सिक्किम में बर्फबारी में फंसे पर्यटकों को सेना ने दी फिर शरण
सिक्किम में बर्फबारी में फंसे करीब 150 पर्यटकों को फिर सेना ने एक रेस्क्यू ऑपरेशन करके बाहर निकाला है। ये सैलानी भारी बर्फबारी के बाद रास्ता जाम होने से लाचुंग घाटी में फंसे हुए थे।
By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 03:28 PM (IST)
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। सिक्किम में बुधवार की शाम हुई बर्फबारी में फंसे करीब 150 पर्यटकों को फिर सेना ने एक रेस्क्यू ऑपरेशन करके बाहर निकाला है। ये सैलानी भारी बर्फबारी के बाद रास्ता जाम हो जाने की वजह से लाचुंग घाटी में फंसे हुए थे।
बता दें कि कुछ ही दिनों पहले सेना ने सिक्किम में ही एक अन्य बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन में सेना के जवानों ने गंगटोक और नाथू-ला के रास्ते में फंसे तकरीबन 3 हजार सैलानियों को बाहर निकाला था। इस दौरान सेना के जवानों ने टूरिस्ट्स को राहत देने के लिए अपने बैरक खाली कर दिए थे और उन्हें खाने के लिए अपना भोजन भी दे दिया था।
बुधवार को त्रिशक्ति कॉर्प्स के जवानों ने सैलानियों के वाहनों के शून्य से भी कम तापमान में फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी और उन्हें मेडिकल सुविधाएं देते हुए नजदीकी आर्मी कैंप्स तक पहुंचाया। तकरीबन चार घंटे तक सेना के जवान अपनी जान को जोखिम में डालते हुए बर्फबारी में फंसे सैलानियों को बाहर निकालने में लगे रहे।
सैनिकों ने एक महिला टूरिस्ट्स के हाथ में फ्रैक्चर होने पर उसे दवाइयां उपलब्ध कराने के अलावा कई ऐसे सैलानियों को मेडिकल ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध कराई, जिन्हें चक्कर आने, थकान, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण महसूस हो रहे थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाले गए टूरिस्ट्स को रहने के लिए शिविर और खाने के लिए भोजन भी आर्मी ने उपलब्ध कराया। सेना के जवानों की ऐसी तत्परता देखकर हर सैलानी भावुक था। उनके लिए सेना के जवानों को धन्यवाद कहने के लिए शब्द नहीं मिल रहे थे लेकिन उनके चेहरे की मुस्कुराहट बिना शब्दों के ही सब कुछ कह देने के लिए पर्याप्त थी।
आर्मी सूत्रों के मुताबिक टूरिस्ट एरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन देर रात तक चलता रहा। गुरुवार को बचाए गए सैलानियों को गंगटोक से लाया जा रहा है। इसके बाद वे अपने घरों को जा सकेंगे।
बता दें कि कुछ ही दिनों पहले सेना ने सिक्किम में ही एक अन्य बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन में सेना के जवानों ने गंगटोक और नाथू-ला के रास्ते में फंसे तकरीबन 3 हजार सैलानियों को बाहर निकाला था। इस दौरान सेना के जवानों ने टूरिस्ट्स को राहत देने के लिए अपने बैरक खाली कर दिए थे और उन्हें खाने के लिए अपना भोजन भी दे दिया था।
बुधवार को त्रिशक्ति कॉर्प्स के जवानों ने सैलानियों के वाहनों के शून्य से भी कम तापमान में फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी और उन्हें मेडिकल सुविधाएं देते हुए नजदीकी आर्मी कैंप्स तक पहुंचाया। तकरीबन चार घंटे तक सेना के जवान अपनी जान को जोखिम में डालते हुए बर्फबारी में फंसे सैलानियों को बाहर निकालने में लगे रहे।
सैनिकों ने एक महिला टूरिस्ट्स के हाथ में फ्रैक्चर होने पर उसे दवाइयां उपलब्ध कराने के अलावा कई ऐसे सैलानियों को मेडिकल ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध कराई, जिन्हें चक्कर आने, थकान, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण महसूस हो रहे थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाले गए टूरिस्ट्स को रहने के लिए शिविर और खाने के लिए भोजन भी आर्मी ने उपलब्ध कराया। सेना के जवानों की ऐसी तत्परता देखकर हर सैलानी भावुक था। उनके लिए सेना के जवानों को धन्यवाद कहने के लिए शब्द नहीं मिल रहे थे लेकिन उनके चेहरे की मुस्कुराहट बिना शब्दों के ही सब कुछ कह देने के लिए पर्याप्त थी।
आर्मी सूत्रों के मुताबिक टूरिस्ट एरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन देर रात तक चलता रहा। गुरुवार को बचाए गए सैलानियों को गंगटोक से लाया जा रहा है। इसके बाद वे अपने घरों को जा सकेंगे।
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