सिक्किम में दूधियों के प्रवेश पर लगी रोक हटी
संसू.कालिम्पोंग बंगाल का घरेलू दूध सिक्किम में प्रवेश पर लगी रोक शनिवार से हटा ली गई है। ि
संसू.कालिम्पोंग: बंगाल का घरेलू दूध सिक्किम में प्रवेश पर लगी रोक शनिवार से हटा ली गई है। सिक्किम के पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवा विभाग ने 17 जनवरी को अधिसूचना जारी कर कोरोना के कारण बंगाल से सिक्किम में दूध के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। सिक्किम सरकार के पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवा विभाग ने शुक्त्रवार को एक और अधिसूचना जारी कर कालिम्पोंग के दूधियों और कालिम्पोंग कृषक कल्याण संगठन द्वारा जताए गए विरोध के बाद अब दूधियों को सिक्किम में प्रवेश करने की अनुमति दी है। बाहर से आने वाले किसान यह सुनिश्चित करेंगे कि सिक्किम में चेक पोस्ट के पास का दूध उनकी अपनी गायों या खेतों से निकले और खपत के लिए दूध की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करें। यदि ऐसे दूध की गुणवत्ता और स्वच्छता और सुरक्षा पर सहमति में कोई संदेह है, तो सिक्किम सरकार दूध आपूर्ति में सुधार के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगी। अनुमति इस तरह की शतरें के तहत दी गई है।
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प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत बागधारा का भूमि विवाद शुरू
संसू.कालिम्पोंग: शहरवासियो को प्राकृतिक रूप में पेयजल देने वाले बागधारा का भूमि विवाद पुन: शुरू हो गया है। विवाद राज छेत्री व बागधारा सेवा संघ के बीच है। पता चला है कि बागधारा में अपनी ही जमीन पर परियोजना निर्माण के करने के विरोध में राज छेत्री आगे आए हैं. समिति और क्षेत्रीय निवासियों के अनुसार यदि क्षेत्र में धारा परिसर में कोई परियोजना बनती है तो बागधारा का जल स्त्रोत सूख जाएगा और पानी प्रदूषित हो जाएगा। शनिवार को राज छेत्री ने सर्वे टीम को मौके पर लेकर मिट्टी जाच का काम शुरू किया था। सभी वार्डवासी एक साथ आ गए हैं और क्षेत्र में किसी भी परियोजना को स्थापित करने की अनुमति नहीं देने के पक्ष में खड़े हो गए हैं। एसोसिएशन के लक्ष्मी और संजय विश्वकर्मा का कहना है कि अगर बागधारा सूख जाती है तो कालिम्पोंग वासियों के समक्ष पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो जाएगा। दूसरी ओर जब उक्त मामले में जमीन मालिक राज छेत्री से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जमीन आधिकारिक तौर पर वर्ष 2017 से उनके नाम पर है।
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केंद्र सरकार के कदम का विरोध
संसू.कालिम्पोंग: शनिवार को अखिल भारतीय काग्रेस कमेटी के सदस्य सुरेंद्र कुमार पारख ने अमर जवान ज्योति थीम पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान मुन्ना प्रसाद ने कहा कि अखिल भारतीय काग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने शुक्रवार को दिल्ली में अमर ज्योति जवान में आग बुझाने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए केंद्र सरकार के कदम का कड़ा विरोध किया है। सभा में बसीर अहमद सुल्तान, शिबू छेत्री और नवल छेत्री उपस्थित थे।