अशोक की किताब का हुआ विमोचन
-तीन दशक की राजनीतिक यात्रा की कहानी बताई -देश-विदेश में की गई बैठकों का भी है जिक्र
-तीन दशक की राजनीतिक यात्रा की कहानी बताई
-देश-विदेश में की गई बैठकों का भी है जिक्र
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: राज्य के पूर्व नगर विकास मंत्री व सिलीगुड़ी नगर निगम के पूर्व मेयर तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य की बहुप्रतीक्षित किताब फिरे देखा आमार तिनटी दशक का विमोचन किया गया। शहर के एक होटल में बुद्धिजीवी व राजनीतिक समाज के लोगों के बीच इसका लोकार्पण किया गया। अशोक भट्टाचार्य ने अपनी इस किताब में अपने जीवन के व्यवहारिक, कार्यकारी तथा तार्किक पक्ष को रखा है। उन्होंने किताब के जरिए अपने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले बैठक व सेमिनार के अनुभवों को सबके सामने रखा है। उन्होंने किताब में जहां राजनीति के दिग्गजों की बात की है, वहीं खेल व चलचित्र की दुनिया के महान हस्ती सत्यजीत राय, सौरव गागुली, राहुल द्रविड़ व सानिया मिर्जा से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया है। साथ ही उन्होंने इस किताब में सिलीगुड़ी नगरपालिका के शुरूआती दौर की चर्चा की है। खासतौर से सिलीगुड़ी नगरपालिका के प्रथम चेयरमैन जगदीश भट्टाचार्य को उन्होंने रेखाकित किया है, जो रिश्ते में उनके चाचा थे। इसके अलावा अन्य व्यक्तित्व पर भी उन्होंने अपनी कलम चलाई है। उन्होंने जिक्र किया है कि किस तरह से जगदीश भट्टाचार्य ने नगरपालिका चेयरमैन के रूप में सिलीगुड़ी शहर को एक मूर्त रूप देने का कार्य किया। इसके बाद के चेयरमैनों की क्या भूमिका रही। तमाम असुविधाओं के बीच इन महापुरुषों ने किस तरह से सिलीगुड़ी को दिशा दी, जो आज नगर निगम के तौर पर पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार बन चुका है। वहीं उन्होंने किताब के जरिए राज्य के नगरपालिका व नगर विकास मंत्री रहते हुए नगरपालिका कानून को तैयार करने में उनकी भूमिका तथा उद्देश्य पर प्रकाश डाला है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया है कि किस तरह से विगत वर्षो में नगरपालिका कानून के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास हुआ है। किस प्रकार से नगरपालिका कानून को अप्रभावी बनाने की दिशा में काम किया गया है। विमोचन समारोह में वक्तव्य रखते हुए अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने 20 साल तक मंत्री रहते हुए देश व दुनिया के कई स्थानों का भ्रमण किया है। वहा के सरकारी कार्यक्रमों में शिरकत की। इस दौरान उन्हें काफी कुछ जानने व समझने को मिला। अपने अनुभव को उन्होंने अपनी किताब में साझा किया है। सिलीगुड़ी नगरपालिका के चेयरमैन से आगे बढ़ते हुए मेयर बनने व राज्य सरकार में मंत्री का दायित्व संभालते हुए उन्हें किस प्रकार के अनुभव हुए इसे भी उन्होंने किताब में जगह दी है। उन्होंने इस किताब के जरिए अपने जीवन के तीन दशकों की बात की है। वइ इससे पहले और भी कई किताबें विभिन्न विषयों पर लिख चुके हैं। यह उनकी 10 वीं किताब है।