पहाड़ के हर घर से बनें आईएएस और आईपीएस: अनित थापा
-अब किसी भी कीमत पर हिंसक आंदोलन नहीं -विकास और बंद की राजनीति खत्म करना बड़ी प्राथमिक
-अब किसी भी कीमत पर हिंसक आंदोलन नहीं
-विकास और बंद की राजनीति खत्म करना बड़ी प्राथमिकता
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: हम चाहते हैं पहाड़ के हर घर से आईएएस और आईपीएस बनें और गोरखाओं के भविष्य को संवारने का काम करें। यह कहना है गोरखा जनमुक्ति मोर्चा विनय तमाग गुट के राष्ट्रीय महासचिव व जीटीए चेयरमैन अनित थापा का। सोमवार को वह संयुक्त शिक्षक कल्याण समिति द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। दाíजलिंग मोटर स्टैंड में आयोजित सम्मेलन में शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2017 में जब पहाड़ हिंसा की आग में पूरी तरह जल रहा था और आगे का कुछ रास्ता नहीं सूझ रहा था तो शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े बुद्धिजीवियों से परामर्श लेकर विनय तमाग के साथ कोलकाता गए। उसके बाद पहाड़ पर परिवर्तन पथ पर नई सोच नई उमंग के साथ काम प्रारंभ किया। बंद संस्कृति से पहाड़ को मुक्ति दिलाया और विकास के पथ पर चलने लगे। अनित थापा ने कहा कि बड़ी मुश्किल से 3 साल के अंदर मैंने विनय तमांग के साथ मिलकर यहा के युवाओं के भविष्य के लिए जमीन तैयार किया है। अब शिक्षक समाज इस जमीन पर युवाओं की फसल तैयार करवाएं। शिक्षा में क्रातिकारी परिवर्तन के लिए कानूनी लड़ाई लड़ कर शिक्षकों की बहाली करवाई। जीटीए क्षेत्र में एसएससी लागू कराने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नया संकल्प के साथ दाíजलिंग की राजनीति सिर्फ आदोलन और हिंसा की नहीं होगी। हमारी सोच है कि शोषण और अन्याय के विरुद्ध गोरखाओं को न्याय दिलाने के लिए शिक्षा में बड़ा परिवर्तन करें। इसके लिए शिक्षक समाज को ऐसे युवा तैयार करने होंगे जिसके माध्यम से प्रत्येक घर में आईएएस और आईपीएस तैयार हों। शिक्षकों से आह्वान करने आए हैं कि वे अपनी शिक्षा व्यवस्था में ऐसा कुछ करें जिससे यहा के युवा कल जीटीए सचिव, कालिम्पोंग और दाíजलिंग के डीएम और एसपी बनकर हमारे सामने बैठें। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन से ही युवाओं में परिवर्तन होगा। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। शिक्षक समाज वह मूíतकार है जो किसी भी मिट्टी को पूजनीय और वंदनीय बना सकता है। गुरु को इसलिए भगवान से भी ज्यादा महत्व दिया जाता है। जहा तक गोरखालैंड आदोलन की बात है तो इस महत्वपूर्ण और अस्मिता वाले आदोलन को सीके श्रेष्ठ और महेंद्र पी लामा जैसे बुद्धिजीवियों को कुछ जिम्मेदारी देनी चाहिए। वे अहिंसक व गणतात्रिक तरीके से इसका मार्ग प्रशस्त करेंगे। थापा ने कहा कि शाति और परिवर्तन के चले आ रहे इस मार्ग पर एक बार फिर से हजारों तरह की बाधाएं उत्पन्न करने की कोशिश हो रही है जिसका मुकाबला बुद्धिजीवियों को करना होगा। उन्होंने विमल गुरुंग का नाम लिए बिना ही कहा कि एक बार फिर हिंसा के रास्ते पर पहाड़ को ले जाने की कोशिश हो रही है। लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे। क्योंकि उनके साथ हिल्स के ज्यादातर बुद्धिजीवी उनकी सोच और उनके आदोलन के साथ खड़े हैं। शिक्षक
कल्याण समिति की जिला सचिव प्रमिला मुखिया,दीपेंद्र मन, राम लाल तमाग आदि ने कहा कि पहाड़ की जनता के हित में शिक्षक समाज पिछले 3 वर्षो से जिस प्रकार का कार्य किया है,आगे भी विनय तमाग और सपा के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।