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West Bengal Assembly Election 2021: ओवैसी को झटका, बंगाल में एआइएमआइएम के कार्यवाहक अध्यक्ष तृणमूल में शामिल

West Bengal Assembly Election 2021 एआइएमआइएम की बंगाल इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष अब्दुल कलाम विधानसभा चुनाव से अपने समर्थकों के साथ टीएमसी में शामिल हो गए। तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में कलाम ने कहा कि कई वर्षों से बंगाल में शांति का माहौल है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 04:06 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 04:06 PM (IST)
West Bengal Assembly Election 2021: ओवैसी को झटका, बंगाल में एआइएमआइएम के कार्यवाहक अध्यक्ष तृणमूल में शामिल
पश्चिम बंगाल के एआइएमआइएम प्रमुख टीएमसी में शामिल। फाइल फोटो

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal Assembly Election 2021: असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) को तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को एक और झटका दे दिया। एआइएमआइएम की बंगाल इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष अब्दुल कलाम विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले अपने समर्थकों के साथ शनिवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में कलाम ने कहा कि कई वर्षों से बंगाल में शांति का माहौल है और ‘विद्वेष के वातावरण’ को दूर रखने के लिए उन्होंने पार्टी का रुख किया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमने देखा है कि बंगाल शांति का स्थान हुआ करता था। लेकिन कुछ समय से विद्वेष का माहौल हो गया है और इसे ठीक किया जाना चाहिए। इसीलिए मैंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय किया।

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एआइएमआइएम के नेता और उनके समर्थक तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की उपस्थिति में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए। कलाम ने कहा कि एआइएमआइएम को अतीत में बंगाल की राजनीति में प्रवेश करने की कोशिश करनी चाहिए थी और इस समय राजनीति में आने की कोशिश करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इससे बेवजह में वोट कटेंगे, जिसकी जरा भी जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि राज्य में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले वर्ष नवंबर में एआइएमआइएम नेता अनवर पाशा अपने सहयोगियों के साथ तृणमूल में शामिल हुए थे। पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले रविवार को राज्य की यात्रा की थी और पार्टी नेताओं से बातचीत की थी।

इधर, बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) ने कमर कस ली है। हालांकि, प्रदेश के उलमा ने ओवैसी के इस फैसले पर खुशी नहीं जताई है। ओवैसी पर उत्तर प्रदेश और बिहार में मुस्लिम वोट बैंक को बांटकर भाजपा को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे थे। इसे ध्यान में रखते हुए बंगाल में जमात-ए-उलेमा ने ओवैसी की आलोचना करते हुए कहा है कि बंगाल में उनकी दाल नहीं गलने वाली है।

उलमा ने एआइएमआइएम पर मुस्लिम वोटों को बांटने और भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बंगाल के मतदाता एआइएमआइएम को स्वीकार नहीं करेंगे। तृणमूल सरकार में मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने कहा कि बंगाल की राजनीति में एआइएमआइएम और ओवैसी की कोई जगह नहीं है। अन्य मुस्लिम नेताओं ने भी ओवैसी के बंगाल चुनाव में हिस्सा लेने पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने दावा किया है कि एआइएमआइएम का केवल मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन से जीत पाना मुश्किल है। वहीं बंगाल इमाम असोसिएशन ने भी कहा है कि प्रदेश में सांप्रदायिक राजनीतिक के लिए कोई जगह नहीं है।


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