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सरकार बताए छात्रों पर गोली किसने चलाई : अहलूवालिया

कहा, सरकार की जांच पर परिवार वालों को नहीं है भरोसा -पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 09:32 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:32 PM (IST)
सरकार बताए छात्रों पर गोली किसने चलाई : अहलूवालिया
सरकार बताए छात्रों पर गोली किसने चलाई : अहलूवालिया

कहा, सरकार की जांच पर परिवार वालों को नहीं है भरोसा

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-पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच कराए प्रशासन

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : इस्लामपुर में दो छात्रों की मौत गोली लगने से हो गई। जिसकी निष्पक्ष जांच सीबीआइ से कराई जाए। यह मांग इसलिए जायज है, क्योंकि परिवार वालों को इस सरकार के किसी एजेंसी पर भरोसा नहीं है।

यह कहना है कि केंद्रीय राज्य मंत्री सह दार्जिलिंग लोकसभा के सांसद एसएस अहलूवालिया का। वे शनिवार की शाम सिलीगुड़ी स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ जिलाध्यक्ष अभिजीत राय चौधरी और उपाध्यक्ष आनंद बर्मन भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम परिवार वालों के सामने नहीं कराया गया, जो किसी प्रकार से उचित नहीं है। नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में भी जब गोली से आहत युवक को लाया गया तो उसे आइसीयू में नहीं रखा गया था। भाजपा की मांग की है कि दोबारा चिकित्सकों की टीम के सामने पोस्टमार्टम कराई जाए। जिसकी वीडियो रिकार्डिग भी हो। पोस्टमार्टम में मिली गोली की फॉर्रेसिंक जांच कराई जाए। पुलिस और सरकार की ओर से यह कहा जा रहा है कि पुलिस की गोली से उसकी मौत नहीं हुई है। जिस समय छात्रों के साथ पुलिस का संघर्ष चल रहा था उस समय गोली किसने चलाई इसका खुलासा सरकार और प्रशासन करें। गोली चलाने के बाद जब किसी की मौत होती है तो उसे बचाना का यह सरकार हमेशा प्रयास करती है? इसे अब जनता बर्दाश्त नहीं करने वाली। इसका जबाव सरकार को देना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला कि मुख्यमंत्री विदेश दौरे पर जाने के क्रम में राज्य के 22 मंत्रियों को यहां के कामकाज को देखने का जिम्मा देकर गई हैं। वे 22 मंत्री ही बताएं कि यहां गोली क्यों चली और किसने चलवाई ? क्या कारण है कि यहां बांग्ला शिक्षक के बदले उर्दू शिक्षक की जोर जबरदस्ती से नियुक्ति कराने की कोशिश की गई। बार-बार विरोध प्रदर्शन के बाद क्या जरूरत थी। इसका भी जबाव प्रशासन और सरकार को देना होगा। सरकार की नियत पर प्रश्न उठाते हुए सांसद ने कहाकि गोलीकांड का जो भी विरोध कर रहा है, उसे ही सरकार इस कांड के लिए दोषी बताने लगी है। भाजपा और संघ परिवार को इस मामले में बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। झूठे मामले दर्ज कर गिरफ्तारी की जा रही है। यह स्वच्छ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। शहर की एक बच्ची की मौत के मामले में उन्होंने कहा कि बंगाल में ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं कि जांच रिपोर्ट के बाद उसका इलाज हो। जब भाजपा द्वारा 26 को बंद बुलाए जाने की जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि बंद जब लोगों की बात नहीं सुनी जाती, उन्हें न्याय नहीं मिलता दिखता है तो अंतिम गणतांत्रिक रास्ता बंद को चुना जाता है। यही भाजपा ने जनता की मांग तक देश के आवाम तक पहुंचाने के लिए किया है। इसका सभी को समर्थन करना चाहिए।


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