सोना तस्कर को कोर्ट से नहीं मिली जमानत
- पूछताछ में बताया नाथुला दर्रे के रास्ते चाइना से लाया था सोना, -सिलीगुड़ी कोर्ट में तस्कर
बरामद हुआ था 27 किलो सोना व दस लाख नगद
-सोमवार को दोबारा होगी कोर्ट में पेशी
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) उत्तर बंगाल की टीम द्वारा शुक्रवार की देर शाम पकड़े गये सोना तस्कर सोनम टापगे भूटिया को शनिवार को डीआरआई ने पेश किया। पेशी के दौरान बचाव पक्ष के वकील अखिल विश्वास ने कई दलील दी परंतु सरकारी वकील त्रिदिप्त साह ने इसे अंतरराष्ट्रीय तस्करी से जोड़कर कई नियमों का हवाला दिया। दोनों पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट की ओर से जमानत नहीं देते हुए सोमवार को आरोपित को दोबारा पेश करने को कहा। कोर्ट में कहा गया कि चाइना से नाथुला दर्रे के रास्ते तस्करी कर लाया या था। डीआरआई ने तस्कर के कार से 27 किलोग्राम सोना व 10 लाख रुपये नगद एक कार से बरामद किया था। तस्कर सिक्किम निवासी सोनम इसके पहले भी व्यापार के आड़ में सोना की तस्करी करता था या नहीं इसकी जांच की जा रही है। सोना,नगदी और कार की कीमत को जोड़ा जाए तो इसकी कीमत 8 करोड़ 84 लाख 92 हजार, 267 रुपये है। नियमानुसार एक करोड़ की राशि से अधिक का सोना पकड़ा जाता है उसे जमानत नहीं दी जा सकती। सोनम टोपगे भूटिया कोई और नहीं बल्कि आयात निर्यात से जुड़ा कारोबारी है, वह चाइना से नाथुला दर्रे से हस्तकला के सामानों का आयात करता है। उसका संबंध नाथुला बॉर्डर ट्रेड वेलफेयर एसोसिएशन से काफी गहरा संबंध है। कोर्ट को बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा को अपना प्रमुख अड़्डा बना लिया है। उत्तर बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों से चालू वित्तीय वर्ष में 110 करोड़ रुपये मूल्य के तस्करी का सोना जब्त किया जा चुका है। इसमें सोने के बिस्कुट और सोने के जेवरात का वजन 430 किलोग्राम है। इसे म्यांमार, चाइना और भूटान सीमा से भारतीय क्षेत्र में तस्करी कर उत्तर बंगाल लाया गया था। इस प्रकार के सोना तस्कर सरगना को जमानत नहीं देकर इससे जुड़े पूरे नेटवर्क को पकड़ने तक इसे सलाखों के अंदर ही रखना चाहिए।