Move to Jagran APP

भूटानी ट्रकों के खिलाफ आंदोलन और तेज

-फूलबाड़ी सीमा पर माहौल गरमाया -बांग्लादेश बोल्डर निर्यात बंद जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 09:07 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 09:07 PM (IST)
भूटानी ट्रकों के खिलाफ आंदोलन और तेज
भूटानी ट्रकों के खिलाफ आंदोलन और तेज

-फूलबाड़ी सीमा पर माहौल गरमाया

loksabha election banner

-बांग्लादेश बोल्डर निर्यात बंद जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत-बांग्लादेश सीमांत फूलबाड़ी में भूटानी ट्रकों के खिलाफ आंदोलन और तेज हो गया है। फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन और फूलबाड़ी ट्रक ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले आंदोलन जारी है। इस आंदोलन की वजह से बीते तीन दिनों से फूलबाड़ी सीमांत से बांग्लादेश बोल्डर निर्यात पूरी तरह से बंद है। आंदोलनकारियों ने बोल्डर लदे भूटानी ट्रकों को भी जाने से रोक दिया है। इससे इस सीमा पर माहौल गरमाया हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले एक महीने से बोल्डर लदे भारतीय ट्रकों का बांग्लादेश जाना बंद है। कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में भारतीय बोल्डरों की मांग ही नहीें है। इसी के खिलाफ फूलबाड़ी ट्रक ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन ने मोर्चा खोल कर भूटानी ट्रकों को रोक दिया है। आंदोलनकारी संगठनों ने फूलबाड़ी सीमांत पर सिंडिकेट राज का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भूटान ट्रकों से अधिक उगाही के लिए भारतीय ट्रकों को गहरी साजिश के तहत रोक दिया गया है। बीते एक महीने से भारतीय ट्रक बंद रहने से मालिक, चालक व खलासी की परेशानी बढ़ गई है। जबकि भूटान की ओवरलोड ट्रकें भारतीय नियमों की धज्जियां उड़ाकर सीमा पार कर रही है। इनके पास लोडिंग व भार माप की पर्ची तक नहीं होती है। आरोप है कि आरटीओ व कस्टम विभाग आंख बंद कर है।

कहां हो रही है हेराफेरी

दूसरी ओर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूटान के ट्रक अंडरलोड लेकर भारत-भूटान सीमा करते हैं। इसके बाद अलीपुरद्वार व डुआर्स इलाके की नदियों से बोल्डर ओवरलोड कर जलपाईगुड़ी के रास्ते फूलबाड़ी सीमा पार कर बांग्लादेश जाते हैं। इससे भारत सरकार को भी टैक्स में चूना लगा रहा है। भारतीय ट्रकों को सीमा पार करने की व्यवस्था नहीं किये जाने तक भूटान ट्रकों को भी नहीं जाने दिया जाएगा।

क्या कहते हैं आंदोलनकारी

फूलबाड़ी ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष सह फूलबाड़ी-2 नंबर ग्राम पंचायत सदस्य अब्दुल खालेक का कहना है कि बोल्डर निर्यात करने की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है। दिल्ली में कार्यालय 10 बजे खुलता है। इसके बाद ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से निर्यात की प्रक्रिया पूरी कर गाड़ी सीमांत तक पहुंचाने में घड़ी का कांटा सुबह 11 के पार हो जाता है। जबकि भूटान की गाड़ी सुबह छह बजे से ही सीमा लांघने लगती है। फलस्वरूप भूटानी बोल्डर लदे ट्रक अधिक संख्या में जा रहे हैं। इसी को लेकर समस्या गहराई है। वहीं ट्रकों का ओवरलोड नियंत्रण की जिम्मेदारी प्रशासन की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.