पार्टी में शामिल होंगे। इसके लिए वे लगातार भाजपा से संपर्क में है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संबंध में इतना ही कहना है कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे ममता ने ठगा नहीं। पार्टी और नेत्री पर यह कहावत पूरी तरह फीट बैठती है। यह कोई आरोप नहीं है बल्कि उनके करीबी के पार्टी छोड़कर आने के बाद यही बातें सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि सुवेंदु अधिकारी,मुकुल राय,अर्जुन सिंह की आरोपों को राजनीतिक बताने वाली ममता बनर्जी और उनकी सरकार अब दिनेश त्रिवेदी,सोनाली गुहा और दिनेश बजाज के संबंध में क्या कहेंगी। ये सभी तो ममता बनर्जी के काफी करीबी और सहयोगी रहें है। तृणमूल कांग्रेस नेत्री सोनाली गुहा ने तो मीडिया के सामने स्पष्ट किया है कि वह भाजपा से टिकट नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए सिर्फ प्रचार के लिए अनुमति मांग रही है। सतगछिया से एक बार नहीं चार-चार बार की विधायक रही सोनाली गुहा ममता बनर्जी को सत्ता में पहुंचाने वाली महिला बिग्रेड की अहम कड़ी मानी जाती रही है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय से कहा कि है कि राजनीतिक शख्सीयत होने के कारण वह एक सम्मानजनक पद की इच्छा रखती है। राजू बिष्ट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में तृणमूल कांग्रेस के नेता और पार्टी कार्यकर्ता सिर्फ सम्मान के लिए उसे छोड़ भाजपा में योगदान को तैयार है। बड़ी संख्या में पार्टी के कई नेता विधायक और सांसद भाजपा से लगातार संपर्क मे है।इससे स्पष्ट हो गया है कि तृणमूल कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज मानकर उससे निकलकर भाजपा जैसी राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने वाली पार्टी में शामिल होना चाहते है।