Move to Jagran APP

अब शीला के तीनों शावकों को देख सकेंगे पर्यटक

- बंगाल सफारी के निदेशक बादल देवनाथ ने बताया कि तीनों शावकों को गुरुवार को बंगाल सफारी पाक

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:30 PM (IST)
अब शीला के तीनों शावकों को देख सकेंगे पर्यटक
अब शीला के तीनों शावकों को देख सकेंगे पर्यटक

- बंगाल सफारी के निदेशक बादल देवनाथ ने बताया कि तीनों शावकों को गुरुवार को बंगाल सफारी पार्क के टाइगर सफारी क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर से थोड़ी दूर सेवक रोड के पाच माइल स्थित नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल्स पार्क (बंगाल सफारी) में अब लोग बाघिन शीला के तीनों शावकों को देख सकेंगे जो कि अब पाच महीने 10 दिन उम्र के हो गए हैं। बंगाल सफारी के निदेशक बादल देवनाथ ने बताया कि तीनों शावकों को गुरुवार को बंगाल सफारी पार्क के टाइगर सफारी क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा जहा लोग तीनों शावकों को खुले जंगल में देख सकेंगे।

loksabha election banner

याद रहे कि बीते 12 अगस्त को शीला ने एक साथ तीन शावकों को जन्म दिया था। यह दूसरी बार था कि उसने एक साथ तीन शावकों को जन्म दिया। इससे पूर्व भी उसने एक साथ इका, कीका, रिका को जन्म दिया था। शीला के उन नवजात शावकों का नामकरण भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही इका, कीका, रिका किया था।उनमें इका की मौत हो गई जबकि कीका व रीका पूरी तरह स्वस्थ हैं और मजे में हैं। नए तीनों शावक भी पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपनी मा के संग खूब अठखेलिया करते देखे जा रहे हैं। मा शीला भी अपने तीनों नवजात शावकों का खूब दुलार-पुचकार करती देखी जा रही है। वर्तमान में नए जन्मे बाघिन शीला के तीनों शावकों का नाम रखने के लिए राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भी लिख चुके हैं। अब सभी को मुख्यमंत्री द्वारा इन नवजात शावकों के नामकरण का इंतजार है। इधर, कोरोना महामारी व लॉकडाउन के मद्देनजर कई महीनों तक बंद रहने के बाद बीते दो अक्टूबर को बंगाल सफारी पार्क आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था। मगर फिर, कोरोना के मद्देनजर सैनिटाइजेशन हेतु उसे फिर हफ्ते भर के लिए बंद कर दिया गया। उसके बाद से बंगाल सफारी फिर खुल गया। जहा रोजाना पर्यटकों की अच्छी भीड़ उमड़ती है।

इधर, नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल्स पार्क (बंगाल सफारी) पार्क में बाघों के मनोरंजन के लिए तरह-तरह के साधन लगाए गए हैं जिसका बाघ खूब लुत्फ उठा रहे हैं। इस बारे में बंगाल सफारी पार्क के निदेशक बादल देवनाथ ने कहा कि मोटी-मोटी रस्सियों पर लकड़ी की सिल्लयों से बनाए गए विशेष प्रकार के झूले व लटकने के उपकरण आदि को बंगाल सफारी पार्क के बाघों के बाड़े में लगवाया गया है ताकि बाघ मनोरंजन कर सकें और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें। इन साधनों का बाघ व उनके शावक बहुत ही लाभ उठा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.